पश्चिम बंगाल में चौथे चरण की वोटिंग के बीच शनिवार को कूचबिहार से हिंसा की खबरें आयी हैं। एक बूथ पर फायरिंग में चार लोगों की मौत हो गई। इस घटना पर ममता बनर्जी ने लोगों की मौत का दोषी CRPF और केंद्र को ही ठहराया है। यह विडम्बना ही है कि ममता बनर्जी ने अपने पूरे शासन काल के दौरान पश्चिम बंगाल में TMC कार्यकार्ताओं को खुलेआम हिंसा करने की छूट दी और अब CRPF पर आरोप लगा रही हैं। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह घटना सीतलकूची में हुई जब मतदान चल रहा था। हालांकि, CRPF ने इस आरोप से सीधा इंकार किया है।
Regarding recent incident being reported in media about killing of 4 civilians outside booth 126, Jorpatki in Sitalkuchi Assembly Constituency, Cooch Behar, it's clarified that CRPF component was neither deployed at the said booth nor involved in the incident in any way: CRPF
— ANI (@ANI) April 10, 2021
न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, सीआरपीएफ ने इस मामले पर कहा, “कूच बिहार में सीतलकुची विधानसभा क्षेत्र के जोतपाकी के बूथ संख्या 126 के बाहर 4 नागरिकों की हत्या के बारे में मीडिया में एक खबर चल रही है। इसके बारे में यह स्पष्ट कर दूं कि इस बूथ पर ना तो सीआरपीएफ की तैनाती थी और ना ही इस घटना में किसी भी तरह से हम शामिल हैं।”
https://twitter.com/Shehzad_Ind/status/1380806709539565572?s=20
Police version on firing in Cooch Behar, resulting in 4 deaths. 300-350 strong crowd bearing rudimentary weapons surrounded CISF. When they tried to snatch weapons and enter polling booth, forces had to open fire. pic.twitter.com/9Je8WDtMdA
— Padmaja Joshi (@PadmajaJoshi) April 10, 2021
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह घटना सीतलकूची में तब हुई जब मतदान चल रहा था। उस दौरान स्थानीय लोगों ने CISF जवानों की ‘राइफलें छीनने की कोशिश की।’ उन्होंने बताया, ‘प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार एक गांव में अपने ऊपर भीड़ द्वारा हमला किए जाने के बाद CISF जवानों की गोलीबारी में चार लोग मारे गए। वहां झड़प हुई और स्थानीय लोगों ने उनका घेराव कर दिया और CISF से झड़प करने लगे। यही नहीं बूथ में घुसने के साथ ही उनकी राइफलें छीनने की कोशिश की जिसके बाद केंद्रीय बलों ने गोलियां चलाई। विस्तृत जानकारी की प्रतीक्षा है।’ उन्होंने बताया कि गाँव से 300 से अधिक लोगों ने छोटे हथियारों और बम से हमला करने की कोशिश की जिसके बाद यह घटना हुई।
वहीं Livemint की रिपोर्ट के अनुसार चुनाव आयोग ने शनिवार को कहा कि पश्चिम बंगाल में भीड़ द्वारा हिंसा के दौरान “ईवीएम और मतदाताओं तथा र सरकारी संपत्ति की जान बचाने के लिए” CISF कर्मियों को फायरिंग करना पड़ा। चुनाव आयोग ने बताया , “मतदान केंद्र पर लाइन में खड़े मतदाताओं की जान बचाने के लिए CISF कर्मियों को फायरिंग करना जरूरी हो गया, क्योंकि अन्य भीड़ ने उनके हथियार छीनने का प्रयास और मतदान कर्मियों को प्रभावित करने की कोशिश की थी।“
ऐसे में ममता बनर्जी का केन्द्रीय अर्धसैनिक बलों पर आरोप लगाना उनके अंदर हार के डर को ही दिखा रहा है। अब वे समझ चुकी हैं कि उनकी हार निश्चित है इसलिए वे लोगों को सुरक्षा बलों के खिलाफ भड़का रही है जिससे राज्य में और हिंसा बढे। उनके लिए हिंसा कोईनयी बात नहीं है। इतने दिनों से बीजेपी नेताओं की TMC द्वारा हत्या किसी से छुपा नहीं हैं और अब वे सत्ता खोने के डर से राज्य में अराजकता फैलाना चाहती हैं।