महाराष्ट्र सरकार एक बार फिर से सरकार के खिलाफ उठती हुए आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है। हाल ही में एक मामला सामने आया, जिसमें शरद पवार के ऊपर ट्वीट की वजह से एक ट्विटर उपयोगकर्ता को कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ा है। पुणे ग्रामीण पुलिस ने NCP प्रमुख शरद पवार के बारे में एक कथित आपत्तिजनक ट्वीट पर एक टिप्पणी के लिए अज्ञात ट्विटर यूजर्स के खिलाफ FIR दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
The Indian Express की रिपोर्ट के अनुसार, NCP के एक पदाधिकारी अभिजीत भानुदास जाधव द्वारा बारामती तालुका पुलिस स्टेशन में मामले की FIR दर्ज कराई गई है। पुलिस अधिकारी ने अपने बयान में कहा कि, शिकायतकर्ता के मुताबिक शरद पवार के खिलाफ ट्विटर पर ट्वीट और टिप्पणी कीगई थी।
मामले में IPC की धाराओं के तहत FIR दर्ज की गई है, जो वर्गों के बीच शत्रुता, घृणा या दुर्भावना पैदा करने वाले बयान देने या बढ़ावा देने से संबंधित है। मामले की जांच कर रहे पुलिस अधिकारी ने कहा, “ट्वीट और टिप्पणी दोनों में Content आपत्तिजनक प्रकृति का है। हमने इन ट्विटर खातों की जांच शुरू कर दी है”।
दरअसल, बात यह है कि हाल में हुई एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में शरद पवार, अनिल देशमुख के ऊपर लगे संगीन आरोपों पर उनका बचाव कर रहे थे। इस दौरान शरद पवार ने अनिल देशमुख को बचाने के लिए भरी प्रेस कॉन्फ्रेंस में सफ़ेद झूठ कहा कि जिस दौरान परमबीर ने अनिल के ऊपर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं, उस वक़्त अनिल हॉस्पिटल में भर्ती थे। शरद पवार का यह झूठ ज्यादा देर तक टिक नहीं पाया और वहां मौजूद एक रिपोर्टर ने सबूत के साथ दावा किया कि अनिल हॉस्पिटल में भर्ती नहीं, बल्कि उस दौरान किसी निजी सभा में मौजूद थे।
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चारों तरफ से घिरने के बाद महाविकास अघाड़ी सरकार की बौखलाहट साफ नज़र आ रही है। वो हर संभव कोशिश कर रही है कि कोई उनके खिलाफ आवाज़ न उठा पाए। बता दें कि, शरद पवार के झूठ का वीडियो क्लिप ट्विटर पर वायरल हो रहा था, जिस पर शैफाली वैद्य्या ने वीडियो के साथ ट्वीट किया,“किती खोटं बोलणार ह्या वयात ?” इस ट्वीट पर बहुत लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया दी, लेकिन वेदाश्री नामक ट्विटर यूजर का ट्वीट NCP के कार्यकर्ताओं को इतना ज्यादा बुरा लगा कि उन्होंने वेदाश्री के खिलाफ FIR दर्ज करा दी। गौरतलब है कि, वेदाश्री के ट्वीट में ऐसा कुछ भी आपत्तिजनक नहीं था, ट्वीट कुछ इस प्रकार था, “बौखलाहट तो देखो ऐसी मानो गरम तवे पर रख दिया हो, दादा मजौ आ गयो।” इसके बाद वेदाश्री का ट्विटर अकाउंट भी बंद कर दिया गया।
किती खोटं बोलणार ह्या वयात? @PawarSpeaks pic.twitter.com/wZQvt83ZuK
— Shefali Vaidya. 🇮🇳 (@ShefVaidya) March 22, 2021
महाराष्ट्र सरकार के इस प्रकार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का गला घोंटने का मामला पहली बार सामने नहीं आया है, इससे पहले शिवसेना के गुंडो ने एक बुजुर्ग के ऊपर हमला किया था, जब उन्होंने अपने फेसबुक अकाउंट पर उद्धव सरकार के कामकाज को लेकर आलोचना की थी। उसके बाद एक नेवी अफसर जिसने अपने व्हाट्सएप्प पर उद्धव ठाकरे का कार्टून साझा किया था, उनके ऊपर भी शिवसेना के गुंडों ने हमला किया था। महाराष्ट्र सरकार की यह हरकत एक दो बार नहीं, बल्कि कई बार सामने आ चुकी है।
लेकिन वर्तमान समय में शिवसेना की बौखलाहट निजी बचाव से ज्यादा सरकार बचाने के लिए है। हाल ही में मुंबई में हुआ 84 अफसरों का तबादला भी यह ही दिखाता है कि महाराष्ट्र सरकार अपने खिलाफ भविष्य में उठने वाली आवाज़ को पहले ही दबा देना चाहती है। वेदाश्री का ट्वीट एक व्यंग्य से ज्यादा कुछ नहीं था, लेकिन NCP के नेता ने उसके ऊपर कानूनी कार्रवाई कर दी।, जिसके परिणामस्वरूप आज वेदाश्री का ट्विटर अकाउंट को बंद कर दिया गया है।
हमारे देश में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए लड़ने वाले लिबरल मीडिया और कार्यकर्ताओं की कोई कमी नहीं है, लेकिन वह सिर्फ सबके लिए नहीं है।