कोरोना वायरस महामारी के चलते दुनिया को आर्थिक तंगी देखनी पड़ रही है, और भारत भी इससे अलग नहीं हैं, लेकिन भारत के कुछ राज्य ऐसे हैं जिन्होंने महामारी में आर्थिक तंगी न देखकर आर्थिक बढ़ोतरी देखी हैं। वो राज्य है उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, राजस्थान और मध्यप्रदेश। बता दें कि, वित्तीय वर्ष 2021 में उत्तर प्रदेश ने तमिलनाडु, कर्नाटक और गुजरात से आगे निकाल चुका है। उत्तर प्रदेश GSDP में अब केवल महाराष्ट्र से पीछे है। उत्तर प्रदेश जहां वर्ष 2020 में 5वे स्थान पर था, वर्ष 2021 में 2 स्थान पर है।
SBI की एक रिसर्च से सामने आया है कि, वित्तीय वर्ष 2021 में उत्तर प्रदेश,पश्चिम बंगाल, राजस्थान और मध्यप्रदेश के GSDP में भारी बढ़ोतरी देखने को मिली है जबकी महाराष्ट्र , तमिलनाडु में तेजी से गिरावाट देखने को मिली है। कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए यह कयास लगाया जा रहा था कि उत्तर प्रदेश ,राजस्थान और मध्यप्रदेश जैसे राज्य को अर्थव्यवस्था में गिरावट देखने को मिलेगी लेकिन उम्मीदों के विपरीत इन राज्यों ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया है।
और पढ़ें-Noida के पास गुरुग्राम से कंपनियों को आकर्षित करने का सुनहरा मौका था, UP सरकार ने बड़ी गलती कर दी
इससे पहले भी उत्तर प्रदेश ने प्रगति दिखाई थी। हाल ही में जब उत्तर प्रदेश ने economy में बिहार को पीछे छोड़ दिया था तब उत्तर प्रदेश के मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा था, “हमारा राज्य industries को बहुत सहयोग करता है। मुख्यमंत्री योगी जी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश निरंतर प्रगति की ओर बढ़ रहा है, योगी जी ने हमेशा व्यापार और industries को प्रोत्साहन देने का काम किया है, जिसके चलते ease of doing business में उत्तर प्रदेश को दूसरा स्थान प्राप्त हुआ था।”
बीते कुछ वर्षो में भारत के प्रगतिशील राज्यों का business-ecosystem दूसरी दिशा में जाता हुआ दिख रहा है। मिसाल के तौर पर sterlite cooper plant का तमिलनाडु में बंद होना या मुंबई मेट्रो का मेट्रो शेड पर राजनीति करना। विकसित राज्य सरकारों ने विकास विरोधी कदम उठाए है, जिसकी वजह से इनकी विकास दर तेजी से नीचे गिरते हुए नज़र आ रही है।
विकास विरोधी नीतियो के साथ तमिलनाडु जैसे राज्य ने अपने होने वाले राज्य चुनाव में जिस प्रकार जनता को सब कुछ फ्री में देने का वादा किया है उससे राज्य के खाजने पर असर पड़ेगा। तमिलनाडु के दोनों पक्ष में किसी ने industry और बिज़नस को बढ़ावा देने की बात तक नहीं की है वहीं मुफ्त में लैपटाप और टैबलेट देने के बात सभी ने की है।
वहीं दूसरी ओर UP और MP की सरकार ने जिस प्रकार अपने राज्यों में व्यापार बढ़ाने का काम किया है ,यह बात किसी से छुपी नहीं है। हाल ही में, उत्तर प्रदेश सरकार ने labour कानूनों को अपने राज्य में लागू किया है, साथ ही में राज्य के मंडी समिति के साथ अन्य विकल्प खोले गए है। उत्तर प्रदेश सरकार का GST रिटर्न भी हमेशा समय अनुसार होता है। उत्तर प्रदेश सरकार ने पिछले 4 सालों में विकास अनुकूल कई नियम और बदलाव किए है, जिसका नतीजा ease of doing business index में साफ नज़र आ रहा है।
और पढ़ें –सभी बड़ी कंपनियाँ जो गुरुग्राम को आर्थिक लाभ पहुँचाती थीं, अब नोएडा जाने वाली हैं
एक तरफ महाराष्ट्र और तमिलनाडु दूसरी ओर उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश, दोनों तरफ विकास के लिए बिलकुल अलग–अलग कदम उठाए जा रहे है। जहां योगी सरकार उद्योगपतियों के साथ सम्पूर्ण सहयोग कर रही है वहीं दूसरी और उद्धव सरकार मुकेश अंबानी के घर के सामने विस्फोटक रखने में घिरी हुई नज़र आ रही है। जहां एक तरह योगी सरकार अपने यहाँ व्यापार के लिए ज़मीन और हर सरसाधन दे रही है वहीं दूसरी ओर उद्धव सरकार दी गई ज़मीन को भी छिन रही है। यह अनुमान लगाना गलत नहीं होगा के आने वाले समय में भारत के अर्थव्यवस्था में सबसे बड़ा सहयोग उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश का होगा।