जब टिकटॉक को भारत में बैन किया गया था तो थोड़े दिनों तक क्रिंज और नग्नता से भरे कंटेंट से राहत मिली थी। परन्तु अब उसकी जगह इन्स्टाग्राम की Reels ने ले ली है। Reels ने सिर्फ टिकटॉक के स्थान को भरा ही नहीं बल्कि आज के युवाओं और युवतियों के लिए यह देह प्रदर्शन कर follower और फेम हासिल करने का एक प्लेटफार्म बन चुका है। आज हालत यह है कि 12-13 वर्ष के लड़के लड़कियां लाइक्स और followers के लिए नग्नता की सीमाओं को भी लाँघ रहे हैं!
अब उदहारण के लिए Silhouette Challenge को देख लिया जाए। इस चैलेंज में लोग एक रेड फिल्टर की मदद से पोज़ करते हैं जो उन्हें एक Silhouette के रूप में दिखाई देता है। हालांकि बज़फीड के अनुसार अब फिल्टर को हटाने के लिए Youtube पर ट्यूटोरियल भी आ चुका है जो पोज कर रहे व्यक्ति के वीडियो से रेड फ़िल्टर हटा कर नग्नता को सामने ला सकता है। इन बच्चों के परिवार को लगता है कि वह देश का भविष्य है लेकिन वह reels के लिए Silhouette Challenge की तैयारी करते दिखाई देते है।
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इसी तरह का एक ट्रेंड “बॉडी” चैलेंज भी आया था जिसमें यूजर बिकनी या बिना शर्ट के खुद की तस्वीरें पोस्ट कर रहे थे। यह चैलेंज युवाओं को एक प्रकार से अपनी सीमा लांघने के लिए उकसाने का काम करता है। जैसे एक वीडियो को अगर 10 हजार व्यूज या लाइक्स मिल गए तो उसे देख कर दूसरा उससे भी भद्दा वीडियो पोस्ट करेगा जिससे उसे अधिक व्यूज और लाइक्स मिले। इसी क्रम में पूरा इन्स्टाग्राम ऐसे वीडियो से भर चुका है। इस चैलेंज में व्यक्ति को लेकर 12-14 वर्ष की लड़कियां ऐसे वीडियो पोस्ट कर रही हैं जिसमें सिर्फ अंग प्रदर्शन है।
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कुछ दिनों पहले होली के समय में कुछ ऐसे वीडियो भी reels में देखने को मिले थे जिसमें 14-15 वर्ष का लड़का एक हमउम्र लड़की को रंग से मांग भर रहा। आखिर ऐसे क्रिंज कंटेंट को कैसे बढ़ावा मिल रहा है।
ऐसे एप्स के algorithm भी ऐसा होता है कि एक व्यक्ति अगर इस तरह से एक वीडियो को देखता है तो उसके suggestion बॉक्स ऐसे वीडियो से भर जायेगा कि उसे इसी तरह के वीडियो देखने होंगे। एल्गोरिथम वॉच की एक रिपोर्ट में यह बात सामने भी आई थी कि इंस्टाग्राम टॉपलेस क्रिएटर्स के पोस्ट को अधिक प्राथिमिकता देता है जो यूजर फीड पर अधिक है। यानी इसका अर्थ यह हुआ कि स्वयं इन्स्टाग्राम ऐसे कंटेंट को बढ़ावा देती है और युवाओं को नग्न वीडियो पोस्ट करने के लिए उकसाता है। किसी भी यूजर द्वारा वीडियो पोस्ट करने का एक ही मकसद है कि उन्हें कम समय में अधिक से अधिक follower मिले जिससे उनका फेम बढे।
इसी चक्कर में वे अपनी सीमा को लाँघ जाते हैं। बता दें कि Instagram पर लगभग 1 बिलियन यूजर है और भारत में इस प्लेटफॉर्म पर लगभग 77 मिलियन यूजर हैं। पिछले एक-दो वर्षों में भारत में इंस्टाग्राम काफी बढ़ा है और देश में फोटो और वीडियो शेयरिंग प्लेटफॉर्म के लिए दुनिया भर में सबसे महत्वपूर्ण बाजारों में से एक बन गया है।
इन्स्टाग्राम पर Influncer बनने के चक्कर में यह आम बात हो चुकी है कि नाबालिग भी अपनी हदे पार कर ऐसे दलदल में फंसते चले जा रहे हैं जहाँ से निकलना नामुमकिन है। टिकटॉक की तरह ही Reels पर भी लोगों को ऐसे वीडियो पोस्ट करते समय लगता है कि वे कमाल का कंटेन्ट दे रहे हैं लेकिन सच्चाई यह है कि उनकी ऐसे चैलेंज की लत लग चुकी हैं जहाँ से सिर्फ नग्नता की आगे का रास्ता है। टिकटॉक के बाद इस प्लैटफ़ॉर्म पर विक्षिप्त, घटिया और गंदे कंटेन्ट को बढ़ावा मिल रहा है जिसे रोकना अतिअवाश्यक हो चुका है। भविष्य को देखते हुए सरकार को जल्द से जल्द इस क्षेत्र में कोई कदम उठाना चाहिए।