चुनाव आयोग ने कोलकाता में आठ विधानसभा क्षेत्रों के निर्वाचन अधिकारियों को हटा दिया है। बताया यह जा रहा है कि इन अधिकारियों पर TMC की मदद करने के आरोप लगे है। इन क्षेत्रों में पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए 26 अप्रैल और 29 अप्रैल को अंतिम दो चरण के मतदान होने हैं।
एक अधिकारी ने बुधवार को कहा कि चुनाव आयोग ने शहर के आठ निर्वाचन क्षेत्रों के रिटर्निंग अधिकारियों को हटा दिया है। उन्होंने कहा कि चौरंगी, एंटाली, भवानीपुर, बेलियाघाट, जोड़ासांको, श्यामपुकुर, काशीपुर-बेलगछिया और कोलकाता पोर्ट विधानसभा क्षेत्रों में नए अधिकारियों को पहले ही नियुक्त किया जा चुका है।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी एरीज़ आफ़ताब ने आठ रिटर्निंग अधिकारियों के स्थानांतरण को “एक नियमित कदम के रूप में वर्णित किया है। उन्होंने बताया कि इन अधिकारियों का स्थानांतरण इसलिए हुआ क्योंकि ये अपने पद पर तीन साल से अधिक समय तक रहे।”
हालांकि पोल पैनल के सूत्रों ने कहा कि अधिकारियों के खिलाफ कथित रूप से सत्तारूढ़ TMC की मदद करने की शिकायतें मिलीं। कोलकाता पोर्ट विधानसभा क्षेत्र में 26 अप्रैल को मतदान होगा और अन्य सात सीटों पर चुनाव 29 अप्रैल को होगा। निर्वाचन प्रक्रिया के अधिकारी ने कहा, “रिटर्निंग अधिकारी चुनाव प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, और अधिकारियों को स्थानांतरित करने के मानदंडों का पालन किया गया।”
चुनाव आयोग ने हाल ही में शहर में बल्लीगंज विधानसभा क्षेत्र के रिटर्निंग अधिकारी सहित तीन अधिकारियों को हटा दिया था। इससे पहले चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल में एक अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ADG) सहित पांच अधिकारियों के तबादले का आदेश दिया था। चुनाव आयोग का कहना था कि इन अधिकारियों को चुनाव से जुड़ी कोई जिम्मेदारी नहीं दी जाए।
देखा जाए तो पश्चिम बंगाल के चुनावों में जिस तरह से चुनाव आयोग ने TMC की हरकतों को देखते हुए अधिकारियों का तबादला किया है उससे राज्य में बिगड़ी प्रशासन व्यवस्था का ही पता चलता है। चुनावों के ऐलान के बाद से पश्चिम बंगाल में आचार संहिता लगी हुई है। ऐसे में चुनाव आयोग के पास अफसरों के तबादले का अधिकार है। पश्चिम बंगाल में इस बार आठ चरणों में चुनाव होना है। 27 मार्च से शुरू हुआ यह चुनाव प्रक्रिया 29 अप्रैल तक चलेगा।
पश्चिम बंगाल में आठ चरण में विधानसभा के चुनाव हो रहे हैं। पश्चिम बंगाल में 27 मार्च को पहले चरण का चुनाव हुआ था। जिसके बाद तीन चरण के लिए अब तक वोट डाले जा चुके हैं। चौथे चरण में 44 सीटों पर 10 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे। इसके बाद पांचवें चरण की 45 सीटों पर 17 अप्रैल को वोटिंग होगी। छठे चरण में 43 सीटों पर 22 अप्रैल को, सातवें चरण में 26 अप्रैल को और 29 अप्रैल तक आठ चरणों में चुनाव होना है। इसके बाद दो मई को नतीजों का ऐलान किया जाएगा।
चुनाव अधिकारियों के तबादले कर चुनाव आयोग यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहा है कि चुनाव निष्पक्ष संपन्न हो तथा ममता बनर्जी के प्रभाव में आए अधिकारियों को चुनाव से दूर रखा जाए जिससे चुनाव आयोग पर दाग न लगे। अब आयोग कितना सफल होता है यह तो चुनाव परिणाम से ही पता चलेगा।