पड़ोसी देश पाकिस्तान की आतंकवाद को पालने की प्रवृत्ति के कारण भारत ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसके असल चेहरे को इस हद तक प्रसारित और प्रचारित कर दिया है कि पाकिस्तान अब अलग-थलग पड़ चुका है। इसके चलते अब वहां की आर्थिक स्थिति भी बद से बदतर हो गई है। इन परिस्थितियों के कारण अब पाकिस्तान एक बार फिर भारत से शांति स्थापित करने की बात करने लगा है। इस बार ये पहल पाकिस्तानी आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा ने की है। उनका कहना है कि वो भारत के साथ अपने रिश्तों को बेहतर करना चाहते हैं, लेकिन बाजवा के इस बदले रुख की वजह अमेरिका है क्योंकि वो अमेरिका की नजरों में शांति प्रिय बनकर एक बार फिर उससे फंड हासिल करना चाहते हैं, जो कि उनकी कटोरा लेकर भीख मांगने की स्थिति को दर्शाता है।
पिछले काफी दिनों से पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर में सीज़फायर का उल्लंघन कर रहा है, वहीं भारत की तरफ से मुंहतोड़ जवाब मिलने से पाकिस्तान के सुर बदल गए हैं। पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति बर्बाद हो चुकी है, और उसे इस स्थिति में पहुंचाने में बड़ी भूमिका भारत की ही है। ऐसे में अब पाकिस्तान भारत के साथ अपने रिश्तों को बेहतर करने की बात करने लगा है। कल तो जो पाक आर्मी चीफ प्रत्येक मुद्दे पर भारत के खिलाफ जहर उगलते थे, वही आज भारत के साथ रिश्तों को बेहतर करने के लिए शब्दों को चाश्नी को में डुबोकर बोल रहे हैं।
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कमर जावेद बाजवा का कहना है कि भारत पाक के बीच कश्मीर का मुद्दा हल हो, और फिर दोनों देशों के बीच रिश्ते सामान्य हों। उन्होंने कहा, “ये समझना महत्वपूर्ण है कि शांतिपूर्ण तरीकों से कश्मीर विवाद के समाधान के बिना मैत्रीपूर्ण संबंध हमेशा ख़तरे में रहेंगे। जो कि राजनीति से प्रेरित आक्रामकता की वजह से पटरी से उतर सकते हैं। बहरहाल हमारा मानना है कि यह समय अतीत को भुलाकर आगे बढ़ने का है।”
बाजवा चाहते हैं कि भारत और पाकिस्तान अपने सभी मुद्दे शांति के साथ हल करें, और उनका कहना है कि भारत को इसके लिए पहल भारत को करनी चाहिए। उन्होंने कहा, “शांति प्रक्रिया की बहाली या शांतिपूर्ण संवाद के लिए हमारे पड़ोसी को उसके लिए माहौल बनाना होगा, ख़ासतौर पर कश्मीर में वैसा माहौल होना चाहिए।” उन्होंने कहा, “भारत–पाकिस्तान के स्थिर संबंध, पूर्व और पश्चिम एशिया के बीच संपर्क सुनिश्चित करके दक्षिण और मध्य एशिया में संभावनाओं के द्वार खोलने की कुंजी हैं।”
दिलचस्प बात ये है कि इससे पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी भारत से रिश्ते अच्छे करने की बात कही थी, उनका कहना था कि पाकिस्तान से रिश्तों को बेहतर कर भारत मध्य एशिया में अपने लिए अपार व्यापारिक आयाम हासिल कर सकता है। साफ है कि पाकिस्तान अचानक भारत के साथ रिश्तों को बेहतर करने की बात कर रहा है, लेकिन अचानक क्यों? इसके पीछे की बड़ी वजह केवल और केवल पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति और भारत के कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर में उसका आइसोलेशन है।
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भारत ने आतंकवाद के मुद्दे पर पूरी दुनिया के सामने पाकिस्तान का पर्दा फाश कर दिया है। इसके चलते उसकी आर्थिक स्थिति बर्बाद हो चुकी है। ऐसे में पाकिस्तान को अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने फंड देने से मना कर दिया था ये फैसला आज भी लागू है। फंड ने होने की स्थिति में पाकिस्तान ने चीन सउदी अरब यूएई जैसे देशों से कर्ज लिया लेकिन अब पाकिस्तान को चुकाने में पसीने छूट रहे हैं। इसीलिए अब पाकिस्तान अमेरिका के नए राष्ट्रपति जो बाइडन को खुश करना चाहता है। पाकिस्तान की सोच है कि वो भारत के साथ शांतिप्रिय रिश्तों की बात करके नए अमेरिकी राष्ट्रपति को खुश करेगा और फिर से उसकी फंडिंग अमेरिका से शुरु हो जाएगी।
पाकिस्तान के अमेरिका को खुश करने के ख्वाब बहुत बड़े हैं, लेकिन भारत ने पाक की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इतनी बुरी फजीहत की है कि उसे अब दोबारा अमेरिका से फंड मिलने की उम्मीद बहुत कम है, जबकि पाकिस्तान अपनी कटोरा लेकर खड़े होने की नीति पर एक बार फिर निकल पड़ा है, हालांकि वो एक बार फिर विफल ही होगा।