दक्षिण चीन सागर में बढ़ती चीनी आक्रामकता के बीच अब ताइवान ने ऐलान किया है कि वह बड़ी संख्या में लंबी दूरी की मारक क्षमता वाली मिसाइल्स का उत्पादन कर रहा है, जो आसानी से चीन की राजधानी बीजिंग को निशाना बना सकती हैं। संसद में बोलते हुए ताइवान के रक्षा मंत्री Chiu Kuo-cheng ने हाल ही में कहा “लंबी दूरी तक मार करने की मिसाइल्स हासिल करना अभी हमारी प्राथमिकता है।” ताइवान के अधिकारियों ने साथ ही में इस बात की भी पुष्टि की है कि वे मिसाइलों के तीन अन्य प्रकार के मॉडल्स भी तैयार कर रहे हैं।
ताइवान की सरकारी कंपनी National Chung-Shan Institute of Science and Technology इस मिसाइल को विकसित कर रही है और मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार एक प्रकार की लॉन्ग रेंज मिसाइल का बड़ी संख्या में उत्पादन करना शुरू भी कर दिया गया है। यह संस्था पिछले कुछ महीनों से ताइवान के दक्षिण-पूर्वी तट पर मिसाइलों का परीक्षण भी कर रही है। ताइवान ने पारंपरिक रूप से चीनी हमले को रोकने के लिए एक defensive strategy अपनाने का ही रास्ता चुना था, लेकिन अब ताइवान ने स्पष्ट कर दिया है कि वह अपनी रक्षा के लिए आक्रामक सुरक्षा नीति भी अपना सकता है।
ताइवान की राष्ट्रपति Tsai Ing-wen इस प्रोजेक्ट को पूरे ज़ोर शोर से समर्थन दे रही हैं और उनका मानना है कि ताइवान को लंबी रेंज के साथ-साथ ऐसी मिसाइल का उत्पादन करना चाहिए जिन्हें ताइवान के तट से ही चीन पर दागा जा सके! यह खबर ऐसे समय में आई है जब हाल ही में अमेरिका और ताइवान ने ताईवानी कोस्ट गार्ड से संबन्धित एक समझौते को पक्का किया है। अमेरिका और ताइवान के बीच हुए समझौते के तहत ताइवान और अमेरिका ने maritime safety, बचाव और राहत कार्य, fisheries enforcement और समुद्री पर्यावरण जैसे क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने की बात कही है।
हालांकि, विश्लेषकों द्वारा यह समझौता कमजोर माना जा रहा है। अमेरिका-ताइवान का यह समझौता सुरक्षा की दृष्टि से कम और पर्यावरण और जलवायु की दृष्टि से अधिक महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इतना ही नहीं, अमेरिका में बाइडन प्रशासन ने सत्ता में आने के बाद “One China Policy” के प्रति अपनी प्रतिबद्धता भी ज़ाहिर की थी। ट्रम्प प्रशासन के समय अमेरिका ने ताइवान के साथ कूटनीतिक रिश्ते मजबूत करने हेतु एक के बाद एक कई कदम उठाए थे, लेकिन कमजोर बाइडन प्रशासन के बाद अब ताइवान ने अपनी सुरक्षा का जिम्मा अपने हाथों में लेने का फैसला लिया है।
Tiawan द्वारा long range missiles का उत्पादन का फैसला ऐसे समय में लिया गया है जब चीन ने अपनी कोस्ट गार्ड को “दुशमनों के जहाजों पर ओपन फायर करने” की खुली छूट दे दी है। चीन के इस फैसले के खिलाफ जापान पहले ही अपनी कोस्ट गार्ड को भी “आक्रामक जहाजों” पर गोली दागने की अनुमति प्रदान कर चुका है। दूसरी ओर फिलीपींस ने अपने Exclusive Economic Zone में मौजूद 200 से अधिक चीनी नौकाओं को खदेड़ने के लिए अपने नेवल जहाज़ तैनात करने का फैसला लिया है। अब रही सही कसर Taiwan ने पूरी कर दी है जो चीन को सबक सिखाने के लिए सीधा मिसाइल निर्माण के क्षेत्र में कूदने जा रहा है। इससे पहले जापान की ओर से भी इस बात पर चर्चा की जा रही है कि अगर चीन ताइवान पर कोई हमला करता है तो वह ताइवान की रक्षा के लिए आगे आएगा। स्पष्ट है की चीनी आक्रामकता को चारों ओर से मुंह तोड़ जवाब दिया जा रहा है और अब ताइवान अपनी मिसाइलों के जरिये ही चीनी हेकड़ी को ठिकाने लगाने का काम करेगा!