केंद्र ने PM CARES फंड के तहत राजस्थान में भेजे 1500 वेंटिलेटर, लेकिन वह पड़े-पड़े खराब हो गए

यह सब राजस्थान सरकार की बड़ी लापरवाही है

वेंटिलेटर

हाल ही में छपी दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस शासित राजस्थान में बड़ी लापरवाही की खबर सामने आई है। केंद्र द्वारा दिए गए पीएम केयर फंड के माध्यम से 1500 वेंटिलेटर डिब्बों में पड़े-पड़े खराब हो गए है। दैनिक भास्कर की यह रिपोर्ट आगे बताती है कि राजस्थान के लगभग हर बड़े जिले में कोविड को लेकर कोई पुख्ता इंतजाम नहीं है।

रिपोर्ट के अनुसार, पीएम केयर फंड से मिले 1500 वेंटिलेटर में से ज्यादातर अभी भी डिब्बाें में ही बंद पड़े हैं। इनमें से भी 230 खराब हैं। जो खराब है, उनकी रिपेयरिंग भी नहीं करवाई गई है।

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जयपुर के डॉक्टरों के अनुसार, बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के हिसाब से अभी प्रदेश में एक हजार और वेंटिलेटर की जरूरत पड़ सकती है। वहीं दूसरी तरफ जोधपुर में पीएम केयर फंड के माध्यम से आए 100 में से एक भी वेंटिलेटर को चालू नहीं किया गया है। इसके अलावा प्रदेश के अन्य अस्पतालों में पहले से लगाए गए 164 वेंटिलेटर भी खराब पड़े हैं।

जयपुर के ही SN मेडिकल कॉलेज को पिछले कोरोना लहर के दौरान 100 वेंटिलेटर मिले थे और आज सभी खराब पड़े है। उनके ऑक्सीजन सेंसर काम नहीं करते। इसके बावजूद रिपेयरिंग नहीं हुई है, जिसके कारण वो अभी तक खराब पड़े है। बता दें कि पिछले 24 घंटों में जयपुर में 4456 नए कोरोना के मामले आए हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर राज्य सरकार की तरफ से कोई इंतजाम देखने को नहीं मिल रहा है।

राज्य की राजधानी में स्थित SMS मेडिकल कॉलेज में ICU बनाकर 50 वेंटिलेटर लगाए गए थे। फरवरी से लगे ये वेंटिलेटर अब जाकर चालू किए गए है। कॉलेज में 18 अन्य वेंटिलेटर 6 महीने से खराब है।

रिपोर्ट में राज्य के और भी शहरों के बारे में बताया गया है।

कोटा के मेडिकल कॉलेज में 135 वेंटिलेटर लगाए गए हैं। उनमें से आधे से ज्यादा (65) वेंटिलेटर इंस्टॉल तक नहीं किए गए हैं।

ऐसा ही आलम राज्य के उदयपुर, अजमेर, और बांसवाड़ा में भी है। बता दें कि अभी हाल ही में, राजस्थान की मुख्यमंत्री केंद्र सरकार से मेडिकल सप्लाई जैसे- ऑक्सीजन और वेंटिलेटर बेड के लिए गुहार लगा रहे थे।

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आपको बता दें कि राजस्थान में दिए गए वैक्सीन में से 4 प्रतिशत से ज्यादा वैक्सीन की बर्बादी होती है और उसके बाद राज्य के मुख्यमंत्री वैक्सीन को लेकर राजनीति करते हैं। दैनिक भास्कर के इस पूरे तहकीकात से छत्तीसगढ़ के बाद एक और कांग्रेस शासित राज्य की पोल खुल गई है।

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