जिस समय देश को वैक्सीन की सख्त जरूरत है, उस समय कुछ ऐसे भी महानुभाव हैं, जो कोरोना वैक्सीन को लेकर बेहद वाहियात और बेतुकr अफवाह फैला रहे हैं। इनमें से एक है बिस्वरूप रॉय चौधरी, जो कोरोना से लड़ने वाली वैक्सीन के इस्तेमाल को रोकने के लिए अजीबो-गरीब अफवाहें फैला रहे हैं।
अपने आप को उत्कृष्ट डॉक्टर, गणितज्ञ और न जाने क्या क्या बताने वाला ये व्यक्ति मानता है कि कोरोना सिर्फ एक ढोंग है, ऐसी कोई बीमारी है ही नहीं। डॉक्टर बिस्वरूप रॉय चौधरी के वीडियो के अनुसार, “यह मेरे मायने में इन्फ्लूएन्जा जैसी बीमारी है, जो साल में कभी न कभी आती ही है। लेकिन एक प्रोपेगेंडा के तहत इसे महामारी बोल दिया गया, तो आप इसे मीडिया वायरस भी बोल सकते हैं”।
लगता है ये जनाब एक अलग ही दुनिया में जीते हैं, जहां सब कुछ एक अंतर्राष्ट्रीय साजिश है। परंतु रुकिए, ये तो बस शुरुआत है। इस व्यक्ति का यह भी दावा है कि कोरोना वैक्सीन से ही कोरोना फैल रहा है। इन्होंने कोरोना वैक्सीन से ‘छुटकारा’ पाने के लिए अनेकों वीडियो प्रकाशित करवाए, और साथ ही साथ यह भी दावा किया कि कोरोना वैक्सीन एक अंतर्राष्ट्रीय साजिश है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग मारे जा सकें, और वैक्सीन निर्माताओं को खूब फायदा हो।
इसके अलावा बिस्वरूप आगे दावा करते हैं कि कैसे ये प्रोपगैंडा चीन को बदनाम करने की साजिश है। बिस्वरूप के अनुसार, “देखिए जिस जगह से बात की जा रही है कि वुहान से ये वायरस उत्पन्न की जा रही है, वो असल में वुहान के अलावा कहीं फैला ही नहीं। डबल्यूएचओ ने भी कोई साक्ष्य नहीं दिया कि यह चीन से उत्पन्न हुआ है। वुहान के अलावा चीन में कहीं लॉकडाउन लगा ही नहीं, बस अन्य देश चिल्ला रहे थे कि वुहान वायरस है वुहान वायरस है। क्या कोई डॉक्टर ऐसा है, जो एक वुहान वायरस के मरीज और एक फ्लू के मरीज में अंतर बता सके?”।
लेकिन बिस्वरूप रॉय चौधरी केवल इतने तक ही सीमित नहीं रहे। इस तरह की अफवाहें वे पिछले वर्ष से ही फैला रहे हैं, जब वुहान वायरस ने दुनिया भर में दस्तक दी थी। इन्होंने मास्क पहनने के विरुद्ध एक विस्तृत अभियान चलाया, और इसके पीछे इन्होंने तर्क दिया कि ये गुलामी है और इसे पहनने से सांस लेने में दिक्कत हो रही है।
यही नहीं, डॉक्टर बिस्वरूप रॉय चौधरी अपने आप को आम आदमी पार्टी के नजदीक भी बताते हैं। उन्होंने 2015 में दिल्ली के वर्तमान स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन को डायबिटीज़ के रामबाण इलाज के के बारे में चर्चा करने के लिए आमंत्रित भी किया था। हालांकि, आम आदमी पार्टी ने इन्हें खुलेआम स्वीकार तो नहीं किया, लेकिन इन्हें सार्वजनिक तौर से नकारा भी नहीं है।
सच कहें तो देश चुनौतियों से कम, ऐसे महान व्यक्तियों से अधिक परेशान है। एक तरफ छत्तीसगढ़ राज्य के मंत्री खुलेआम लोगों को वैक्सीन न लगवाने के लिए भड़का रहे हैं, तो दूसरी ओर बिस्वरूप रॉय चौधरी जैसे लोग खुलेआम मास्क और वैक्सीन न लगाने के लिए लोगों में तरह तरह के भ्रम फैला रहे हैं। हालांकि, बिस्वरूप रॉय चौधरी अपने ऐसे ही रूख के लिए जाने जाते हैं। ये अपने आप को दिवंगत भारतीय संस्कृति के पुरोधा राजीव दीक्षित का शिष्य मानते हैं, लेकिन राजीव दीक्षित के शिष्यों में से एक असित पाठक ने इनके दावों की पोल खोलने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
बिस्वरूप रॉय चौधरी की धोखेबाजी और उनके भ्रामक तथ्यों के चलते उनके अकाउंट फ़ेसबुक, यूट्यूब, ट्विटर इत्यादि से निलंबित भी किए गए हैं। पर मजाल है कि उन्होंने भ्रामक तथ्य फैलाने बंद किए हो। आश्चर्यजनक रूप से इन्हें अब भी यूट्यूब पर कई वामपंथी समर्थक न्यूज चैनल इंटरव्यू के लिए बुलाते हैं, चाहे वो द लल्लनटॉप हो या फिर कुमार श्याम जैसे व्यक्तिगत अकाउंट हो।
ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि बिस्वरूप रॉय चौधरी जैसे लोगों को तुरंत हिरासत में लेकर जेल भेजना चाहिए, अन्यथा ये अपनी झूठी अफवाहों से हमारे समाज के साथ साथ हमारे स्वास्थ्य प्रणाली पर भी एक प्रश्न चिन्ह लगा सकते हैं।
अरे जाहिलों वो डॉक्टर ठीक ही कह रहे हैं, मेरे पिता जी की डायबिटीज इन्ही ने ठीक की है, भक्त होना तो ठीक है, अंधभक्ति ठीक नहीं.