रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने जब हाल ही में जो बाइडन की गीदड़ भभकी पर उन्हें वाद-विवाद करने की चुनौती दी, तो वे यूं ही अमेरिकी राष्ट्रपति को नहीं ललकार रहे थे। द नेशनल पल्स के एक सनसनीखेज लेख में बाइडन के सहायक ने खुलासा किया है कि जो बाइडन की खोखली दलीलों की पुतिन ने न केवल पहले भी धुलाई की है, बल्कि उनके बेटे हंटर बाइडन के कारनामों का कच्चा चिट्ठा भी पुतिन के पास है।
लेकिन ऐसा भी क्या हुआ, जिसके कारण पुतिन से भिड़ने के ख्याल पर ही बाइडन के हाथ पाँव फूल रहे हैं? इसके लिए हमें वर्ष 2011 की ओर रुख करना होगा, जब बाइडन अमेरिका के उपराष्ट्रपति हुआ करते थे। उस दौरान उनके साथ रूस के दौरे पर गए उनके तत्कालीन स्टेनोग्राफर माइक मैककॉर्मिक ने बताया, “व्हाइट हाउस स्टेनोग्राफर के तौर पर मैं पुतिन से पाँच फीट की दूरी पर ठीक उनके पीछे बैठा था। मीटिंग में केवल 10 मिनट ही हुए जब उपराष्ट्रपति बाइडन प्रत्येक अमेरिका-रूस की वार्ता की भांति अपनी पुरानी लाइन से शुरू हो गए, ‘मैं यहाँ बहुत समय से रहा हूँ, जब मैं पहली बार आया था…..’ बस इतने पर ही पुतिन ने बाइडन का माइक बंद कर दिया और वेन्यू की बत्तियाँ बुझा दी”।
हाँ, अपने ठीक पढ़ा है। बाइडन को न सिर्फ रूस के दौरे पर बोलने से रोका गया, बल्कि पुतिन प्रशासन ने बिना एक शब्द कहे जो बाइडन को उसकी औकात बता दी थी। माइक के अनुसार “जो बाइडन हक्के बक्के से रह गए थे। न कोई विरोध, न कोई शिकायत। घनघोर बेइज्जती हुई थी उनकी”।
लेकिन इन सब का बाइडन के बेटे हंटर से क्या लेना देना? दरअसल अगर बाइडन चाहते भी तो भी वे पुतिन की नीतियों का विरोध नहीं कर सकते थे क्योंकि पुतिन बाइडन परिवार, खासकर हंटर बाइडन के काले कारनामों का कच्चा चिट्ठा जानते हैं, और यदि उन्होंने अपना मुंह खोला, तो बाइडन कहीं के नहीं रहेंगे।
वो कैसे? जब बाइडन अमेरिका के उपराष्ट्रपति थे, और यूक्रेन पॉलिसी के अध्यक्ष भी थे, तब उनके नाम पर उनके बेटे हंटर बाइडन ने यूक्रेन से काफी व्यापारिक लेन-देन किया था। ये एक तरह से अमेरिका की नीतियों के विरुद्ध था, परंतु हंटर बाइडन तो खुलेआम अपने पिता के उपराष्ट्रपति होने का नाजायज फायदा उठा रहे थे। इसके साथ ही आरोपों के मुताबिक उन्हें रूस की सबसे अमीर महिला एलेना बातूरिना से 3.5 मिलियन डॉलर का वायर ट्रांसफर भी प्राप्त हुआ था।
न्यू यॉर्क पोस्ट के अनुसार एलेना ने मई से दिसंबर 2015 के बीच ऐसे 11 ट्रांसफर किये थे, और ये प्रारंभ में Rosemont Seneca Partners नामक इनवेस्टमेंट फर्म को गए थे, जिसे हंटर बाइडन और तत्कालीन विदेश मंत्री जॉन केरी के सौतेले बेटे क्रिस हैंज ने स्थापित किया था।
इसके अलावा ये भी सामने आया है कि इनमें से कुछ ट्रैन्सैक्शन ऐसे भी थे जो पूर्वी यूरोप में कथित तौर पर यौन तस्करी से संबंधित थे।
यही कुछ कारण हैं कि जो बाइडन अब चाहकर भी पुतिन के हाथों हुए अपमान का बदला नहीं ले सकते हैं और अब जब पुतिन ने उन्हें खुली बहस की चुनौती दी है तो भी वे इसे स्वीकार करने से भागते दिखाई दे रहे हैं। जिस प्रकार से रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने उन्हे चुनौती दी है, तो अब बाइडन से न कुछ उगलते बन रहा है, न निगलते, क्योंकि वे भली भांति जानते हैं कि यदि पुतिन ने हंटर फाइल्स पर अपना मुंह खोला, तो उनकी सत्ता तक इसकी आंच पहुँच सकती है।