आपदा में संयम रख कर कैसे काम करते है, यह कोई उत्तर प्रदेश की योगी सरकार से सीखे। आपको बता दें कि, उत्तर प्रदेश सरकार ने मात्र 17 दिनों में यानी 23 अप्रैल से 11 मई तक ऑक्सीजन की समस्या का समाधान कर लिया है। जहां उत्तर प्रदेश में कुछ दिनों पहले तक ऑक्सीजन की कमी थी, आज वहां ऑक्सीजन सरप्लस में मौजूद है। बता दें कि, 23 अप्रैल को राज्य में प्रतिदिन सिर्फ 500 MT ऑक्सीजन उत्पादन क्षमता थी और 11 मई आते-आते प्रतिदिन यह क्षमता 1000 MT ऑक्सीजन तक पहुंच गयी है। यहां तक कि, राज्य सरकार दो दिनों का बफर स्टॉक भी रख रही है।
जब देश के विपक्षी नेता ऑक्सीजन की किल्लत को लेकर ढोल पीट रहे थे, उस वक्त योगी सरकार ने शांति से ऑक्सीजन की कमी का हल ढूंढ निकला। उत्तर प्रदेश सरकार ने ऑक्सीजन की सप्लाई के देखरेख करने के लिए एक कंट्रोल रूम का सेटअप किया है। इस रूम में ऑक्सीजन सप्लाई चेन से जुड़े सभी अधिकारी मौजूद रहते है। जैसे कि, अपर मुख्य सचिव, फूड सेफ्टी ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन, ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट और मेडिकल एजुकेशन अथवा मेडिकल डिपार्टमेंट के अधिकारी।
आजतक से बातचीत के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार ने आंकड़ों के साथ यह दावा किया है कि, अब राज्य में ऑक्सीजन की किल्लत पूरी तरह से खत्म हो चुकी है। इस विषय पर उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने कहा कि, “कोरोना संक्रमण से लड़ने के लिए ऑक्सीजन एक मुख्य फैक्टर है। अगर आपको ऑक्सीजन मुहैया करानी है तो सबसे पहले जरूरत पड़ती है ऑक्सीजन टैंकर की, पहले जहां उत्तर प्रदेश में 60- 62 ऑक्सीजन टैंकर हुआ करते थे अब वो बढ़कर 91 टैंकर हो गए हैं।”
ऑक्सीजन सरप्लस के बारे में जब पूछा गया तो अपर मुख्य सचिव ने कहा कि,” जब हमने 23 अप्रैल से यह काम शुरू किया था तो हम प्रतिदिन 518 MT ऑक्सीजन का इंतजाम कर पाते थे, फिर हमने रेलवे की मदद से ऑक्सीजन लिफ्ट करना शुरू कर दिया। आज हम पिछले सात दिनों से 1000 MT के ऊपर ऑक्सीजन मुहैया करा पा रहे है।”
भारतीय रेलवे के योगदान के बारे में अपर मुख्य सचिव अवस्थी ने कहा कि, “जैसे हमने रेल मंत्री जी से सहायता मांगी, उन्होंने चंद घंटों के अंदर मदद करने का वादा किया। रेलवे के ऑक्सीजन टैंकर के माध्यम से बोकारो और जमशेदपुर से ऑक्सीजन की कई खेप लखनऊ आ चुकी हैं।”
TFI शुरू से कह रहा है कि देश में ऑक्सीजन उत्पादन की कमी नहीं है, अगर समस्या है तो लॉजिस्टिक्स की। योगी आदित्यनाथ ने मीडिया के सामने तमाशा करने के बजाय ऑक्सीजन के लॉजिस्टिक्स पर ध्यान केंद्रित किया और देखते ही देखते उत्तर प्रदेश ऑक्सीजन सरप्लस राज्य बन गया है।