भारत की राजनीति में कई तरह के नेता-मंत्री दिखाई देंगे। कोई अपने कविता के लिए फेमस है तो कोई अपने भाषण के लिए। कुछ नेता तो अपने अजीबोगरीब और विचित्र बयानों के लिए चर्चा में रहते हैं। इसी तरह की एक विचित्र घटना में समाजवादी पार्टी के एक सांसद ने कहा है कि BJP ने ऐसे कई कानून बनाए हैं, जिनसे शरीयत के साथ छेड़छाड़ हुई। इसी कारण भारत ने इतने कम समय के अन्दर कोविड की घातक दूसरी लहर और चक्रवातों का सामना किया।
यूपी के मुरादाबाद से सपा सांसद एसटी हसन ने कहा कि, “ये सब प्राकृतिक आपदाएं हमारे देश में इसलिए आ रही है, क्योंकि बीजेपी सरकार ने शरियत में दखलअंदाजी की है। उन्होंने कहा कि, “पिछले सात सालों में बीजेपी सरकार ने ऐसे कानून बनाए गए हैं, जिनसे शरीयत के साथ छेड़छाड़ की गई। उन्होंने नागरिकता संशोधन अधिनियम पारित किया है, जो मुसलमानों के खिलाफ है। हमने देखा भी है कि महज 10 दिनों में दो तूफान ने कहर बरपाया। कोरोनो वायरस के प्रकोप के कारण हजारों लोग मारे गए हैं।“
उन्होंने कहा कि अगर जमीन वाले इंसाफ नहीं करते हैं तो फिर आसमान वाला इंसाफ करता है।
हसन ने आगे कहा, “देश के 99 प्रतिशत लोग धार्मिक हैं। हम सब ये मानते हैं की दुनिया चलाने वाला और दुनिया में इंसाफ करने वाला कोई और है। जब आसमान वाला अपना इंसाफ करता है तो उसमे if या but नहीं होता है। आपने देखा नहीं पिछले दिनों कितनी लाशों का अपमान हुआ। कुत्तों को लाशें खानी पड़ीं। नदी में लाशें बहा दी गयी। श्मशानों में लकड़ियां तक नहीं मिली।”
सपा सांसद एसटी हसन का मन इतने से भी नहीं भरा। उन्होंने कहा कि जिस तरह की सरकार और हकीम है, उन्हें अंदेशा है कि आने वाले समय में और भी आसमानी आफ़तें आ सकती है।
और पढ़े: राजस्थान में वैक्सीन बर्बादी की पोल खोलने वाले दैनिक भास्कर को राजस्थान सरकार ने दी धमकी
मुरादाबाद के सांसद के लिए इस तरह का बेतुका बयान जारी करना कोई नई बात नहीं है। अक्टूबर 2019 में हसन ने संसद की तुलना ‘धार्मिक मण्डली’ से की थी।
मुरादाबाद में एक विरोध सभा के दौरान बोलते हुए, सांसद एसटी हसन ने अनुच्छेद 370 को कमजोर करने और तीन तलाक के अपराधीकरण की भी आलोचना की थी। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने तीन तलाक कानून केवल यह दिखाने के लिए पारित किया था कि वे शरीयत में हस्तक्षेप कर सकते हैं।
सपा सांसद के बयान के बाद -उत्तर प्रदेश सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मोहसिन रजा ने कहा कि एसटी हसन के बयान से साफ होता है कि ये देश के संविधान में विश्वास रखने वाले लोग नहीं हैं। ये चाहते हैं “समाजवादी पार्टी जिताओ, शरीया कानून लाओ।” इनकी बोली और आईएसआईएस की बोली एक सी है।