After India Now Japan Supports Israel on Palestine conflict.
India and Japan Supports Israel : भारत सरकार ने हाल ही में फिलिस्तीन को बड़ा झटका देते UN के मंच से हमास के रॉकेट हमलों की निंदा की। इसके बाद अब जापान ने भी इजरायल को अपना समर्थन दे दिया है। UN में भारत की ओर से एक संतुलित बयान दिया गया था जिसमें भारत सरकार ने सभी प्रकार की हिंसक गतिविधियों की निंदा की, लेकिन गाज़ा से किए जा रहे रॉकेट हमलों का अलग से ज़िक्र किया। वहीं, अब जापान के रक्षा मंत्री Yasuhide Nakayama ने ट्विटर पर बताया कि वे इजरायल के साथ हैं। यानी अब QUAD के दो ताकतवर देशों ने इजरायल के पक्ष में बयान दे कर बाइडन को एक कड़ा सन्देश दिया है। राष्ट्रपति बनने के बाद जिस तरह से बाइडन ने इजरायल को ले कर Flip-Flop की रणनीति अपनाई है, उससे लगा था कि अमेरिका कहीं इज़रायल को धोखा न दे दे। हालांकि, अब जिस प्रकार Quad के दो अहम देशों ने इज़रायल के पक्ष में बयान दिया है, उसने काफी हद तक इस मुद्दे पर बाइडन प्रशासन के हाथ बांध दिये हैं।
दरअसल, भारत के बाद जापानी रक्षा मंत्री Yasuhide Nakayama ने ट्विटर पर पोस्ट किया है कि वह हमास फिलिस्तीनी आतंकवादियों के साथ बढ़ती हिंसा के मुद्दे पर इजरायल के साथ हैं। Nakayama ने बुधवार को एक पोस्ट में कहा, ” एक दिन अचानक आतंकियों की ओर से 24 घंटे में 300 से अधिक रॉकेट दागे जाएँ, तो आप क्या करेंगे? इजरायल को आतंकवादियों से अपनी रक्षा करने का अधिकार है। आम नागरिकों के खिलाफ सबसे पहले रॉकेट किसने दागे? हमारा ह्रदय इजरायल के साथ है।”
https://twitter.com/iloveyatchan/status/1392160326116732928?s=20
इससे पहले संयुक्त राष्ट्र में भारत के Permanent Representative एस तिरुमूर्ति ने बुधवार को ट्वीट किया कि पूर्वी यरूशलम में इस तनाव के मुद्दे पर भारत सभी तरह की हिंसक गतिविधियों, खासकर गाजा से किए गए रॉकेट हमलों की निंदा करता है।’ हिंसक गतिविधियों में कमी लाने के आह्वान के साथ ही भारत द्वारा गाज़ा से किए जा रहे रॉकेट हमलों का अलग से ज़िक्र करना दर्शाता है कि भारत सरकार इस विवाद में आतंकी संगठन हमास की आक्रामकता से चिंतित है।
In today’s #UNSC meeting on events in East #Jerusalem & elsewhere, I mentioned:
➡️ Condemn all acts of violence, especially rocket attacks from #Gaza
➡️ Mourn tragic demise of Indian national in #Israel
➡️ Immediate de-escalation need of hour
➡️ Refrain from changing status-quo pic.twitter.com/n58LpezlJe— Amb T S Tirumurti (@ambtstirumurti) May 12, 2021
बता दें कि इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने लड़ाई जारी रखने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि ‘हमने पहले ही कहा था कि हमास से भारी कीमत वसूलेंगे। हम वही कर रहे हैं।”
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India and japan show unequivocal support for Israel : A clear message to Biden
जब जो बाइडन सत्ता में आये थे, तो वह पश्चिमी एशिया में अपने एकमात्र गैर-मुस्लिम सहयोगी देश इजरायल के खिलाफ काम करते दिखाई दिये थे। उन्होंने शुरुआत में इजरायली PM नेतन्याहू को एक टेलीफोन कॉल तक करने से परहेज किया था। यही नहीं उन्होंने ईरान और फिलिस्तीनी मुहिम को भी समर्थन दे दिया था, जिससे इज़रायल के अस्तित्व पर खतरा उत्पन्न हो गया था। परन्तु एक महीने के भीतर ही बाइडन को एहसास हो गया है कि नेतन्याहू पश्चिमी एशिया से अमेरिका के प्रभाव को बेहद नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसके अलावा बाइडन पर QUAD के देशों जैसे भारत और जापान, और यूरोप के देशों जैसे जर्मनी और फ्रांस का भी दबाव है। यही कारण है कि शुरुआत में इज़रायल-विरोधी रुख दिखाने वाले बाइडन को आखिरकार कहना पड़ा कि इजरायल को अपने देश की सुरक्षा का पूरा अधिकार है।
बाइडन प्रशासन को यह पता है कि अगर उसे प्रासंगिक बने रहना है तो उसे ताकतवर सहयोगियों की भी आवश्यकता पड़ेगी और वह भारत, इजरायल और जापान जैसे देशों से ऊपर उठकर अपने इज़रायल-विरोधी अभियान को आगे नहीं बढ़ा सकते हैं।