पश्चिम बंगाल में तीस फीसदी मुस्लिम आबादी को लुभाकर विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने का मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का फॉर्मूला काफी पुराना है, लेकिन इस बार इसकी आवश्यकता पिछले चुनावों से कहीं ज्यादा बढ़ गई है क्योंकि राज्य में बीजेपी का जनधार बढ़ रहा है तो दूसरी ओर कांग्रेस लेफ्ट और ओवैसी की पार्टी के कारण मुस्लिम वोट बंट रहा है। ऐसे में ममता ने मुस्लिमों से ये अपील की थी कि वो अपना एक मुश्त वोट टीएमसी को दें, ममता के इसी बयान का संज्ञान लेकर चुनाव आयोग ने ममता को झटका देते हुए 48 घंटे में जवाब मांगा है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को लेकर हमेशा ही ये आरोप लगते रहे हैं कि ममता दीदी ने अपनी सरकार के दस वर्षीय कार्यकाल में मुस्लिमों का खूब तुष्टीकरण किया है जिसके चलते उनकी खूब फजीहत भी होती रही है। ऐसे में इस बार विधानसभा चुनाव में बीजेपी से मिली कड़ी चुनौती को देखते हुए ममता ने मुस्लिम मतदाताओं से अपील की थी कि वो बंटें नहीं, बल्कि एक मुश्त वोट करें, जिसके बाद पीएम मोदी ने इस मुद्दे पर आपत्ति भी जाहिर की थी और ममता पर तुष्टीकरण का आरोप लगाया था।
इस पूरे प्रकरण के बाद अब चुनाव आयोग ने ममता के खिलाफ नोटिस जारी किया है। ममता के मुस्लिमों वाले बयान को लेकर आयोग ने कहा कि ममता को 48 घंटों के अंदर जवाब दाखिल करना होगा। ममता के खिलाफ ईसी की ये कार्रवाई बीजेपी की आपत्त्ति के बाद हुई हैं। इस मामले में बीजेपी नेता और केन्द्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने चुनाव आयोग से ममता के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी और उन पर आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाया है।
इतना ही नहीं पीएम मोदी भी बंगाल में चुनावी रैली के दौरान इस बात का जिक्र कर चुके हैं कि ममता ने मुस्लिमों का मुद्दा उठा दिया, यही उल्लेख अगर हिंदुओं के लिए बीजेपी कर देतीं तो बवाल मच जाता। पीएम ने इशारों-इशारों में इस मुद्दे पर चुनाव आयोग को भी लपेट लिया है जो दर्शाता है कि वो भी ममता के इस बयान के बिल्कुल ही खिलाफ थे। दूसरी ओर इस बयान के जरिए ममता दीदी ने अपना मुस्लिम प्रेम एक बार फिर जाहिर कर दिया था, लेकिन अब चुनाव आयोग ने उन्हें सबक सिखा दिया है।
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ममता सरकार में दुर्गा पूजा और मोहर्रम को लेकर मुस्लिम तुष्टीकरण होना सभी ने देखा है। इफ्तार पार्टी में नमाज की मुद्रा में बैठकर ममता ने अपना मुस्लिम प्रेम खूब जाहिर किया है, जिसके चलते ममता की आलोचना होती रही है, लेकिन अब स्थितियां बदल चुकी हैं क्योंकि ममता दीदी नियमों का उल्लंघन कर चुनाव आयोग के रडार में आ चुकी हैं जो कि उनके लिए किसी झटके से कम नहीं है।
अब देखना है कि ममता के इस असंवेदनशील बयान पर चुनाव आयोग क्या कार्रवाई करता है क्योंकि आयोग यही कार्रवाई आने वाले मतदान के पांच चरणों के साथ विधानसभा चुनाव की पूरी दशा और दिशा तय करेगी।