कोरोना वायरस का दूसरा वेव चरम पर है। ऐसे में देश पर अर्थव्यवस्था की चिंता के बादल फिर से मंडराने लगे है। इन चिंताओं को दूर करने के लिए देश मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) के.वी. सुब्रमण्यम ने मंगलवार को एक बेहद जरुरी जानकारी दिया। ग्रेट लेक्स इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट द्वारा आयोजित एक वर्चुअल इवेंट को संबोधित करते हुए सुब्रमण्यम ने कहा कि, संक्रमण अगले महीने के मध्य में चरम पर पहुंच सकता है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इसका प्रभाव अर्थव्यवस्था पर ज्यादा नहीं होगा।
मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) के वी वी सुब्रमण्यम ने कहा कि, “मैं कोई एपिडेमियोलॉजिस्ट (महामारी का जानकार) नहीं। मैं सिर्फ इस पर नजर बनाए रखे हुए हूं…मैंने एपिडेमियोलॉजी पर बहुत सारे पेपर पढ़े हैं।आईआईटी कानपुर के कई अच्छे मैथमेटिकल मॉडलिंग के आधार पर और आईसीएमआर जैसी कई संस्थाओं के रिसर्च के आधार पर मैं यह कह सकता हूं कि भारत में कोविड-19 की दूसरी लहर का पीक लेवल मई मध्य तक आएगा।” अगर हम सुब्रमण्यम की बातों का अर्थ निकालें तो यह निकलता है कि,मध्य मई के बाद से भारत में कोरोना संक्रमण के मामलों में गिरावट आने लगेगी और भारत एक बार से विकास की रफ्तार पकड़ेगा।
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सुब्रमण्यम का मानना है कि, इस नए वेव का असर, भारत सरकार द्वारा MSMEs को दी गई आर्थिक मदद पर नहीं पड़ेगा। भारत सप्लाई साइड की बाधाओं का समाधान करते हुए ऐसे उपाय कर रहा है ताकि इकोनॉमी के लिहाज से इस आपदा को हम अवसर में बदल सकें।
मुख्य आर्थिक सलाहकार ने आगे कहा कि, जहां तक बात रही मैक्रोइकॉनॉमिक्स की तो, उसके सुधारों के फल 18 से 20 महीनों में देखने को मिलने लगेंगे। सुब्रमण्यम ने सन् 1991 की उदारीकरण नीति का हवाला देते हुए कहा कि, साल 1991 में किए रिफॉर्म्स का फल 2 साल बाद देखने को मिला था।
वी वी सुब्रमण्यम की बातों से हमें यह संकेत मिल रहा है कि, अगर भारत की जनता आने वाले दो महीनो में संयम बरतें तो, हम कोरोना संक्रमण से निजात पा सकते है। इसके साथ ही, कोरोना वायरस के पीक समय आने के बाद देश की अर्थव्यवस्था में और ज्यादा तेजी देखने को मिल सकती है।
बता दें कि, भारत के अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक रुख देने वाले वी वी सुब्रमण्यम अकेले नहीं है। इससे पहले WTO, विश्व बैंक और संयुक्त राष्ट्र ने भारत के अर्थव्यवस्था में डबल डिजिट ग्रोथ की बात कही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक मई से कोरोना वैक्सीनेशन के तीसरे चरण की शुरुआत की घोषणा की है। 1 मई से 18 साल से ऊपर का हर शख्स कोरोना का टीका लगवा सकेगा। सरकार के इस फैसले से भी निवेशकों को भारत की अर्थव्यवस्था के प्रति विश्वास बढ़ेगा।