टाटा कंसल्टेंसी सर्विस ने अपनी ‘Consant Currency’ में 2020 में लगातार चौथी तिमाही में बढ़ोतरी दिखाई है। Consant Currency से कोई कंपनी, विशेषरूप से TCS जैसी कंपनी, निवेशकों को यह दर्शाती है कि उसमें निवेश कितना लाभदायक होता है। TCS की यह बढ़ोतरी 2020 के अंतिम तिमाही में सबसे अधिक रही है, लेकिन आश्चर्यजनक रूप से TCS पर लॉकडाउन का कोई प्रभाव नहीं पड़ा। बल्कि उसके उलट कंपनी ने 2020 की हर तिमाही में लाभ ही दिखाया है।
TCS का रेवेन्यू बीते वर्ष की आखिरी तिमाही की अपेक्षा 10 प्रतिशत बढ़ा है और 6 बिलियन डॉलर हो गया है। उनका कुल लाभ भी 15.2 प्रतिशत बढ़कर 1.2 बिलियन डॉलर का रहा, जबकि वार्षिक लाभ की बात करें तो इसमें 17.1 प्रतिशत की बढ़त हुई है और रेवेन्यू 31.6 बिलियन डॉलर हो गया है। TCS के CEO राजेश गोपीनाथ का मानना है कि कम्पनी वित्तीय वर्ष 22′ में अपने Consant Currency को दहाई के आंकड़े तक पहुंचा सकती है।
TCS ही मात्र एक ऐसी कंपनी नहीं है, जिसने लॉकडाउन में भी मुनाफा कमाया है। टीसीएस के अलावा और भी कई ऐसी आईटी सेक्टर की कंपनियां हैं, जो कोरोना के बाद भी मुनाफे में रहीं। कई कंपनियों ने न सिर्फ मुनाफ़ा कमाया, बल्कि अपने व्यापार का भी विस्तार किया। कई स्टार्टअप ऐसे हैं, जिनको लॉकडाउन में बहुत मुनाफ़ा हुआ।
BusinessLine की रिपोर्ट के अनुसार Paytm First Game ने यह दावा किया है कि उनके app को 5 मिलियन से अधिक लोगों ने डाउनलोड किया है। लॉकडाउन में यह गेमिंग ऐप लोगों की पहली पसंद रहा। गेमिंग का चलन भारत में इस तेजी से आगे बढ़ रहा है कि एक अनुमान के मुताबिक यह सेक्टर वर्ष 2022 तक 2.8 बिलियन डॉलर का मार्केट बन जाएगा।
इसके अलावा khabri न्यूज पोर्टल लोगों के बीच काफी पसंद किया गया। इसके अलावा भी कई ऐसे ऐप चलन में आए हैं, विशेष रूप से वह ऐप, जो क्षेत्रीय भाषाओं में अपनी सेवाएं दे रहे हैं उनका इस्तेमाल काफी बढ़ा है।
आईटी सेक्टर में कई ऐसी कंपनियां हैं, जिन्होंने पूरे लॉकडाउन में न तो अपने कर्मचारियों की छटनी की, न वेतन काटा। इसके बजाए कई कंपनियों ने नए लोगों को नौकरियों पर रखा है। यह सत्य है कि कोरोना के कारण कई सेक्टर जैसे टूरिस्म, होटल, इंडस्ट्री आदि बुरी तरह प्रभावित हुए हैं, लेकिन यह आईटी सेक्टर के लिए फायदेमंद रहा है।
Economic Times की रिपोर्ट में Fitch Rating के हवाले से कहा गया है कि डिजिटलीकरण के बढ़ते चलन के कारण भारत का आईटी सर्विस सेक्टर 2021-22 के वर्ष में रेवेन्यू ग्रोथ देखेगा। इसमें ऑटोमोटिव सॉफ्टवेयर और क्लाउड सर्विस का चलन बढ़ने वाला है। Fitch Rating के अनुसार कंपनियां अपने व्यापार को डिजिटल करने पर जोर दे रही हैं। ऐसे में इसका प्रत्यक्ष लाभ आईटी सेक्टर को ही होगा। और पढ़ें : क्या नीतीश डाटा से हेर-फेर कर बिहार में कोरोना की वास्तविक स्थिति छुपा रहे हैं
एक रिपोर्ट के अनुसार पिछले वर्ष की तुलना में जनवरी 21′ में आईटी सेक्टर में हायरिंग, यानी नौकरी मिलने में, 39 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण यह है कि आईटी सेक्टर में न सिर्फ नौकरियां आ रही हैं, बल्कि वेतन भी अच्छा मिल रहा है।
जैसे आर्थिक विकास के लिए अच्छे इंफ्रास्ट्रक्चर के मूलभूत आवश्यकता होती है। उसी प्रकार आज के समय में तेजी से फैलता आईटी सेक्टर भी महत्वपूर्ण हो गया है। यही कारण है कि आईटी सेक्टर के मुनाफे के कारण सेंसेक्स भी अच्छी स्थिति में दिख रहा है। TCS द्वारा अपनी Consant Currency Report निकालने के बाद सेंसेक्स में बढ़त देखने को मिली।
आर्थिक मामलों के विशेषज्ञ मानते हैं कि कोरोना की दूसरी लहर अर्थव्यवस्था अधिक प्रभावित नहीं करेगी, क्योंकि मार्केट ने कोरोना के साथ चलना सीख लिया है। ऐसे में आर्थिक विकास प्रभावित नहीं होगा। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण तेजी से विकसित हो रहा आईटी सेक्टर ही है, जिसने अपने विकास के साथ ही भारत के डिजिटलीकरण की कहानी लिखी है।