कांग्रेस पार्टी एक बार फिर से अपने ही बनाए हुए गड्ढे में गिर गई हैं। इस बार हुआ यूं कि कुछ दिनों पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री पी चिदंबरम ने केंद्र सरकार से कोरोना वैक्सीन की CAG ऑडिट कराने की मांग की थी। चिदंबरम का मानना था कि कोरोना वैक्सीन रहस्यमय तरीके से गायब हो रही है। पहले तो यह दावा अटपटा लगा, लेकिन फिर राजस्थान से खबर आई कि राज्य के आठ जिलों में 2,500 से ज्यादा वैक्सीन डोज कूड़ेदान में मिली है। यह खबर आने के बाद से राजस्थान सरकार के ऊपर जुबानी जंग तेज हो गई, जिसके बाद अशोक गहलोत सरकार को राज्य में वैक्सीन ऑडिट कराना पड़ रहा है।
राजस्थान सरकार के मुख्य स्वास्थ्य सचिव अखिल अरोड़ा ने दिशा-निर्देश जारी करते हुए दावा किया कि, “राज्य में 2% वैक्सीन बर्बाद हुआ है जो कि 10% की अनुमेय सीमा से बहुत कम और राष्ट्रीय औसत 6% से भी कम।”
राज्य के स्थानीय दैनिक में प्रकाशित खबरों को खारिज करते हुए अरोड़ा ने कहा कि शुरुआती जांच में टीके की बर्बादी की कोई सूचना नहीं मिली है। इसके बावजूद चिन्हित जिलों के कलेक्टरों को वैक्सीन ऑडिट कराने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
आपको बता दें कि राजस्थान के कुछ जिलों में वैक्सीन की बर्बादी इतनी ज्यादा बढ़ गई की केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन सिंह को राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा से इसके बारे में जवाब मांगना पड़ा है।
जवाब में रघु शर्मा ने कहा कि, “18 से 44 वर्ष के आयु वर्ग के लोगों के लिए टीकाकरण अभियान में एक भी टीकें की बर्बादी नहीं हुई है। हमने टीकाकरण प्रक्रियाओं की गुणवत्ता पर विशेष जोर दिया है। मैंने अपने विभाग को राज्य में किए जा रहे टीकाकरण की गुणवत्ता जांच करने का निर्देश दिया है।”
बता दें कि राजस्थान सरकार कोरोना संक्रमण को नियंत्रण में रखने के लिए पूरी तरह से फेल हुई है। इससे पहले एक मीडिया रिपोर्ट ने दावा किया था कि राजस्थान में कोरोना संक्रमण से होने वाली मृत्यु की संख्या छुपाई जा रही है। यह खबर सामने आने के बाद अशोक गहलोत को अपनी छवि को साफ करने के लिए कोरोना से हुई मृत्यु का ऑडिट करवाना पड़ा था। ऐसे में यह वैक्सीन ऑडिट राजस्थान सरकार द्वारा कोरोना से जुड़ी दूसरी ऑडिट है।
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राजस्थान सरकार ने कोरोना काल के दूसरे चरण में ही तीन घपले कर दिए है। जैसे कि- पीएम केयर फंड से आये वेंटिलेटर्स घपला, दूसरा कोरोना से होने वाले मृत्यु को छुपाने का कारनामा और अब तीसरा वैक्सीन बर्बादी। ऐसे में पी चिदंबरम को केंद्र सरकार से नसीहत देने से पहले अशोक गहलोत को नसीहत देनी चाहिए थी।