जहाँ एक तरफ भारत चीन द्वारा फैलाये गए वुहान वायरस महामारी की दूसरी लहर जूझ रहा है, वहीँ चीनी कंपनियां इस संकट का इस्तेमाल भी लाभ कमाने के अवसर के रूप में कर रही हैं। इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह खुलासा हुआ है कि कई NGO और संस्थाओं के माध्यम से भारत भेजे जा रहे ऑक्सीजन कंसंट्रेटर चीन से ख़रीदे जा रहे हैं। ऊंचे दामों पर “सहायता” के रूप में ख़रीदे गए ये कंसंट्रेटर “घटिया क्वालिटी” के हैं। बता दें कि यूएस-इंडिया स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप फोरम नामक संस्था ने भारत को एक लाख ऑक्सीजन कंसंट्रेटर देने का वादा किया था। हालांकि, यह संस्था चीन से ये मेडिकल सप्लाई खरीद कर भारत भेज रही है।
India Today ने अपनी रिपोर्ट में कई कई भारतीय उपभोक्ताओं के हवाले से बताया है कि कैसे ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की गुणवत्ता के साथ गंभीर रूप से समझौता किया गया है, और साथ ही चीनी कंपनियों ने इन्हें महंगे दामों पर भी बेचा है।
एक खरीददार ने बताया कि, “चीनी कंपनियों ने अप्रैल में आई ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की खेप का दाम दोगुना एवं तिगुना कर दिया था या फिर डिलीवरी देने से ही इनकार कर दिया। साथ ही इन चीनी कंपनियों ने Refunding करने में भी देरी की।“
विभिन्न कंपनियां 5-लीटर और 10-लीटर के ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के लिए अलग-अलग कीमतों का हवाला दे रही हैं। कंसंट्रेटर में उपयोग किए जा रहे कंप्रेशर्स भी under capacity हैं और medical grade के भी नहीं हैं। यानी चीनी कम्पनियाँ भारत के लोगों के जीवन के साथ खिलवाड़ करने का प्रबंध करके ही कंसंट्रेटर को भारत भेज रही हैं।
यानी देखा जाये तो एक तरफ बीजिंग महामारी का उपयोग अपना ज़बरदस्त पीआर करने में कर रहा है तो वहीँ चीनी कंपनियां ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की गुणवत्ता के साथ समझौता कर भारत में महामारी को और बढ़ाने में लगी हुई हैं। यह जीवन और मृत्यु की बात है, लेकिन चीन लोगों के जीवन की कीमत पर मुनाफा कमाना चाहता है।
As far as it goes. #China provides most oxygen concentrators to #India, and keeps producing oxygen concentrators&other medical equipment for India.
— Embassy of The People's Republic of China in India (@China_Amb_India) May 4, 2021
यदि चीन वास्तव में मानवीय भावना की परवाह करता है, तो उसने अब तक नकली कंसंट्रेटर्स भेजने वाली कंपनियों को इस तरह से सस्ती सामग्री का उपयोग करने से रोक दिया होता। इसके अलावा, अमेरिकी फोरम, जिसने कंसंट्रेटर के लिए चीनी कंपनी को ऑर्डर दिया, उसे भी अच्छी तरह से जाँच-पड़ताल कर सही कंपनी को चुनना चाहिए था।
चीनी कंपनियों की धोखाधड़ी के बारे में पूरे विश्व को जानकारी है। बावजूद इसके यूएस-इंडिया स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप फोरम ने चीनी कंपनियों को ही आर्डर दिया। भारत की सहायता के लिए यह फोरम अन्य किसी देश से भी मेडिकल सप्लाई का बंदोबस्त कर सकता था। उनके इरादे नेक थे पर योजना गलत थी और इस योजना से सैकड़ों लोगों की जान पर बन आई है।
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कोरोना महामारी शुरू होने के बाद से ही चीन कई देशों को घटिया पीपीई किट्स, मास्क, वेंटिलेटर और घटिया टेस्टिंग किट्स की आपूर्ति कर चुका है जिसके कारण कई देश चीन से अपनी नाराजगी भी जता चुके हैं। ऐसे में यहाँ भारत सरकार को एक्शन लेने की ज़रूरत है। भारत सरकार को ना सिर्फ यूएस-इंडिया स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप फोरम को चीनी कंपनियों के बारे में आगाह करने की आवश्यकता है बल्कि घटिया सप्लाई को लेकर चीनी सरकार से भी कड़े सवाल पूछने की आवश्यकता है।