दिल्ली के खान मार्केट की सबसे फेमस दुकान से ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की चल रही कालाबाजारी पर पुलिस की रेड के बाद आरोपी व्यवसायी नवनीत कालरा फरार है। अब रिपोर्ट के अनुसार उसने अग्रिम जमानत के लिए अदालत से गुहार लगायी थी लेकिन उसे राहत नहीं मिली है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली की साकेत कोर्ट ने कालरा को अंतरिम राहत देने से इनकार करते हुए कहा है कि मामले की सुनवाई मंगलवार (11 मई) को की जाएगी।
वहीं, दूसरी ओर दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने आरोपी नवनीत कालरा के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी कर दिया गया है। बता दें कि पुलिस ने होटलों और रेस्टोरेंट से 544 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर बरामद किए थे। इनमें से 105 मशहूर रेस्टोरेंट चाचा खान और टाउन हॉल से जब्त किए गए थे, जिनका मालिक नवनीत कालरा है। क्राइम ब्रांच की कई टीमें नवनीत की तलाश में दिल्ली, यूपी और उत्तराखंड के 20 से अधिक स्थानों पर दबिश दे चुकी है।
बता दें कि नवनीत कालरा दिल्ली के एक प्रसिद्ध व्यवसायी और पेज 3 सोशलाइट हैं। वह दिल्ली में कई Restaurants के मालिक है, और साथ ही वे रिटेल चेन दयाल ऑप्टिकल्स भी चलाते हैं, जिसकी स्थापना उनके पिता दयाल दास कालरा ने की थी। अगर उनके सोशल मीडिया पर एक नजर डाला जाये तो यह स्पष्ट हो जायेगा कि वे जानीमानी हस्तियों के बीच अपनी उपस्थिति दर्ज करने और एक शानदार जीवन शैली जीने में विश्वास रखते हैं। उनके सोशल मीडिया पर कई क्रिकेटर और सेलिब्रेटी के साथ उनकी तस्वीरों को देखा जा सकता है।
https://www.instagram.com/navneetkalra16/?hl=en
दिल्ली में उनके रेस्टुरेंट सबसे प्रसिद्ध हैं और मशहूर हस्तियों और राजनेताओं को अक्सर इनके Restaurants में आते-जाते देखा जा सकता है। सबसे प्रसिद्ध Restaurants खान मार्केट में कबाब और रोल की दुकान “खान चाचा” है। वहीं टाउन हॉल भी कम लोकप्रिय नहीं है जिसे रणदीप बजाज और नवनीत बजाज के साथ साझेदारी में कालरा द्वारा चलाया जाता है। फेमस फ़ूड ब्लॉगर वीर सिंघवी ने हिंदुस्तान टाइम्स में लिखा है कि टाउन हॉल में अक्सर राहुल गाँधी को एक टेबल पर खाने के लिए इंतजार करते देखा जा सकता है। Mr Choy, Nege and Ju के मालिक भी वही है। यहाँ ध्यान देने वाली बात है कि खान चाचा जो कि अब चेन Restaurants बन चुका है उसे हाजी हसन बंदा ने 1972 में शुरू किया था। 2010 में उनके पुत्रो ने नवनीत कालरा से हाथ मिलाया, हालाँकि कुछ दिनों बाद ही यह साझेदारी टूट गयी और दोनों पार्टी के बीच खान चाचा के ब्रांड को लेकर लड़ाई शुरू हो गयी। इंडिया टुडे की माने तो कालरा का कहना था कि “हाजी हसन और उनके पुत्रों ने ब्रांड नाम के अधिकार उन्हें हस्ताक्षर कर दिया था,” वहीं हाजी हसन का कहना था कि “कालरा ने झूठे कागजात बनवाए हैं। इस लड़ाई का यह परिणाम हुआ कि वर्ष 2016 में दोनों ने अलग-अलग रास्ता अपना लिया। यानी देखा जाये तो यह कालरा पहले से शातिर व्यक्तित्व का जान पड़ता है।”
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यही नहीं अरविंद केजरीवाल की अगुवाई में 2020 में दिल्ली सरकार के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान नवनीत कालरा को सम्मानित भी किया जा चुका है। सत्ता में वापस आने के बाद AAP सरकार ने उन्हें 48 हस्तियों के साथ “दिल्ली के निर्माता” के रूप में सम्मानित किया था।
बता दें कि 500 से अधिक ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मिलने के मामले में दिल्ली पुलिस द्वारा दस्तावेजों की प्रारंभिक जांच और विश्लेषण में यह बात सामने आई है कि 17 अप्रैल से 3 मई के बीच, नवनीत कालरा और उनके सहयोगी मैट्रिक्स सेल्युलर के संयोजक ने 13 करोड़ में 7,500 कंसंट्रेटर खरीदे थे।
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अप्रैल में, लगभग 5,200 यूनिट कालरा और उसकी टीम द्वारा वितरित की गईं, जबकि 1,858 यूनिट मई के पहले तीन-चार दिनों में बेची गईं। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने TOI को बताया कि, “हम अभी भी दस्तावेजों की जाँच कर रहे हैं, लेकिन इनमें से अधिकांश कंसंट्रेटर 14,000-18,000 रुपये की दर से खरीदे गए थे। इसमें से दो या तीन ऐसे consignments थे जिसमें कंसंट्रेटर का मूल्य लगभग 23,000-24,000 रु था।“ डीसीपी अतुल ठाकुर ने कहा कि इनवॉइस से पता चला है कि कंसंट्रेटर 70,000 रुपये में बेचे गए। यानी कालरा 50,000 प्रति कंसंट्रेटर पर मुनाफा कमा रहा था।
अब क्राइम ब्रांच ने नवनीत कालरा के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी कर दिया है। कुछ लोगों का मानना है कि वह अपने परिवार सहित विदेश जा चुका है। अब यह देखना है कि मुश्किल हालात में दिल्ली की जनता से पैसे ऐंठने वाला यह व्यवसायी जिसे केजरीवाल ने मुख्यमंत्री बनते ही “दिल्ली के निर्माता” का ख़िताब दिया था, उसे कब पुलिस पकड़ती है।