पश्चिम बंगाल चुनाव के परिणाम घोषित हो चुके हैं और तृणमूल की तीसरी बार सत्ता में वापसी हुई है। लेकिन इस चुनाव की मुख्य लड़ाई नन्दीग्राम में शुवेन्दु अधिकारी और ममता बनर्जी के बीच लड़ी गई जिसमें ममता बनर्जी को हार मिली है। पश्चिम बंगाल जीतने के बाद भी ममता इस हार को पचा नहीं पा रही हैं।
उनकी खीज इस हद तक बढ़ चुकी है कि उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं को पूरे बंगाल में तोड़फोड़, आगजनी और हत्या करने की छूट दे दी है।
Within 24 hours of Trinamul's Victory with OB vans still ferrying the state
TMC's Khela has begun..'They thrashed my puppies & my NGO' said Avijit Sarkar, a local BJP karyakarta in his Fb Live, hours before he was stabbed to death. Avijit held TMC's workers responsible#Bengal pic.twitter.com/TCg9OxiPss
— Deeksha Negi (@NegiDeekshaa) May 3, 2021
वैसे तो पूरा पश्चिम बंगाल ही भाजपा कार्यकर्ताओं के घरों में जलती आग से धधक रहा है लेकिन नन्दीग्राम को ममता खुद निजी तौर पर खुलकर हिंसा ओर धकेल रही हैं।
नन्दीग्राम में चुनाव जीतने के तुरंत बाद शुवेन्दु अधिकारी के काफिले पर हुए हमले यही बताते हैं कि ममता की चिढ़ सातवें आसमान पर है। ममता ने चुनावों के पहले यह कहा था कि “वह चुनाव बाद भाजपा के मतदाताओं को देख लेंगी”।
ऐसे में ममता के समर्थकों द्वारा भाजपाइयों पर किए जा रहे जानलेवा हमले, औरतों के गैंगरेप, आदि को ममता के आदेश पर किए जा रहे कार्य के रूप में देखा जाना चाहिए
https://twitter.com/sambitswaraj/status/1389216203546271746?s=19
ममता नन्दीग्राम की हार से इतनी नाराज हैं कि उन्हें समझ ही नहीं आ रहा कि वह क्या बोल रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि भाजपा कार्यकर्ताओं की मार के डर से चुनाव आयोग के अधिकारियों ने दुबारा काउंटिंग से मना कर दिया। भयवश ही शुवेन्दु अधिकारी को नन्दीग्राम से जीता दिया।
I received an SMS from someone wherein Returning Officer of Nandigram has written to someone if he allows recounting then his life would be under threat. For four hours server was down, Governor also congratulated me. Suddenly everything changed: West Bengal CM Mamata Banerjee pic.twitter.com/zT3hPiKRLv
— ANI (@ANI) May 3, 2021
इस समय बंगाल के हालात को देखकर यह नहीं लगता कि साधारण भाजपा कार्यकार्ता किसी को डरा सकता है। आज भाजपा के साथ तो वही लोग हैं, जो खुद TMC की गुंडागर्दी से त्रस्त हो चुके हैं।
ममता बनर्जी ने नन्दीग्राम सीट पर चुनावों में धांधली का आरोप लगाया है। ममता का यह आरोप बचकाना है, पूरे प्रदेश में केवल एक ही सीट है जहां EVM से छेड़छाड़ हुई है। एक ही सीट है जहाँ चुनावों में धांधली हुई है। इसके पहले तक तो विपक्षी दल EVM हैकिंग का रोना तभी रोते थे जब भाजपा पूर्ण बहुमत से सरकार में आती थी, किन्तु एक सीट के लिए EVM हैकिंग का आरोप तो ऐसा है, जिसे राजदीप सरदेसाई, बरखा दत्त जैसे तथाकथित पत्रकार भी नकार देंगे।
शुवेन्दु अधिकारी की गाड़ी पर हमले के अतिरिक्त नन्दीग्राम में भाजपा कार्यालय में तोड़फोड़ और आगजनी हुई है। एक अत्यंत हृदयविदारक वीडियो में, जिसे भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय ने पोस्ट किया है, साफ नजर आ रहा है कि TMC के कार्यकार्य महिलाओं के बाल खींच रहे हैं, उनके साथ मारपीट कर रहे हैं।
https://twitter.com/KailashOnline/status/1389265578313936898?s=19
CNN की पत्रकार पल्लवी घोष ने बताया कि नंदीग्राम में पत्रकारों की भी पिटाई हुई है। नन्दीग्राम की पराजय साँप के फन पर पैर रखने जैसी है। ममता को पूरा विश्वास था कि वह यहाँ से चुनाव जीतेंगी ही। इसी भरोसे पर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वाराणसी से पराजित करने का दावा ठोक दिया था।
लेकिन जैसे ही ममता को एहसास हुआ कि वह नन्दीग्राम सीट हार रही हैं, उन्होंने गिनती रोकने की मांग की। अब जबकि वह शुवेन्दु से पराजित हो गई हैं तो वह इस चुनाव को कोर्ट तक खींचकर ले गई हैं। ममता चाहें तो कोर्ट में चुनावी परिणाम को चुनौती दें, लेकिन लोकतंत्र में तोड़फोड़, आगजनी और हत्याओं के लिए कोई स्थान नहीं है। ऐसे कर्म सदैव ही पलटकर वापस आते हैं।