पिछले दिनों में भारत की जांच एजेंसी The Competition Commission of India ने अपनी जांच में यह पाया कि Amazon ने ऑनलाइन सेलिंग में विक्रेताओं के छोटे समूह को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से उन्हें अपना सामान बेचने के अधिक मौके देती है। जबकि नियम के अनुसार किसी भी विदेशी कम्पनी को, जो ऑनलाइन शॉपिंग के व्यापार में है, हर भारतीय विक्रेता को बराबर मौका देना होता है।
भारतीय जांच एजेंसियों द्वारा यह जानकारी एक कोर्ट को दी गई थी। इस जानकारी का स्त्रोत Reuters की रिपोर्ट थी। इसके आधार पर एजेंसी ने कोर्ट से इस मामले में Amazon और Flipkart के विरुद्ध जांच शुरू करने का आदेश मांगा था।
अब The Economic times की रिपोर्ट के अनुसार, जैसे ही भारत में Amazon के विरुद्ध जांच शुरू हुई अमेरिकी अधिकारी हरकत में आ गए और भारत सरकार से इस संदर्भ में बातचीत शुरू कर दी। रिपोर्ट में बताया गया है कि कैसे अमेरिकी कंपनी द्वारा भारत में व्यापार के नियमों का उल्लंघन करने के बाद, उसे बाइडेन प्रशासन द्वारा बचाने का प्रयास किया गया।
अमेरिका में सूचना के अधिकार के तहत US State Trade Representative कार्यालय के ईमेल की जानकारी से यह खुलासा हुआ है कि बाइडेन प्रशासन के उच्च अधिकारी और बाइडेन के खास जॉन केरी को 18 फरवरी को अमेरिकी अधिकारियों द्वारा इस संदर्भ में सूचना दी गई थी कि भारत की जांच एजेंसी Amazon के गैरकानूनी और पक्षपातपूर्ण रवैये की जांच शुरू कर रही है।
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उस समय केरी और भारत के कॉमर्स मिनिस्टर पीयूष गोयल की क्लाइमेट चेंज पर एक बैठक होने वाली थी। अमेरिकी प्रशासन ने यह पहले ही तय किया था कि वह गोयल द्वारा Amazon के व्यवहार का मुद्दा उठाए जाने पर Amazon का बचाव कैसे करेंगे। भारत में अमेरिकी दूतावास के उच्च अधिकारी ने पहले ही केरी को चेता दिया था कि गोयल इस मुद्दे पर मुखर होकर अपनी बात रखेंगे।
अमेरिकी दूतावास की ओर से बाइडेन प्रशासन को यह बताया गया था कि भारत सरकार सभी अमेरिकी ई-कॉमर्स कंपनियों के व्यापारिक गतिविधियों की जांच करेगी। बाइडेन प्रशासन ने अमेज़न के हितों की सुरक्षा के लिए जिस प्रकार की तेजी दिखाई वह यह दिखाती है की बाइडेन प्रशासन भारत सरकार की कारर्वाई को लेकर चिंतित है।
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बता दें कि अमेज़न ने अपने प्लेटफॉर्म से 4 लाख से अधिक विक्रेताओं को जोड़ रखा है, किन्तु अमेज़न पर होने वाले पूरे व्यापार का दो तिहाई से अधिक हिस्सा मात्र 35 व्यापारियों का है। यह आकंड़े अमेज़न द्वारा अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठानों के साथ हो रहे दोहरे व्यवहार को दिखाता है, जिसकी जांच भारत सरकार ने शुरू की है।
बता दें कि सरकार और व्यापारियों ने मिलकर अमेज़न के व्यवहार के विरुद्ध मोर्चा खोल रखा है। भारत सरकार बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों के एकाधिकार को तोड़ने के लिए काम कर रही है। साथ ही भारत सरकार ने ई-कॉमर्स के क्षेत्र में स्टार्ट को बढ़ावा देने के लिए नए सुधार भी लागू किए हैं।