इतिहास के पन्नों को पलट कर देखा जाये तो हिन्दुओं से अधिक सहिष्णु कोई अन्य धर्म नहीं है। हालांकि, इस सनातन धर्म को किसी प्रमाण की आवश्यकता नहीं है और यह सहिष्णुता का पर्याय है। फिर भी हर दूसरे दिन असहिष्णुता का रोना रोने वालों के लिए एक रिसर्च सामने आया है जिसका निष्कर्ष यह है कि 85% हिन्दू यह मानते हैं कि एक सच्चा भारतीय सभी धर्मों का सम्मान करता है। अमेरिका वाशिंगटन में स्थित थिंक टैंक ‘Pew Research Center’ के रिसर्च में यह भी सामने आया है कि 72% हिन्दू यह मानते हैं कि बीफ खाने वाला हिन्दू नहीं हो सकता।
दरअसल, वाशिंगटन स्थित एक गैर-लाभकारी संस्था ‘Pew Research Center’ ने भारत में विभिन्न धर्मों को लेकर अध्ययन किया है और अपनी रिपोर्ट जारी की है। यह रिपोर्ट लगभग 30 हजार लोगों से हुई बातचीत पर आधारित है। कोरोना से पहले वर्ष 2019 के आखिरी और 2020 के शुरुआती महीनों में देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में स्थानीय स्तर के लोगों द्वारा यह सर्वे कराया गया जिसमें राष्ट्रवाद, धार्मिक आस्था और सहिष्णुता को लेकर अध्ययन किया गया। इस रिपोर्ट में ये माना गया है कि भारत के लोग धार्मिक रूप से सहिष्णु हैं, परंतु वो अपना धार्मिक जीवन अलग-अलग जीना पसंद करते हैं।
सर्वे के मुताबिक ज्यादातर लोगों ने कहा कि वे अपने अपने धर्मों के पालन को लेकर स्वतंत्र हैं। रिपोर्ट कहती है, “ज्यादातर लोग कहते हैं कि सभी धर्मों के लोगों के लिए ‘सच्चा भारतीय’ होना सबसे जरूरी है और सहनशीलता धार्मिक और नागिरक सिद्धांत है। भारतीय लोग इस बात को लेकर एकमतत हैं कि एक दूसरे के धर्मों का सम्मान बहुत जरूरी है।”
29 जून को प्रकाशित Pew Research Center की रिसर्च में पाया गया कि 84% लोगों ने खुद को ‘सच्चा भारतीय’ बताते हुए सभी धर्मों के सम्मान की बात कही, जबकि 80% ने कहा कि अपने धर्म का एक हिस्सा होना भी उतना ही महत्वपूर्ण है, जितना दूसरे धर्मों का सम्मान करना। सर्वेक्षण में पाया गया कि 85 प्रतिशत हिंदू, 78 प्रतिशत मुसलमान, 78 प्रतिशत ईसाई, 81 प्रतिशत सिख, 84 प्रतिशत बौद्ध और 83 प्रतिशत जैन मानते हैं कि ‘सच्चे भारतीय’ होने के लिए अन्य धर्मों का सम्मान करना बहुत महत्वपूर्ण है।
Pew Research Center रिसर्च का ये भी दावा है कि यहाँ सभी धर्मों के लोग अलग-अलग जीना पसंद करते हैं। केवल 24% मुसलमान कहते हैं कि उनके समुदाय को भारत में “बहुत” भेदभाव का सामना करना पड़ता है।
67% हिन्दुओं ने कहा कि हिन्दू महिलाओं द्वारा किसी अन्य धर्म में शादी करना उचित नहीं है। वहीं पुरुषों को लेकर भी 65% हिन्दुओं ने यही मत रखा। मुस्लिमों में 80% लोगों ने महिलाओं और 76% लोगों ने पुरुषों को लेकर कहा कि अन्य धर्म में शादी करना उचित नहीं है।
लगभग दो-तिहाई हिंदुओं (64%) का कहना है कि सही मायने में भारतीय होने के लिए हिंदू होना बहुत जरूरी है। साथ ही 80% ने कहा कि भारतीय होने के लिए हिंदी भाषा भी आवश्यक है।
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हिन्दू धर्म को भारतीयता से जोड़कर देखने वालों में 76% ने खुद को अंतरधार्मिक विवाह के खिलाफ बताया। हिन्दू और हिंदी को जोड़ कर देखने वालों में से 60% भारतीयों ने बताया कि उन्होंने भाजपा को वोट दिया था। इस रिसर्च में यह भी सामने आया है कि 72% हिन्दुओं का मानना है कि बीफ खाने वाला हिन्दू नहीं हो सकता।
गाय हिन्दुओं के लिए सदा ही पवित्र थी, है और रहेगी। इस रिसर्च के अनुसार 49% ने कहा कि ईश्वर में विश्वास न करने वाले हिन्दू नहीं हो सकता और 48% ने कहा कि मंदिर नहीं जाने वाले हिन्दू नहीं हो सकता।
Pew Research Center की रिपोर्ट के अनुसार 74% मुस्लिमों का मानना है कि मुस्लिमों को अपने मजहब की शरिया अदालत में ही जाना चाहिए।
Pew Research Center के इस सर्वे में सामने आया है कि भारत में सर्वाधिक धर्मांतरण हिंदुओं का हो रहा है। वहीं, क्रिश्चियन समुदाय को इसका सर्वाधिक लाभ मिला है। सर्वे में शामिल 0.4 प्रतिशत लोग पहले हिंदू थे जो धर्म परिवर्तित कर क्रिश्चियन बन गए। सर्वे के मुताबिक धर्म परिवर्तन करने वालों में करीब आधी आबादी यानी 48 प्रतिशत शेड्यूल कास्ट से हैं, जबकि 14% एसटी और 26% ओबीसी वर्ग से ताल्लुक रखते हैं। इस रिसर्च में कई आंख खोल देने वाले निष्कर्ष भी है जिनपर विचार करना आवश्यक है।