पश्चिम बंगाल का चुनावी समर संभवतः वर्तमान समय में हुए सबसे हिंसक चुनावों में है। चुनाव आयोग को चुनावों में TMC के गुंडों से निपटने के लिए सख्त रुख अख्तियार करना पड़ रहा है। ऐसे में ममता बनर्जी अपनी झुंझलाहट के कारण केंद्रीय अर्धसैनिक बलों पर बेबुनियाद आरोप लगा रही हैं। हाल ही में ममता ने आरोप लगाया है कि CRPF ने कूचबिहार में बूथ नम्बर 125 पर चार लोगों को गोली मार दी , जिससे उनकी मौत हो गई। यह घटना कूचबिहार के सीतालकुची की है।
ममता के आरोपों के जवाब में CRPF ने कहा है कि ममता जिस बूथ का नाम ले रही हैं, वहाँ CRPF की तैनाती ही नहीं हुई थी। ममता द्वारा अर्धसैनिक बलों पर लगाए जा रहे बेबुनियाद आरोप उनकी खीज से उपजे हैं, क्योंकि ममता को अपनी हार साफ नजर आ रही है।
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सत्तारूढ़ TMC के गुंडे स्टेट मशीनरी के साथ मिलकर चुनावों के पहले से मुख्य प्रतिद्वंद्वी दल भाजपा के कार्यकर्ताओं की हत्या कर रहे हैं। बंगाल में दहशत का ऐसा माहौल है कि TMC के गुंडे ऐसे मतदाताओं को पोलिंग बूथ तक ही नहीं आने देते, जिनपर उन्हें यह शक होता है कि वह TMC के खिलाफ वोट करेंगे। इन्हीं हालातों के कारण इस बार चुनाव आयोग को बंगाल चुनाव में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की 725 टुकड़ियां तैनात करनी पड़ी हैं।
लेकिन TMC की हिंसा फिर भी निरंतर जारी है। केंद्रीय बलों के कारण इसपर अंकुश लगा है इसलिए इस बार के चुनाव काफी हद तक निष्पक्ष हो गए हैं। निष्पक्ष चुनावों के कारण TMC की पराजय लगभग निश्चित हो गई है। ऐसे में ममता सीधे अर्धसैनिक बलों को और उनके बहाने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को निशाना बना रही हैं। उन्होंने अपने आरोप में कहा है कि “सीआरपीएफ ने आज सीतलकुची (कूचबिहार) में 4 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी है। सुबह एक और मौत हुई थी। CRPF मेरी दुश्मन नहीं है, लेकिन गृहमंत्री के निर्देश पर एक साजिश चल रही है और आज की घटना उसका एक सबूत है।”
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हाल में प्रशांत किशोर का क्लबहाउस चैट वायरल हो गया, जिसमें प्रशांत मुस्लिम के बारे में बोलते सुनाई दे रहे हैं कि लंबे समय से टीएमसी और लेफ्ट पार्टियां मुस्लिमों को लुभाकर वोट लेती आ रही हैं। इसके बाद असदुद्दीन ओवैसी ने भी ममता बनर्जी पर वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगाया है। अब यह ऑडियो वायरल होने और ओवैसी के निशाना साधने के बाद ममता बनर्जी समझ चुकी हैं कि अब उन्हें मुस्लिम वोट भी नहीं मिलने वाला है और राज्य के हिंदू तो पहले ही उन्हें नकार चुके हैं।
इसके बावजूद भी ममता यह समझना नहीं चाह रही हैं कि उनकी विश्वसनीयता पहले ही शून्य हो चुकी है। अब देश के लिए जान हथेली पर लेकर चलने वाले जवानों पर झूठे आरोप लगाकर वह अपना और अधिक अपमान कर रही हैं। बंगाल में हिंसा का जिम्मेदार कौन है यह बात जगजाहिर है। बता दें कि हाल में ही TMC के कार्यकर्ताओं ने कूचबिहार में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पर हमला किया था।
फरवरी में एक भाजपा कार्यकर्ता की 85 वर्षीय माँ को TMC के गुंडों ने बेरहमी से पीटा था, जिसके बाद अस्पताल में उनकी मौत हो गई थी। राष्ट्रीय अध्यक्ष से लेकर आम कार्यकर्ता तक, भाजपा का कोई भी आदमी TMC राज में सुरक्षित नहीं है। ऐसे में जब चुनावों के शांतिपूर्ण संचालन के लिए चुनाव आयोग सख्त हो गया है, तो ममता उसे और अर्धसैनिक बलों को ही निशाना बना रही हैं। ममता के ये सारे कारनामे उनकी हरा को ही सुनिश्चित करेंगे।