हमारे राहुल गांधी की बात ही निराली है। वे चाहते हैं कि पूरा देश उनके एक आदेश पर नतमस्तक हो जाए, लेकिन उनके पार्टी के नेता ही उनकी बात मानने को तैयार नहीं। राहुल गांधी चाहते हैं कि वुहान वायरस से लड़ने के लिए पूरे देश में अनिश्चितकाल तक लॉकडाउन लगाया जाए, लेकिन उनके पार्टी के ही कद्दावर नेता और पंजाब के मुख्यमंत्री, कैप्टन अमरिंदर सिंह [सेवानिर्वृत्त] इस विचार से सहमत नहीं है।
हाल ही में वुहान वायरस के वर्तमान मामलों को लेकर राहुल गांधी ने ट्विटर पर ट्वीट किया, “मैं फिर बताना चाहता हूँ कि हमारे सरकार की अकर्मण्यता के कारण अब हमारे पास लॉकडाउन के अलावा कोई विकल्प नहीं है। सरकार ने इस वायरस को इस मुकाम तक जानबूझकर पहुंचाया, ताकि वे देश में त्राहिमाम मचा सकें। भारत के विरुद्ध अपराध हुआ है” –
I just want to make it clear that a lockdown is now the only option because of a complete lack of strategy by GOI.
They allowed, rather, they actively helped the virus reach this stage where there’s no other way to stop it.
A crime has been committed against India.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 4, 2021
ये वही राहुल गांधी हैं जिन्होंने पिछले वर्ष लॉकडाउन लगाने पर पीएम मोदी का उपहास उड़ाया था, और कहा था कि यह देश के ऊपर जानबूझकर थोपा गया था। कुछ ही हफ्तों पहले महोदय ने मोदी सरकार को ‘लॉकडाउन’ लगाने की चुनौती दी थी, और आज खुद ही लॉकडाउन की माला जप रहे हैं।
लेकिन राहुल गांधी के ख्वाबों को मिट्टी में मिलात हुए पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने स्पष्ट किया कि राज्य में पूर्ण लॉकडाउन नहीं लगेगा। अमरिंदर सिंह ने एक वीडियो कॉन्फ्रेंस में स्पष्ट किया कि उनकी सरकार सम्पूर्ण लॉकडाउन के पक्ष में नहीं है, और उनके राज्य में जिस प्रकार से पाबंदियाँ लगाई गई हैं, वो अन्य राज्यों के मुकाबले कहीं ज्यादा सख्त और प्रभावशाली हैं। अजीब बात तो यह है कि वुहान वायरस के कारण सबसे ज्यादा लोग पंजाब में मारे जा रहे हैं, सबसे अधिक संसाधन पंजाब में बर्बाद हो रहे हैं, इसके बावजूद अमरिंदर सिंह सम्पूर्ण लॉकडाउन के पक्ष में नहीं है।
लेकिन यही एक वजह नहीं है, जिसके कारण पंजाबी मुख्यमंत्री लॉकडाउन के पक्ष में नहीं है। दरअसल वे नहीं चाहते कि राज्य में आढ़तियों के कारण अराजकता फैले, जिन्होंने अब लॉकडाउन के विरोध में मोर्चा निकालने का निर्णय लिया है। पंजाब में कृषि कानूनों के विरोध में अराजकता फैला रहे आढ़ती अब इस बात से क्रुद्ध हैं कि सरकार ने उनकी इच्छा के विरुद्ध जबरदस्ती लॉकडाउन लगाया है।
ऐसे में पंजाब के वर्तमान मुख्यमंत्री नहीं चाहते कि इन आढ़तियों के कारण राज्य में अराजकता फैले। अब इसे इनकी भलमनसाहत समझिए या इनकी विवशता, परंतु सच्चाई यही है। इसके अलावा अन्य कांग्रेस शासित राज्य भी लॉकडाउन को अनिश्चितकाल तक खींचने के पक्ष में नहीं है, चाहे वो राजस्थान हो या फिर छत्तीसगढ़ ही क्यों न हो।
तो इससे क्या सिद्ध हुआ? इस प्रकरण से एक बार फिर सिद्ध हो गया है कि राहुल गांधी की अपनी ही पार्टी में कोई पूछ नहीं है। वे कहने को पार्टी के भावी अध्यक्ष बनना चाहते हैं, लेकिन अमरिंदर सिंह जैसे कई कद्दावर नेता हैं जो उनकी सुनने को तैयार नहीं। शायद एक बार राहुल गांधी को सच में अधीर रंजन चौधरी की बात मानकर ऑनलाइन दुनिया से बाहर आना चाहिए।