भारतीय रेलवे ने देश के उत्तर-पूर्वी भाग के सभी राज्यों की राजधानियों को जोड़ने की योजना अब तेज़ हो चुकी है। 2021-22 के बजट में केंद्र सरकार द्वारा 1, 000 करोड़ रुपये आवंटित किए जाने के बाद अब मिज़ोरम में Bairabi – Sairang परियोजना के तहत आइजोल अगले 2 वर्षों में रेल नेटवर्क से जुड़ जायेगा।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (NFR) मिजोरम में Bairabi – Sairang नामक नई रेलवे लाइन परियोजना पर काम कर रहा है। Bairabi – Sairang के बीच 51.38 किलोमीटर लंबे ब्रॉड गेज रेलवे लाइन के निर्माण का काम दिसंबर 2023 तक पूरा होने की उम्मीद है। Bairabi के बाद परियोजना में चार स्टेशन होंगे, जैसे- Hortoki, Kawnpui, Mualkhang और Sairang। Sairang स्टेशन से मिजोरम की राजधानी आइजोल सिर्फ 20 किलोमीटर दूर है। इसका अर्थ ये है कि अब मिजोरम की राजधानी आइजोल अगले दो वर्षों में रेलवे के नक्शे पर होगी।
पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) के अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि विभिन्न चरणों में काम जारी है और विभिन्न कार्यों के लिए लगभग सभी टेंडर को अंतिम रूप दे दिया गया है।
उन्होंने कहा कि 89.55 प्रतिशत जमीनी कार्य, 37 प्रतिशत प्रमुख पुलों का काम और लगभग 73.26 प्रतिशत छोटे पुलों का काम पूरा हो चुका है। उन्होंने बताया कि टनल के निर्माण का 21 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है।
उन्होंने यह भी बताया कि 51.38 किमी लंबी ब्रॉड गेज रेलवे लाइन में 32 सुरंग, 16 cut and cover tunnels (2.58 किमी कुल लंबाई) हैं जो कोलासिब जिले और आइजोल जिले के Thingdawl और Tlangnuam ब्लॉक से होकर गुजरती हैं।
इस रेलवे लाइन पर 55 प्रमुख पुल हैं जिनमें से छह लम्बे पुल हैं जिनकी ऊँचाई 70 मीटर (सबसे ऊँची 101.4 मीटर), 87 छोटे पुल, पाँच रोड ओवरब्रिज (ROB)और आठ रोड अंडरब्रिज (RUB) हैं।
मिजोरम के मुख्य सचिव Lalnunmawia Chuaungo ने शुक्रवार को रेलवे लाइन के विभिन्न निर्माण स्थलों का दौरा किया और रेलवे अधिकारियों के साथ बातचीत की। उन्होंने NFR अधिकारियों के साथ भी बातचीत की और उनसे निर्माण में तेजी लाने का आग्रह किया।
Chuaungo ने निर्माण कार्यों में बाधा डालने वाले किसी भी मुद्दे से निपटने के लिए राज्य सरकार से प्रतिबद्धता का आश्वासन दिया। उन्होंने उम्मीद जताई कि जब यह परियोजना पूरी हो जाएगी तो राज्य की untapped economic potential का उपयोग किया जा सकेगा।
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बता दें कि नवंबर 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा Bairabi – Sairang ब्रॉड गेज लाइन की आधारशिला रखी गई थी। प्रोजेक्ट 2015 में शुरू किया गया था और शुरू में इसे 2018 तक पूरा किया जाना था। परन्तु पहाड़ी इलाकों, गहरी घाटियों, लगातार भूस्खलन, और मानसून के कारण काम में बाधा तथा राज्य में श्रम और निर्माण सामग्री की कमी सहित कई कारणों से परियोजना समय पर पूरी नहीं हो सकी।
परियोजना पूरी हो जाएगी, तो राज्य के लिए अच्छे आर्थिक अवसर खुलेंगे। आवश्यक वस्तुओं से लेकर व्यापार के लिए सभी वस्तुओं को बहुत सस्ते, लागत प्रभावी और पर्यावरण के अनुकूल तरीके से पहुंचाया जाएगा। साथ ही राज्य के किसान अपनी उपज को समयबद्ध तरीके से सस्ते दर पर विभिन्न राज्यों के व्यापक बाजार में भेज सकेंगे। जिस तत्परता से केन्द्र सरकार पूर्वोत्तर में काम करवा रही है, जल्द ही पूर्वोत्तर के राज्यों का भारत के अन्य राज्यों में यातायात और ट्रांसपोर्ट सुगम हो जाएगा। नार्थ ईस्ट क्षेत्र की सभी प्रस्तावित रेल संपर्क परियोजनाओं को पूरा करने के बाद उतर-पूर्वी राज्यों के व्यापक विकास के लिए भारत सरकार की नीति को एक बड़ा बूस्ट मिलेगा।