अमेज़न इंडिया भारत के व्यापारियों को आकर्षित करने के लिए ‘संभव’ नाम से एक वर्चुअल समिट का आयोजन करने वाली है। इसके साथ ही अमेज़न को अपना सेलर बेस बढ़ाना है, लेकिन अमेज़न की इस कोशिश को नाकाम करने के लिए भारत के कम से कम 60,000 व्यापरियों ने ‘असंभव’ नाम से एक अभियान चलाने वाले हैं।
बता दें कि, भारत के व्यापारी संघ से जुड़े 60,000 व्यापारियों ने मिलकर अमेज़न के संभव अभियान के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। भारत के व्यापारी संघ ने एक अवार्ड कार्यकर्म का भी आयोजन किया जाएगा, जिसमें भारत के व्यापारियों को बर्बाद बिज़नेस संगठनों को उन्हें अवार्ड दिया जाएगा। यह अवार्ड शो एक कटाक्ष के रूप में आयोजित किया जाएगा।
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व्यापारी संघ से जुड़े व्यापारियों का मानना है कि, अमेज़न और वालमार्ट देश के छोटे व्यापरियों के साथ भेद- भाव करते हैं। उनका मानना है कि, यह दोनों विदेशी कंपनियों ने बड़े सेलर्स के लिए पक्षपाती होती है। दोनों कंपनियों ने अपनी मूल्य निर्धारण नीति के तहत अपने फायदे के लिए छोटे सेलर्स के साथ भेद भाव किया है।
All India Mobile Retailers Association ने बयान जारी कर कहा है कि, अमेज़न का संभव आयोजन सिर्फ दिखावा है, असल में अमेज़न छोटे सेलर्स के साथ पक्षपात करती है, जिसकी वजह से छोटे कंपनियों को बहुत नुकसान सहना पड़ता है। फ़रवरी में आई रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेज़न भारत में सालों से अपने कुछ चुनिन्दा सेलर्स को गैर- कानूनी तरीके से लाभ पहुंचा रहा है। साथ में ही अमेज़न अपने चुनिन्दा सेलर्स की मदद से भारत के FDI नियमों का सालों से उल्लंघन करते आ रहा है।
हाल ही में भारत सरकार E-Commerce के लिए FDI के नियमों में बदलाव करने के लिए सोच रही है। यह बदलाव आने के बाद से अमेज़न और फ्लिपकार्ट जैसी कंपनियों को अपने बड़े सेलर्स के साथ-साथ छोटे सेलर्स पर भी ध्यान देना होगा। इस प्रस्तावित नियमों में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि ई-रिटेलरों द्वारा बनाए गए एल्गोरिदम विक्रेताओं के साथ भेदभाव न करें। इस नियम के अनुसार अमेजन और वॉलमार्ट सहित कंपनियों के सहयोगी भी इन्हीं ई-कॉमर्स नियमों द्वारा रेगुलेट होंगे।
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भारत के व्यापारी संघ द्वारा ‘असंभव’ कार्यक्रम का आयोजन करना एक सकरात्मक कदम माना जा रहा है। अमेज़न और फ्लिपकार्ट E-Commerce मार्केट में अपना एकाधिकार फैला रही थी। इसीलिए अब सरकार यह कोशिश कर रही है कि छोटे व्यापारी या विक्रेता भी अपनी उपस्थिति इन्टरनेट पर बढ़ाएं, जिससे उनके लिए एक नया द्वार खुले। साथ ही अमेज़न और फ्लिप्कार्ट जैसी कंपनियों का एकाधिकार समाप्त हो।