भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्तों में सुधार की उम्मीद तो सभी करते हैं, लेकिन वहीं अंदर की आवाज़ हमेशा ‘अच्छे –रिश्ते’ के खिलाफ सचेत किया है। 24 मार्च को पाकिस्तान दिवस के दिन, भारत के प्रधानमंत्री मोदी ने औपचारिक तौर पर इमरान खान को बधाई दी। इस दौरान उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के साथ अच्छे रिश्ते की उम्मीद तभी की जा सकती है, जब पाकिस्तान आतंकवाद का भरण-पोषण करना बंद कर देगा।
बीते समय के घटनाक्रम पर ध्यान दें तो यह साफ संकेत मिलता है कि पाकिस्तान भारत से अपने रिश्ते सुधारना चाहता है। इसके जवाब में भारत ने भी अपने ओर से रिश्ते सुधारने के लिए संकेत दिये हैं। ऐसे में यह उम्मीद की जा रही थी कि, भारत के प्रधानमंत्री मोदी पाकिस्तान से बहुत नरमी और भाईचारे के साथ पेश आएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। भारत के प्रधानमंत्री वर्तमान को देखते हुए, इतिहास को नहीं भूल सकते हैं। पीएम मोदी के पत्र में संदेश साफ नज़र आ रहा था।
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प्रधानमंत्री मोदी ने अपने खत में लिखा,“भारत पाकिस्तान के साथ बेहतर संबंध की इच्छा रखता है। इसके लिए आतंक का खात्मा का होना जरूरी है। कोरोना काल मानवता के लिए बेहद मुश्किल भरा है। मैं आपको और पाकिस्तान की जनता को इस चुनौती से बहादुरी से निपटने की कामना करता हूं।”
प्रधानमंत्री मोदी के खत के जवाब में पाकिस्तान के मंत्री असद उमर ने अपने ट्वीट के जरिये कहा, “PM नरेंद्र मोदी के ज़रिए 23 मार्च को भेजा गया पैग़ाम एक बेहतरीन कदम है। PM बनने के बाद से ही इमरान खान दक्षिण एशिया में अमन की पहल करते रहे हैं और तमाम पड़ोसियों से शांति बरकरार रखने की अपील कर रहे हैं।”
गौरतलब है कि हाल ही में, UAE ने पाकिस्तान को सख्त हिदायत दी है कि वह भारत के साथ रिश्ते में सुधार लाए। इसके पीछे का कारण यह बताया जा रहा है कि पाक ने UAE से बहुत ज़्यादा कर्ज लिया हुआ है और UAE अब कर्ज को चुकाने की मांग कर रहा है। पाकिस्तान के पास कर्ज चुकाने के लिए पैसा नहीं है, जिसके जवाब में UAE ने उससे आतंकवाद पर अंकुश लगाने की बात कही और भारत के साथ रिश्ते सुधारने पर भी ज़ोर दिया है।
कर्ज के दबाव में पाकिस्तान ने भारत के साथ सीजफायर समझौता करने की पहल की, जिसको भारत ने भी स्वीकार किया। यही नहीं कुछ दिनों पहले पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष जनरल क़मर अहमद बाजवा ने एक मौके पर कहा कि भारत और पाकिस्तान को पुराना सब कुछ भुला कर, नई शुरुआत करनी चाहिए।
जो कल तक भारत के खिलाफ केवल जहर उगलने का काम करते थे, वो अब अचानक से मीठा बोलने लगे हैं, लेकिन आज का हिंदुस्तान किसी की कही हुई बातों में कतई नहीं आने वाला। इसका सबसे बड़ा उदाहरण प्रधानमंत्री मोदी ने स्वयं दिया है। पाक दिवस पर दिये संदेश में यह साफ संकेत मिल रहा है कि पाकिस्तान चाहे कितना भी मीठा क्यों न बोले, भारत उसकी बातों में कभी नहीं आने वाला।
अगर हम इतिहास पर नज़र डालें तो यह ट्रेंड देखने को मिलेगा कि, पाकिस्तान ने हमेशा पीछे से भारत के पीठ में छुरा घोंपने का काम किया है। चाहे आप कारगिल युद्ध की बात करें या पठानकोट हमले की, पाक का ट्रेंड नहीं बदला है। भारत भी बीते समय में पाक पर विश्वास करने की कई बार गलती कर चुका है, लेकिन मोदी सरकार का रुख हमेशा से साफ रहा है। जब तक पाक आतंकवाद को पनपने के लिए ज़मीन देगा और आतंकवादियों को रहने के लिए घर देगा तब तक भारत- पाकिस्तान के बीच कुछ ठीक नहीं हो सकता। हक़ीक़त यह है कि पाक का आतंकवाद प्रेम कभी खत्म नहीं हो सकता है और न ही भारत के लिए खिलाफ दुश्मनी।