अक्सर हमने देखा है कि कैसे धर्मं के नाम पर कुछ लोग सड़कों पर अपनी प्रार्थना करते हैं, तो कुछ रेलवे प्लेटफ़ॉर्म या फिर रेलवे स्टेशन के ही निकट अपने धार्मिक स्थल खड़े कर लेते हैं। चूंकि यह लोग अक्सर अल्पसंख्यक होते हैं, इसलिए प्रशासन चाहकर भी कोई कदम नहीं उठा पाता। लेकिन योगी सरकार में अब और ऐसा नहीं चलेगा।
योगी सरकार ने निर्णय किया है कि जो भी धर्म के नाम पर सार्वजनिक संपत्ति, या फिर सड़कों पर अतिक्रमण करने का प्रयास करेगा, उसके विरुद्ध सरकार कड़ी से कड़ी कार्रवाई करेगी। दैनिक जागरण की रिपोर्ट के अनुसार, “उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सार्वजनिक स्थलों और सड़क के किनारे अतिक्रमण कर बनाए गए सभी धार्मिक स्थालों को हटाने का सख्त आदेश दिया है। गृह विभाग ने इस संबंध में सभी कमिश्नर और जिलाधिकारियों को आदेश जारी कर दिया है। इसके साथ ही यह भी आदेश दिए गए हैं कि तय समय पर प्रशासन को अवगत कराया जाए कि कितने अतिक्रमण कर बने धार्मिक स्थलों को हटाया गया है। सरकार ने यह निर्देश हाई कोर्ट के आदेशों के क्रम में जारी किए हैं”
लेकिन ये होगा कैसे? इसके लिए सरकार ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि सड़क किनारे या सार्वजनिक संपत्तियों एवं सार्वजनिक स्थलों पर जो अतिक्रमण हुआ है, उसके विरुद्ध उचित कार्रवाई भी होगी। जागरण की ही रिपोर्ट में आगे बताया गया, “अधिकारी यह भी सुनिश्चित करें कि कहीं सार्वजनिक मार्ग पर किसी भी धार्मिक स्थल का निर्माण कर अतिक्रमण न हो। यह भी सुनिश्चत करने को कहा गया है कि राजमार्ग, सड़क, गली अथवा फुटपाथ पर धार्मिक गतिविधियों के कारण यातायात अथवा लोगों का आवागमन प्रभावित न हो। ऐसी गतिविधियां अनिवार्य रूप से संबंधित धार्मिक वर्ग के लिए चिन्हित स्थानों अथवा निजी स्थानों पर ही हों।”
हम सभी इस बात से परिचित हैं कि कैसे धर्म के नाम पर कुछ लोग सड़क पर नमाज़ पढ़ते हैं, और कभी-कभी तो रेलवे प्लेटफ़ॉर्म या स्टेशन पर अपनी दरगाह तक जमा लेते हैं। ऐसे ही अतिक्रमणकारियों को योगी सरकार ने अपने निर्णय से सख्त संदेश भेजा है, कि यदि इस तरह की हरकतों से बाज नहीं आए, तो सरकार कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने से नहीं पीछे हटेगी। ऐसे में योगी सरकार का प्रयास सराहनीय भी है, और इसे देशभर में तत्काल प्रभाव से लागू भी करना चाहिए।