एक हफ्ते के अंदर अंदर भारत को दोहरी खुशखबरी मिल रही है। ना केवल यूके ने भगोड़े अपराधी नीरव मोदी के भारत प्रत्यर्पण का मार्ग प्रशस्त किया है, अपितु उसके चाचा मेहुल चोकसी को शरण देने वाला Antigua भी अब इस निर्णय पर पुनर्विचार कर रहा है।
Antigua ऑब्जर्वर ने 2019 में ही मेहुल चोकसी के नागरिकता जो रद्द करने की मांग की थी, और अब यह सुनने में आ रहा है कि एंटीगा सरकार इसी दिशा में सार्थक प्रयास भी कर रही है।
बता दें कि नीरव मोदी करीब 13500 करोड़ रुपए के घोटाला करके भागा है। ऐसे में भारत सरकार उसके प्रत्यर्पण के सभी संभव प्रयास कर रही है। इसमें उसके चाचा मेहुल चोकसी का भी बराबर का हाथ रहा है। जहां नीरव यूके भाग गया तो वहीं मेहुल चोकसी ने Antigua में शरण ली। नीरव मोदी को मार्च 2019 में यूके पुलिस ने हिरासत में लिया और अब उसके भारत प्रत्यर्पण का रास्ता साफ हो चुका है।
प्रत्यर्पण करते हुए यूके कोर्ट ने नीरव मोदी के अपराध को रेखांकित करते हुए कहा, “लंदन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट के जज सैमुअल गोजी ने माना कि नीरव मोदी का भारत को प्रत्यर्पण देना बिल्कुल सही है”। उन्होंने कहा, “लाइन ऑफ क्रेडिट को भुनाने में बैंक के अधिकारियों समेत अन्य आरोपियों की मिलीभगत के पुख्ता सबूत मौजूद हैं। यहां तक खुद नीरव मोदी भी PNB को पत्र लिखकर भारी बकाया होने और उसे जल्दी चुकाने की बात स्वीकार कर चुका है।”
जज ने फैसला सुनाते हुए कहा, “यह पूरी तरह से स्पष्ट है कि नीरव मोदी को भारत में कई सवालों के जवाब देने हैं। भारत में जाने पर उसे दोषी करार दिए जाने की पूरी संभावना है। नीरव मोदी की ओर से दिए कई बयान आपस में मेल नहीं खाते हैं। पहली नजर में सबूत नीरव के खिलाफ जाते हैं”।
वहीं, Lionel Hurst , Chief of staff of the Antiguan Prime Minister, ने बताया कि आम तौर पर नागरिकता हटाने में 7 वर्ष लगते हैं, लेकिन यदि कानूनी अड़चनें नहीं आई, तो जल्द ही मेहुल चोकसी को भी भारत प्रत्यर्पित किया जाएगा।
2018 में भी भारत सरकार ने Antigua से मेहुल को प्रत्यर्पित करने का प्रयास किया था, परंतु कानूनी अड़चनें के कारण वह बच निकला। लेकिन अब सीबीआई और ईडी पूरी तरह तैयार है, और जल्द ही मेहुल चोकसी भी भारत के न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत होगा।

























