पेसिफिक देश Papua New Guinea बर्बादी की कगार पर था। कोरोना के कारण इस देश की बिगड़ती स्थिति के बीच चीनी सरकार ने मौके पर चौका लगाते हुए इसे अपनी वैक्सीन ऑफर की, लेकिन PNG ने उसे अनुमति नहीं दी। इसके बाद मैदान में कूदा ऑस्ट्रेलिया जिसने अपनी शानदार वैक्सीन डिप्लोमेसी से ना सिर्फ PNG को कोरोना से राहत दिलाई बल्कि क्षेत्र में चीनी महत्वकांक्षाओं को भी जोरदार झटका दिया।
बता दें कि इस वर्ष फरवरी तक कोरोना की चपेट में आने से बचे रहने वाला PNG अचानक से कोरोना का शिकार बन गया। फरवरी के बाद इस छोटे लेकिन सुरक्षा दृष्टि से अति-महत्वपूर्ण देश में स्वास्थ्य सेवा अचानक से लचर हो गयी और देश के अस्पताल कोरोना के मरीजों से भरने लगे। ऐसे में ऑस्ट्रेलिया की वैक्सीन डिप्लोमेसी इस देश के लिए बड़ी राहत लेकर आई है।
ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने कहा है कि वह कोरोना से लड़ने के लिए PNG सरकार की भरपूर मदद करेगी। ऑस्ट्रेलिया ने इस देश में फ्रंटलाइन कर्मचारियों को वैक्सीन लगाने के उद्देश्य से करीब 8500 वैक्सीन डोज़ भेजी हैं। ऑस्ट्रेलिया में जैसे-जैसे AstraZeneca वैक्सीन का उत्पादन बढ़ाएगी, वैसे-वैसे PNG में ऑस्ट्रेलिया की ओर से और ज़्यादा वैक्सीन भेजी जाएंगी।
पहले चरण में PNG के स्वास्थ्य कर्मचारियों, अधिकारियों और राजनेताओं को वैक्सीन लगाई जा रही हैं। PNG के प्रधानमंत्री James Marape ने भी वैक्सीन लगवाने के मुद्दे पर बयान देते हुए कहा कि “मैंने सबसे पहले खुद को टीका लगवाने का फैसला लिया है, ताकि PNG के लोगों को संदेश दिया जा सके कि ये सुरक्षित है। देश में करीब 50 फीसदी से ज़्यादा लोग वैक्सीन के खिलाफ हैं।”
बीते मंगलवार को ही Marape सहित स्वास्थ्य मंत्री Dr Osborne Liko को टीका लगाया गया है। यह तो ऑस्ट्रेलिया की वैक्सीन डिप्लोमेसी की बस शुरुआत भर है। Quad के सदस्य देश ऑस्ट्रेलिया ने Quad देशों के 1 बिलियन वैक्सीन उत्पादन कार्यक्रम के तहत 100 मिलियन डॉलर प्रदान करने का फैसला लिया है। बता दें कि इस कार्यक्रम के तहत वर्ष 2022 तक एशिया और पेसिफिक देशों को करीब 1 बिलियन वैक्सीन डोज़ प्रदान की जाएंगी!
दुनियाभर में जैसे-जैसे कोरोना का प्रभाव कम होता जाएगा और पेसिफिक देश दोबारा आर्थिक विकास के रास्ते पर लौटने लगेंगे, एक्सपर्ट्स का मानना है कि ऑस्ट्रेलिया आर्थिक तौर पर इन देशों की बड़ी मदद कर सकता है। क्षेत्र में वह अन्य देशों के साथ मिलकर चीन के प्रभुत्व को कम करने के लिए मुख्य भूमिका निभा सकता है। चीन ने हाल ही में ऐलान किया था कि वह पेसिफिक के सभी देशों में अपनी वैक्सीन भेजेगा।
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री Malcolm Turnbull ने वर्ष 2016 में क्षेत्र में चीन की चुनौती से निपटने के लिए “Pacific Step-up” प्लान लॉन्च किया था। इसके तहत पेसिफिक देशों को अपने यहाँ इनफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने के लिए ऑस्ट्रेलिया की सरकार इन देशों को 1.5 बिलियन के लोन प्रदान कर रही है। लोन के तहत PNG में Solar Farm, Solomon द्वीपों पर Hydropower सिस्टम और पलाऊ में Submarine cable प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है।
स्पष्ट है कि ऑस्ट्रेलिया अपने इन कार्यक्रमों के माध्यम से क्षेत्र में चीनी प्रभाव को कम करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है। दूसरी ओर पेसिफिक देशों को भी चीन की Debt trap डिप्लोमेसी के बारे में पता चलता जा रहा है, जिसके कारण इन देशों में चीन के प्रोजेक्ट्स को लेकर उत्साह कम हुआ है। इसके उलट इन देशों के आसपास चीन की आक्रामकता के कारण भी चीन की छवि को गहरा नुकसान पहुंचा है।
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PNG में सफलतापूर्वक अपने वैक्सीन अभियान को आगे बढ़ाकर ऑस्ट्रेलिया ने चीन को मात देने का काम किया है। PNG की location ऑस्ट्रेलिया की सुरक्षा के लिहाज से बेहद अहम है और ऐसे में चीन इसपर अपनी कुदृष्टि बनाए हुए है। ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका मिलकर पहले ही PNG के Manus द्वीप पर Lombrum Naval बेस विकसित कर रहे हैं। PNG पर चीन का प्रभाव बढ़ता है तो यह ऑस्ट्रेलिया की सुरक्षा के हित में नहीं होगा। यही कारण है कि अब PNG को चीन के हाथों न गँवाने के लिए ही ऑस्ट्रेलिया ने इस देश में अपने वैक्सीन अभियान को तेजी के साथ आगे बढ़ाया है।