मोदी सरकार वैक्सीनेशन के लिए राष्ट्रीय स्तर पर COWIN मोबाइल एप्लिकेशन और पोर्टल के जरिए अभियान चला रही है जिसकी आसान प्रक्रिया के तहत किसी भी व्यक्ति को वैक्सीन लगाई जा सकती है। इसके विपरीत लगातार देश के कुछ इलाकों से फर्जी वैक्सीनेशन की खबरें आ रही हैं। हालिया मामला महाराष्ट्र का है जहां सत्ता में ही शामिल कांग्रेस के नेता संजय निरुपम ने आरोप लगाया है कि कई इलाकों में paid वैक्सीनेशन का गोरखधंधा चलाया जा रहा है। आश्चर्यजनक बात ये है कि इन्हीं पेड वैक्सीनेशन की आड़ में सबसे अधिक फर्जीवाड़े हो रहे हैं। हाल ही में कोलकाता से भी फर्जी वैक्सीनेशन का एक मामला सामने आया था, जिसका खुलासा भी तब हुआ जब TMC सांसद मिमी चक्रवर्ती ने वैक्सीन लगवाई और उन्हें कोई वैक्सीनेशन प्रमाण पत्र नहीं प्राप्त हुआ।
महाराष्ट्र में कुछ दिन पहले ही एक हाउसिंग सोसायटी में फर्जी वैक्सीनेशन की बात सामने आई थी। मुंबई के ही अस्पताल के एक कर्मचारी ने अपने पद का गलत इस्तेमाल करते हुए 390 लोगों को फर्जी वैक्सीन लगा दी, और उनसे मोटी रकम भी वसूली। मुंबई पुलिस इस मुद्दे पर जांच शुरू कर चुकी है। वहीं पेड वैक्सीनेशन के मुद्दे पर सत्ता में शामिल कांग्रेस पार्टी के ही नेता संजय निरुपम ने धड़ल्ले से पेड वैक्सीनेशन होने के दावे किए हैं। उन्होंने कहा है कि पेड वैक्सीनेशन का गोरखधंधा न केवल मुंबई में बल्कि ठाणे में भी देखने को मिल रहा है।
निरूपम का कहना है कि एक डोज की कीमत करीब 1,500 रुपए है, ऐसे में पेड वैक्सीनेशन के जरिए वैक्सीनेशन का फर्जीवाड़ा आसानी से हो सकता है। वहीं मुंबई पुलिस का कहना है कि ये केवल मुंबई का नहीं बल्कि राष्ट्रीय मुद्दा है क्योंकि देश के अनेक इलाकों में पेड फर्जी वैक्सीनेशन कैंप चलाए जा रहे हैं, जिसके बारे में सरकार के पास जानकारी नहीं है। मुंबई पुलिस की बातें काफी हद तक सही भी लगती हैं, क्योंकि पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में ही टीएमसी का करीबी शख्स खुलेआम तीन फर्जी वैक्सीनेशन कैंप चला चुका है। उसके खिलाफ कार्रवाई तब हुई जब उसने TMC की ही लोकसभा सांसद मिमी चक्रवर्ती को फर्जी वैक्सीन लगा दी।
साफ है कि देश के अलग-अलग राज्यों में फेक वैक्सीनेशन की खबरें आ रही हैं, जिसमें लोगों के पैसे और जीवन, दोनों के साथ ही खिलवाड़ किया जा रहा है। इसके पीछे भी देश की कुछ राजनीतिक पार्टियां ही जिम्मेदार हैं। मोदी सरकार ने राष्ट्रीय स्तर पर वैक्सीनेशन के लिए COWIN का मोबाइल एप्लिकेशन और पोर्टल बनाया था, जिसमें वैक्सीनेशन की उपलब्धता की जानकारी से लेकर वैक्सीन लगाने की अपाइंटमेंट भी बुक की जा सकती है, और सारा काम सहज ढंग से होता है, किन्तु देश की राजनीति पार्टियों ने अपने राजनीतिक एजेंडे के तहत इस प्रक्रिया का भी विरोध किया, जिससे कुछ लोगों का प्रकिया से मोहभंग हुआ।
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ऐसे में COWIN की प्रक्रिया के इतर लोग फर्जी वैक्सीनेशन का शिकार हो रहे हैं। फ़र्जी वैक्सीन की असल क़ीमत को दोगुना करने के बावजूद लोगों को वैक्सीन की जगह पानी से लेकर अन्य बीमारियों के लिए बनी वैक्सीन लगा दी जा रही है, जो कि लोगों में एक नई बीमारी को जन्म दे सकता है। ऐसे में सरकारों और सभी विपक्षी दलों के लिए आवश्यक है कि वो COWIN के प्रयोग को ही प्रोत्साहन दें जिससे ये सभी गोरखधंधे बंद हो सकें।