पश्चिम बंगाल में चुनाव हो और हिंसा न हो ये असंभव है। पहले माओवादी हिंसा करते थे अब TMC के गुंडे हिंसा में लिप्त पाए जाते हैं। गुरुवार को चुनाव शुरू होने से पहले और समाप्त होने तक खूब हिंसा हुई। पश्चिम बंगाल में 1 अप्रैल को दूसरे चरण के मतदान में सूबे के चार जिलों की कुल 30 सीटों के लिए वोट डाले गए तब कई जगह हिंसा की घटनायें सामने आईं। इस बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि दूसरे राज्यों के गुंडे यहां हंगामा कर रहे हैं। इसी मुद्दे को लेकर उन्होंने राज्यपाल से भी बात की है। उनका कहना है कि चुनाव आयोग तृणमूल कांग्रेस की शिकायत पर कार्रवाई नहीं कर रहा है।
ममता बनर्जी ने राज्यपाल से फोन पर बात के दौरान कहा, ”लोगों को वोट देने से रोका जा रहा है। मैं सुबह से ही यहां हूं। अब मैं आपसे अपील कर रही हूं। कृप्या देखें।” टीएमसी अध्यक्ष ममता बनर्जी ने कहा कि हमने सुबह से 63 शिकायतें की हैं, एक पर भी कार्रवाई नहीं हुई। यहाँ यह ध्यान देना होगा कि ममता बनर्जी यूपी / बिहार से “आयातित गुंडों” के बारे में चिंतित नहीं हैं, लेकिन वह इस तथ्य से चिंतित हैं कि उनके अपने गुंडे खाली बैठे हैं। चुनाव आयोग ने ऐसी लगाम लगाई है कि TMC के गुंडे छिटपुट घटनाओं को छोड़ कुछ बड़ी घटना हो अंजाम नहीं दे पा रहे हैं।
#WATCH: West Bengal CM Mamata Banerjee speaks to Governor Jagdeep Dhankhar over the phone at a polling booth in Nandigram. She says, "…They didn't allow the local people to cast their vote. From morning I am campaigning…Now I am appealing to you, please see…" pic.twitter.com/mjsNQx38BB
— ANI (@ANI) April 1, 2021
बता दें कि नंदीग्राम में हिंसा के बावजूद 81 प्रतिशत मतदान हुआ। शाम 5 बजे तक पश्चिम मिदनापुर में 78 प्रतिशत और पूर्वी मिदनापुर में 81 प्रतिशत, दक्षिण 24 परगना में 80 प्रतिशत और बांकुरा में 83 प्रतिशत वोट दर्ज किए गए।
30 निर्वाचन क्षेत्रों के सभी बूथों से शांतिपूर्ण मतदान के साथ दिन सुचारू रूप से शुरू हुआ, लेकिन जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया, विभिन्न मतदान क्षेत्रों से हिंसा की खबरें आने लगीं। चंडीपुर से टीएमसी के उम्मीदवार सोहम चक्रवर्ती की कार पर हुगली में हमला हुआ। वहीं पश्चिम मेदिनीपुर जिले के केशपुर के दादपुर अंचल में एक तृणमूल कार्यकर्ता की चाकू घोंपकर हत्या कर दी गई। मृतक की पहचान उत्तम दलुई के रूप में हुई है। तृणमूल ने भाजपा पर हत्या का आरोप लगाया है। दूसरी तरफ भाजपा ने इसमें हाथ होने से साफ इंकार किया है। पुलिस ने हत्या के सिलसिले में सात लोगों को गिरफ्तार किया है। दूसरी तरफ नंदीग्राम के नंबर एक ब्लॉक में भाजपा के एक कार्यकर्ता की रहस्यमयी हालत में फंदे से लटकता शव मिला। तृणमूल पर उसकी हत्या कर शव को फंदे से लटकाने का आरोप लगा है।
नंदीग्राम में भाजपा प्रत्याशी सुवेंदु अधिकारी के काफिले पर हमले की घटना सामने आई है हालांकि, इसमें सुवेंदु की गाड़ी को नुकसान नहीं पहुंचा है। हमले में मीडिया की गाड़िय़ों को भारी नुकसान पहुंचा है। वहीं, केशपुर सीट से भाजपा प्रत्याशी तन्मय घोष की कार पर भी हमला किया गया। इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
TMC की गुंडागर्दी के इतिहास को देखें तो ये हिंसा की ख़बरें पहले की तुलना में काफी कम हैं। ममता बनर्जी चाह कर भी अब अपने गुंडों का इस्तेमाल नहीं कर पा रही है और वे खाली बैठे हैं, इसलिए अब वे लगातार बिहार यूपी से आये लोगों को निशाना बना रही हैं। उन्हें डर है कि सत्ता खोने के बाद वे बेरोजगार हो जायेंगे। इसी कारण ममता बिहार यूपी के लोगों को अपने ही देश में बाहरी करार दे रही हैं। यह कुछ और नहीं बल्कि उनका सत्ता खोने का डर दिखा रहा है। यही कारण है कि जब तक वे सत्ता में हैं उनका इस्तेमाल करना चाहती हैं पर उनकी कोई योजना सफल नहीं हो पा रही, जिससे वह पूरी तरह से झल्लाई हुई हैं। हार के डर से पहले ही उन्होंने पश्चिम बंगाल के अन्य क्षेत्रों को छोड़ 5 दिनों से नंदीग्राम में डेरा डाल रखा था, परंतु उनके इस स्टंट का भी कोई फायदा नहीं जिस कारण वो अब यूपी-बिहार से आये लोगों पर गुंडागर्दी का आरोप लगा रही हैं।