पंजाब में फ़ैल रहे कोरोना के लिए किसान आन्दोलन जिम्मेदार : MLA राजिंदर सिंह बाजवा
पिछले छः महीनों से चले आ रहे किसान धरना प्रदर्शन का असर अब पंजाब, हरियाणा उत्तरप्रदेश जैसे राज्यों में दिखाई देने लगा है। इसके कारण पंजाब में न सिर्फ कोरोना के मामलों में वृधि हुई है बल्कि मृत्यु दर भी राष्ट्रीय औसत से दोगुना हो चुकी है। इसके बावजूद, न तो किसान किसी प्रकार की सावधानी बरत रहे हैं और न ही धरने को बंद करने का प्लान बना रहे हैं। यही कारण है कि अब तो पंजाब के मंत्री भी पंजाब में फ़ैल रहे कोरोना के लिए किसान आन्दोलन को जिम्मेदार बताने लगे हैं।
दरअसल, कृषि कानूनों के खिलाफ कुंडली बॉर्डर पर बैठे अन्दोलानकर्ता अब भी आन्दोलन को बंद करने के मूड में नहीं दिखाई दे रहे हैं। इससे कोरोना पंजाब के ग्रामीण क्षेत्रों में भी तांडव मचाना शुरू कर चुका है। सरकार की अपील के बावजूद किसान कोरोना की जांच भी नहीं करवा रहे हैं। रिपोर्ट यह है कि धरनास्थल पर मंगलवार देर शाम को बलबीर सिंह नामक किसान की मौत हो गयी थी। किसान आंदोलन में 16 मई को शामिल होने आए 51 वर्षीय बलबीर सिंह की कोरोना के चलते धरना स्थल पर ही मौत हो गई। पहले उन्हें बुखार था लेकिन मरने के बाद पता चला कि वे कोविड से ग्रसित थे।
हालाँकि, समस्या तब बड़ी हो गयी जब बलबीर की रिपोर्ट पॉजिटिव मिलने पर किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल के नेतृत्व में किसानों का दल अस्पताल पहुंच गया और हंगामा खड़ा कर दिया गया। उनका कहना था कि मरने के बाद किसान की कोरोना जांच क्यों कराई गई। किसानों ने इस तरह से दोबारा किसी की जांच करने पर सोनीपत प्रशासन के खिलाफ आंदोलन करने की चेतावनी भी दी है।
किसान के मरने के बाद भी किसान नेता कोरोना की बात को छुपाना चाहते हैं जो न सिर्फ धरने पर बैठे किसानों के लिए घातक है बल्कि पूरे राज्य के लिए विनाशक बन सकता है। ये ही किसान जब जानकारी और टेस्ट न कराने की वजह से कोरोना से ग्रसित होकर गाँव जा रहे हैं तो दूसरे लोगों को भी संक्रमित कर रहे हैं। यही कारण है कि पंजाब में कोरोना अब भीषण तांडव मचा रहा है तथा मृत्यु दर राष्ट्रीय औसत से अधिक है।
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पंजाब के ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा ने राज्य के ग्रामीण इलाकों में कोरोना के बढ़ते मामलों के लिए सिंघु बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों को जिम्मेदार ठहराया है। बाजवा का कहना है कि सिंघु बॉर्डर से पंजाब लौटने वाले किसानों के कारण ही प्रदेश के गांवों में कोरोना पांव पसारने लगा है। उन्होंने पंजाब लौटने वाले आंदोलनकारी किसानों की प्रदेश में प्रवेश से पहले कोविड जांच कराने की भी मांग की है। तृप्त बाजवा ने कहा कि सिंघु बॉर्डर और टीकरी बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसान जब भी पंजाब लौटते हैं, वे पहले अपना टेस्ट कराएं और जब तक टेस्ट की रिपोर्ट नहीं आ जाती, तब तक खुद को एकांतवास में रखें। किसानों के पंजाब लौटने के बाद सबसे पहला खतरा उनके परिजनों को ही हो जाता है।
Punjab minister Tript Rajinder Singh Bajwa blames farmers returning from protests for the rise in #Covid19 numbers in Punjab.
News18's Pankaj Kapanhi with the details.
Join the broadcast with @SiddiquiMaha. pic.twitter.com/PAtNnQoMlR
— News18 (@CNNnews18) May 20, 2021
किसान आन्दोलन से प्रदेश में कोरोना का ग्राफ तेजी से बढ़ा है : रिपोर्ट
Times Now के मुताबिक, केंद्र सरकार की एक आंतरिक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि बीते कुछ महीनों में कोरोना के मामलों में वृद्धि किसानों के प्रदर्शन से संबंधित हो सकती है। रिपोर्ट के मुताबिक, किसान आंदोलन के दौरान 26 जनवरी की ट्रैक्टर रैली, 18 फरवरी के रेल रोको आंदोलन के बाद से प्रदेश में कोरोना का ग्राफ तेजी से बढ़ा है। सिर्फ हरियाणा में ही नहीं बल्कि दिल्ली और पंजाब से भी कई गांवों के लोगों के भारी संख्या में किसान आंदोलन में भाग लेने की वजह से कोरोना के मामले बढ़े हैं।
Link between #FarmersProtest & spike in #Covid19 death rate –
Villages participating in Kundli border protest record 1600% surge in Covid deaths since last year.
Villages participating in Tikri border protest record 4650% surge in Covid deaths since last year.
Join the dots!! pic.twitter.com/OpQbdmwHMr
— Priti Gandhi (Modi ka Parivar) (@MrsGandhi) May 19, 2021
रिपोर्ट्स के मुताबिक, कुंडली बॉर्डर पर धरने में शामिल होने वाले गावों में कोरोना से मौत के मामलों में पिछले साल के मुकाबले 1600% वृद्धि दर्ज की गई। टीकरी बॉर्डर पर धरना देने वाले किसानों के गांवों में कोरोना से मौत के मामले पिछले साल के मुकाबले 4650% बढ़े हैं। अन्य जगहों पर धरने में शामिल होने वाले किसानों के गांवों में कोरोना से मौतों में 393 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह ट्रेंड पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में देखा जा सकता है। यानी स्पष्ट है कि नकली किसानों ने पंजाब को कोरोना हॉटस्पॉट बना दिया है और अब तो कांग्रेस की अमरिंदर सरकार के मंत्री भी उन्हें जिम्मेदार मानने लगे हैं। अब यही किसान हरियाणा में भी कोरोना फ़ैला रहे हैं। अब वक्त आ गया है कि केंद्र सरकार को इन सभी के खिलाफ एक कड़ा एक्शन लेना चाहिए।