छत्तीसगढ़ में कोरोना वायरस का संक्रमण बहुत तेजी से फैल रहा है। साथ ही कोरोना वायरस के कारण होने वाली मौतों की दर में भी उछाल देखने को मिल रहा है। बता दें कि, छत्तीसगढ़ में पिछले 24 घंटों में 15,121 लोग कोरोना संक्रमित पाये गये हैं और 156 लोगों की मौत हुई है। इसी बीच छत्तीसगढ़ सरकार ने आदेश दिया है कि, अगर किसी मरीज की मौत हो जाती है, तो उसके परिजनों से 2500 रूपये चार्ज किए जाएंगे। यह चार्ज स्टोरेज और कैरेज के नाम पर वसूला जा रहा है।
इस आदेश की जानकारी स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ सचिव ने दिया है। छत्तीसगढ़ सरकार के इस फैसले की वजह से जनता के बीच नाराजगी है। भाजपा ने भी इस फैसले को लेकर राज्यभवन में विरोध प्रदर्शन किया है। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में कोरोना के मामले बहुत तेज़ी से बढ़ रहे हैं।
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छत्तीसगढ़ में 5 अप्रैल को 7302 कोरोना के नए मामले दर्ज किए गए थे और 38 लोगों की मौत की खबर आई थे। उसके बाद अभी 10 दिन भी नहीं हुए और बुधवार को 15,121 नए कोरोना के मामले सामने आए हैं। साथ ही 156 लोगों की मौत भी हो चुकी है। राज्य की स्थिति को देखते हुए अभी तक 18 जिलों में लॉकडाउन आदेश जारी किया जा चुका है। छत्तीसगढ़ की जनता के बीच हड़कंप मचा हुआ है और ऐसे में प्रदेश सरकार अमानवीय तरीके से मौत के ऊपर पैसा कमाने में लगी हुई है।
हाल में ही एक रिपोर्ट आई थी, जिसमें यह दावा किया गया था कि छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में मरीजों की मौत की संख्या इतनी ज्यादा बढ़ गई है, कि शवों को दफनाने के लिए जगह भी नहीं बची है। इसके साथ ही एक दूसरी खबर आई थी, जिसमें यह दावा किया गया था कि, अस्पतालों में मरीजों के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन, दवाइयों और ऑक्सीजन की कमी हो गई थी। छत्तीसगढ़ में कोरोना की स्थिति बेहद चिंताजनक हो गई है।
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कोरोना के बढ़ते संक्रमण और हो रही मौतें के बारे में जब रायपुर के चीफ़ मेडिकल अफसर मीरा बघेल से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि, “कोई भी अंदाजा नहीं लगा सकता था कि एक साथ इतनी मौतें होंगी। मौतों की सामान्य संख्या के लिए हमारे पास पर्याप्त फ्रीजर हैं, लेकिन हम यह नहीं समझ पा रहे हैं कि एक से दो मौतों वाले स्थान से 10-20 मौत की रिपोर्ट कैसे आ रही हैं। अगर हम 10-20 की तैयारी करते हैं, तो 50-60 लोग मर रहे हैं। हम एक साथ इतने सारे लोगों के लिए फ्रीजर की व्यवस्था कैसे कर सकते हैं ? यहां तक कि श्मशान में में भी पर्याप्त जगह नहीं है।”
रायपुर के चीफ़ मेडिकल अफसर के बातों से आप अनुमान लगा सकते हैं कि राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है। ऐसे में भूपेश सिंह बघेल को अपने राज्य की जनता के साथ मानवता से पेश आना चाहिए था और उनके ऊपर पैसों का बोझ डालकर उनकी परेशानियों को और नहीं बढ़ाना चाहिए था।


























