एक बार फिर से कोरोना वायरस ने अपने पैर पसारना शुरू कर दिया है। देश में सबसे अधिक मामले महाराष्ट्र से सामने आ रहे हैं। इसी बीच एक ऐसा राज्य है, जहाँ की स्थिति और अधिक भयावह हो चुकी है। सबसे बड़ी बात यह है कि इस राज्य पर किसी की नजर नहीं है। यह राज्य है कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़, जहाँ शवों को दफ़नाने के लिए जगह भी नहीं बची है।
कोरोना से राज्य की हालत दिन-प्रतिदिन बद से बदतर होती जा रही है। छत्तीसगढ़ में कोरोना से मरने वालों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है, यहाँ तक कि शव दफनाने के लिए भी जगह नहीं मिल रही है। छत्तीसगढ़ के शहरी क्षेत्रों में दो दिन से जारी नाइट कर्फ्यू प्रभावी होता नहीं दिख रहा है।
बीते 24 घंटों में राज्य में कोरोना वायरस के 4,617 नए मामले सामने आए हैं। वहीं इलाज के दौरान 25 मरीजों की मौत हो चुकी है। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव की सिफारिश पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सभी जिला कलेक्टरों को स्थानीय परिस्थितियों के मुताबिक लॉकडाउन लगाने का अधिकार दिया है।
Chhattisgarh | Amid rising covid death toll, cemetry&graveyards run out of space in Durg
Earlier, cremation was being held at 2 places.With rising deaths in last 2 days, many bodies have been brought to cremation centres. We're trying to arrange 2-3 places for it: Durg Collector pic.twitter.com/DY1Svjtzem
— ANI (@ANI) April 3, 2021
स्थानीय प्रशासन ने कोरोना के लगातार बढ़ रहे मामले को देखते हुए दुर्ग में पूर्ण लॉकडाउन की घोषणा कर दी है। यहां 6 अप्रैल से लेकर 14 अप्रैल तक लॉकडाउन लगाया जायेगा। दुर्ग के जिलाधिकारी सर्वेश्वर भूरे ने इसकी जानकारी दी है।
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छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के कारणों का पता लगाने शुक्रवार को केंद्र और राज्य की टीम भी दुर्ग पहुंची है। टीम के सदस्यों ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर जिले में कोरोना फैलने के कारणों और इससे निपटने के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी मांगी।
CMHO और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पिछले दिनों में राजधानी रायपुर में आयोजित रोड सेफ्टी वर्ल्ड सीरीज क्रिकेट मैच, कोरोना गाइडलाइन में दी गई ढील, सार्वजनिक आयोजनों की छूट के कारण दुर्ग में कोरोना के संक्रमण का तेजी से प्रसार हुआ।
राज्य सरकार को ध्यान देना चाहिए था कि अगर कोरोना फ़ैल रहा था, तो स्टेडियम को जनता के लिए क्यों खोला गया ? जिस तरह से पुणे या अहमदाबाद में बिना दर्शकों के मैच हुए, उस तरह से छत्तीसगढ़ में भी क्यों नहीं इस सीरिज को खेला गया। टीम ने टेस्टिंग की संख्या पर असंतोष जताते हुए जिला स्वास्थ्य अधिकारियों को सलाह दी कि टेस्टिंग और टीकाकरण की गति बढ़ाएं। इसकेअलावा कंटेनमेंट जोन में आवाजाही को लेकर सख्ती बरतने की भी सलाह दी है।
दुर्ग के अलावा राजधानी रायपुर और राजनांद गांव राज्य में सर्वाधिक कोरोना प्रभावित जिले हैं। गुरुवार को छत्तीसगढ़ में 40,857 सैंपल्स की जांच हुई, इनमें 4,617 सैंपल्स में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई। इन 24 घंटों में 25 कोरोना मरीजों की मौत हुई। अब प्रदेश में एक्टिव मरीजों की संख्या 28,987 हो गई है। गुरुवार को रायपुर में सर्वाधिक 1327 मरीज मिले, दुर्ग जिले में 996 मरीज सामने आए।
राजनांदगांव में 437, बिलासपुर में 288, महासमुंद में 182, बालोद में 130, बेमेतरा में 118, धमतरी में 115 नए मरीज मिले। इन सभी जिलों में संक्रमित मरीजों की संख्या बुधवार के मुकाबले बढ़ी है। छत्तीसगढ़ में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच एक और चिंताजनक खबर आई है। अब तक 5 नमूनों में कोरोना के नए वैरिएंट की पुष्टि हो चुकी है। इसे N-440 नाम दिया गया है। यानी स्पष्ट है कि राज्य सरकार की ढील का खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है।
शुक्रवार को अपडेट किए गए यूनियन हेल्थकेयर डेटा के अनुसार, 24 घंटे के भीतर 81,466 नए संक्रमणों के साथ छह महीने में यह एक दिन में सबसे अधिक कोरोनो वायरस के मामले हैं। अब जिस तरह से छत्तीसगढ़ में कोरोना के मामले भयंकर रूप ले रहे हैं। उसे देखते हुए यह कहा जा सकता है कि महाराष्ट्र के बाद यहाँ भी हालात अब बेकाबू होने वाले हैं। अगर राज्य की कांग्रेस सरकार ने त्वरित कार्रवाई नहीं की, तो यह राज्य देश का हॉटस्पॉट बन जायेगा।