तृणमूल कांग्रेस की मुखिया ममता बनर्जी ने पिछले शुक्रवार को 291 उम्मीदवारों की सूची को जारी किया। इन उम्मीदवारों में बंगाल के राजनेता कम और अभिनेता ज़्यादा हैं। TMC ने ज़मीन से जुड़े नेताओं के अभाव में अब कई Celebrities को मैदान में उतारा है। दूसरी ओर ममता बनर्जी ने अपने मौजूदा 27 MLAs को टिकट ही नहीं दिया और उनकी जगह Celebrities को मौका दिया गया है।
कमाल की बात यह है कि जितने बंगाली सितारों को तृणमूल कांग्रेस ने टिकट दिया है, वो हाल ही में पार्टी से जुड़े थे जबकि पुराने मौजूदा 27 विधायकों का टिकट काट दिया गया है। तृणमूल कांग्रेस ने आगामी चुनाव मे 6 बंगाली टीवी कलाकारों और बंगाली फिल्म सितारों के साथ ही कीर्तन गायक, पूर्व आईपीएस अफसर, दलित लेखक अथवा दो खिलाड़ियों को भी मौका दिया है।
ममता बनर्जी यह कारनामा पहले भी कर चुकी हैं, वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान तृणमूल कांग्रेस की तरफ से दो टॉलीवुड सितारों को मौका दिया गया था, जिनका नाम मिमी चक्रवर्ती और नुशरत जहां है । उससे पहले 2014 लोकसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस ने बंगाली सिनेमा के कलाकार तपस पाल, सतबी रॉय, मून मून सेन ओर संध्या रॉय को भी मौका दिया था। मिथुन चक्रवर्ती, हिन्दी और बंगाली फिल्म अभिनेता जिन्होंने हाल ही में बीजेपी का दामन थामा है, वो भी पहले तृणमूल कांग्रेस की तरफ से राज्यसभा सांसद थे।
ममता बनर्जी ओर तृणमूल कांग्रेस की राजनीतिक यही रही है कि ज्यादा से ज्यादा चर्चित सितारों को चुनाव मे नए उम्मीदवारों के रूप में मौका दिया जाए। इन Celebrities की चमक-धमक के सामने मौजूदा नेताओं की विफलता छुप जाए, और भोली-भाली जनता सितारों को देख कर अथवा तृणमूल कांग्रेस के कुशासन को भूल कर उसके नए उम्मीदवारों को फिर से मौका दे। सीधे शब्दों मे यह भी कह सकते हैं कि जब जनता ममता बनर्जी से विफलता का हिसाब मांगती है तो ममता बनर्जी जवाब देने की बजाय नया चेहरा मैदान में उतार देती हैं।
लेकिन इस बार नए चेहरों को मौका देने के पीछे एक और बड़ा कारण यह है कि पिछले कुछ महीनों में ज़मीन से जुड़े असंख्य TMC नेता भाजपा का दामन थाम चुके हैं। अब आलम यह है कि ममता बनर्जी को मजबूरन नए चेहरों के ऊपर भरोसा करना पड़ रहा है। ममता बनर्जी की रणनीति यही है कि ज़मीन से जुड़े नेताओं के अभाव में सितारों को ही टिकट दिया जाये ताकि TMC को उनके glamour के आधार पर ही कुछ वोट मिल सकें।
5 मार्च को प्रेस वार्ता के दौरान ममता बनर्जी ने कहा था कि “मैंने सितारों को उम्मीदवार इसलिए बनाया है क्योंकि वो नौजवान हैं और जनता को आकर्षित करते हैं।” इस बात से यह साफ़ ज़ाहिर होता है कि ममता बनर्जी कर्मठ, अनुभवी और ज़मीन से जुड़े नेताओं से ज्यादा ग्लैमर के आधार पर उम्मीदवार चुन रही हैं।