मल्लिका दुआ को नंबर देना हरदीप सिंह पुरी को पड़ा भारी, BJP समर्थक हुए नाराज़

बंगाल हिंसा पीड़ितों को देंगे नंबर हरदीप सिंह पुरी?

हरदीप सिंह पुरी

freepressjournal

किसी की मदद करना बुरी बात नहीं है परन्तु जब आप अपने ही लोगों को नजरंदाज कर अपने विरोधियों की मदद करने पहुँच जाते हैं, वह भी बिना बुलाये तब कई तरह के सवाल खड़े हो जाते हैं। कल यही देखने को मिला जब #MeToo के आरोपी पत्रकार विनोद दुआ की बेटी मल्लिका दुआ ने SOS मैसेज ट्विटर पर डाला और केंद्रीय उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने तुरंत आगे बढ़ते हुए बिना बुलाये ही अपना फोन नंबर दे कर मदद की। ये वही मल्लिका दुआ है जिन्होंने बीजेपी समर्थकों के मर जाने की दुआ की थी। हरदीप सिंह पुरी के इस कदम के बाद ट्विटर पर विवाद खड़ा हो गया और कई बीजेपी के कट्टर समर्थक सरकार से सवाल करने लगे।

दरअसल, #MeToo के आरोपी पत्रकार विनोद दुआ COVID-19 के कारण अस्पताल में भर्ती हैं। उनकी पत्नी चिन्ना दुआ को भी गुरुग्राम के मेदांता में COVID इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। रविवार को चिन्ना दुआ को Tocilizumab की जरूरत थी, जो कि COVID रोगियों के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली महत्वपूर्ण दवा है। इसी कारण उनकी बेटी, अभिनेत्री और अपने आप को ‘कॉमेडियन’ कहने वाली मल्लिका दुआ ने इस दवा के लिए ट्विटर पर SOS मैसेज डाला।

हैरानी की बात यह थी कि मल्लिका ने अभिनेता सोनू सूद और कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा जैसी विभिन्न हस्तियों और राजनेताओं को मदद के लिए ट्वीट किया था। उन्होंने एक भी बीजेपी के नेताओं को यहाँ तक कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर को भी टैग नहीं किया था।

हालांकि, भाजपा सांसद और नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने तुरंत ही ट्विटर पर अपना नंबर दिया और उन्हें बताया कि दवा की व्यवस्था कर ली गई है।

यहाँ समस्या उनके द्वारा दिखाई गयी दरियादिली से नहीं बल्कि, उनके अपने ही समर्थकों को मदद न करने से खड़ी हुई। अगर हरदीप सिंह पुरी के ट्विटर टाइमलाइन को स्क्रॉल करके देखेंगे तो उन्होंने इस तरह SOS पर किसी भी समर्थक को मदद नहीं पहुंचाई है। हो सकता है उन्होंने बिना ट्विटर पर बताये ही लोगों की मदद की हो पर ट्विटर पर उनके समर्थकों को तो ऐसा ही प्रतीत होगा कि हरदीप सिंह पुरी उनकी मदद करने के बजाये भक्तों की मृत्यु चाहन वाली मल्लिका की पहले मदद कर रहे हैं। यानी, आम जनता का कोई महत्व नहीं है।

बता दें कि विनोद दुआ की बेटी, मल्लिका दुआ, ने सभी ‘भक्तों’ यानी प्रधानमंत्री मोदी के समर्थकों की मृत्यु की कामना की थी।

इससे पहले दुआ ने पुलवामा शहीदों के साथ एकजुटता दिखाने वाले लोगों के खिलाफ भी अपशब्द कहे थे। आतंकी हमले में अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर जवानों और उनके शोक संतप्त परिवारों के प्रति पूरी तरह से असंवेदनशीलता प्रदर्शित करते हुए दुआ ने कहा था कि “लोग हर दिन मरते हैं”। उन्होंने कहा था, ‘मैं उनसे पूछना चाहती हूं कि लोग हर दिन भूख, भुखमरी, बेरोजगारी और कई अन्य कारणों से मरते हैं, क्या हम उन सभी पर शोक करते रहते हैं, क्या हम पूरे साल शोक मनाते रहते हैं। यह बकवास है।”

केन्द्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी द्वारा इस तरह elite class के लोगों को बिना बुलाये ही मदद के कारण वह भी तब जब आम लोगों को ऑक्सीजन के लिए भी कड़ी मेहनत करनी पड़ रही है कई भाजपा समर्थकों ने विरोध जताया और सवाल किया।

TFI के कंसल्टेंट एडिटर अजित दत्ता ने लिखा, “किसी ऐसे व्यक्ति की मदद करना जिसने मदद ही नहीं मांगी और जो आपके सपनों में भी आपके लिए ऐसा कभी नहीं करेगा, उन लोगों की कीमत पर जो आपसे मदद की भीख मांग रहे हैं और जो हर मुश्किल समय में आपके साथ खड़े रहे हैं, उनके लिए यह दयनीय है।“

ट्विटर यूजर अंकुर सिंह ने बताया कि मल्लिका के पिता पत्रकार विनोद दुआ ने पूर्व पीएम और भाजपा नेता अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर श्रद्धांजलि को ‘पाखंड’ कह दिया था।

अंकित जैसे नाम के ट्विटर यूजर ने कहा कि, “यह इस बारे में नहीं है कि किसने किसे वोट दिया, यह विशेषाधिकार के बारे में है। यह एक इंजेक्शन के बारे में है जो एक आम आदमी के लिए उपलब्ध नहीं है, लेकिन मंत्री को टैग किए बिना भी व्यवस्थित किया जाता है। “

https://twitter.com/indiantweeter/status/1394025108268748804?s=20

https://twitter.com/indiantweeter/status/1393997307457130497?s=20

वहीँ शेफाली वैद्या ने ट्वीट किया कि, “हरदीप पुरी जी, अस्पतालों में इतने गंभीर मरीज हैं, आपको उनके लिए इंजेक्शन की व्यवस्था करते नहीं देखा। विनोद दुआ और मल्लिका दुआ में क्या खास है? आपने तब उनकी मदद की जब उन्होंने आपको टैग भी नहीं किया था? क्या यह इसलिए था क्योंकि वे 24/7 नरेंद्र मोदी को गाली देते हैं और भक्तों की मौत की कामना करते हैं?”

https://twitter.com/ThePlacardGuy/status/1394012369659990019?s=20

हालाँकि हरदीप सिंह पुरी ने उस ट्वीट को डिलीट कर दिया है लेकिन यह विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। यही वास्तविकता भी है बीजेपी के कई मंत्री लेफ्ट ब्रिगेड के एलिट क्लब द्वारा तरफदारी के लिए बेचैन रहते हैं चाहे वो प्रकाश जावडेकर द्वारा सबा नकवी की किताब प्रमोट करनी हो या इस तरह से मल्लिका दुआ की मदद करनी हो। शीर्ष नेतृत्व को यह सोचना चाहिए कि अगर मदद ही करनी है तो पहले आम जनता की क्यों नहीं।

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