विपत्ति में ही लोगों के असली चरित्र सामने आता हैं। वुहान वायरस की दूसरी लहर भारत के लिए जितनी डरावनी सिद्ध हुई है, तो कुछ लोग इस संकट में उतने ही मददगार भी सिद्ध हो रहे हैं। रिलायंस उद्योग ने तो अपना लक्ष्य भी निर्धारित कर लिया कि सभी राज्यों को कम से कम 700 टन मेडिकल ऑक्सिजन की आपूर्ति अवश्य प्रदान की जाएगी।
बता दें कि वुहान वायरस की दूसरी लहर पहले से काफी भयानक सिद्ध हुई है और इसीलिए देश का हर संस्थान, चाहे निजी हो या सरकारी, अपनी ओर से इस महामारी की भयावहता को कम करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है।
इस अभियान में रिलायंस उद्योग भी बढ़चढ़कर योगदान दे रहा है। नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, “जाने-माने उद्योगपति मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड अपनी जामनगर रिफाइनरी में प्रतिदिन 700 टन से अधिक चिकित्सा स्तर के ऑक्सीजन का उत्पादन कर रही है। यह ऑक्सीजन कोविड-19 से बुरी तरह प्रभावित राज्यों को निशुल्क दी जा रही है। सूत्रों ने यह जानकारी दी। कंपनी की जामनगर रिफाइनरी ने शुरुआत में 100 टन चिकित्सा स्तर का ऑक्सीजन का उत्पादन किया था, जिसे बाद में बढ़ाकर 700 टन कर दिया गया है।”
अभी हाल ही में एक हफ्ते पहले मुकेश अंबानी ने महाराष्ट्र में बिगड़ते हालातों के बीच अपने जामनगर रिफाइनरी में उत्पन्न मेडिकल स्तर की ऑक्सिजन कि लगभग 100 मेगाटन की खेप उद्धव ठाकरे की सरकार को दी। ये उन्होंने तब किया जब इसी सरकार ने उनके घर के सामने जेलेटिन रोड से भरी एसयूवी लगवाई।
सूत्रों के अनुसार कोरोना संक्रमण से जूझ रहें गुजरात, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों को की जा रही ऑक्सिजन की आपूर्ति से प्रतिदिन गंभीर रूप से बीमार 70,000 से अधिक रोगियों को राहत मिलेगी। रिलायंस उद्योग के अनुसार जल्द ही कंपनी चिकित्सा ग्रेड की ऑक्सीजन उत्पादन क्षमता बढ़ाकर 1,000 टन करने की योजना बना रही है।
नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट में आगे बताया गया कि, “चिकित्सा के लिये उपयोग होने वाले ऑक्सीजन बनाने के लिए औद्योगिक ऑक्सीजन के निर्माण की सुविधाएं इस्तेमाल की जा रही है। मामले से जुड़े एक सूत्र के अनुसार, ‘हर दिन लगभग 700 टन ऑक्सीजन की आपूर्ति देश के विभिन्न राज्यों को की जा रही है। इससे प्रतिदिन 70,000 से अधिक गंभीर रूप से बीमार रोगियों को राहत मिलेगी।’
ऑक्सीजन की ढुलाई विशेष टैंकरों में शून्य से नीचे (-)183 डिग्री सेल्सियस पर की जा रही है और परिवहन लागत सहित ऑक्सीजन राज्य सरकारों को बिना किसी लागत के दिया जा रहा है। यह कंपनी की CSR (कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) पहल का एक हिस्सा है”।
दूसरी ओर सार्वजनिक कंपनियां जैसे इंडियन ऑइल कॉर्पोरेशन और भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. (BPCL) ने भी अपनी रिफाइनरियों में चिकित्सा में उपयोग होने वाले ऑक्सीजन का उत्पादन शुरू कर उसका वितरण प्रभावित राज्यों को कर रही है। इसके अलावा सेल, टाटा स्टील जैसी इस्पात कंपनियों ने भी अपने संयंत्रों में चिकित्सा स्तर के ऑक्सीजन का उत्पादन शुरू कर उसकी आपूर्ति राज्यों को शुरू की है।
सच कहें तो मुकेश अंबानी के लिए ये सब अति आवश्यक नहीं था, लेकिन वे तब भी निःस्वार्थ भाव से सबकी सेवा कर रहे हैं और वुहान वायरस से बुरी तरह प्रभावित राज्यों को नि:शुल्क ऑक्सिजन पहुंचा रहे हैं, और कुछ लोग ऐसे हैं जो इतने परमार्थ करने के बाद भी अंबानी परिवार को स्वार्थी और भारत विरोधी कहने की हिमाकत रखते हैं।