TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    असम में छात्राओं को मिलेगी स्कॉलरशिप, बाल विवाह पर भी सीएम ने किया ये ऐलान

    असम में छात्राओं को मिलेगी स्कॉलरशिप, बाल विवाह पर भी सीएम ने किया ये ऐलान

    टैरिफ विवाद पर मनीष तिवारी देश के साथ, राहुल गांधी के बयानों को किया खारिज

    टैरिफ विवाद पर मनीष तिवारी देश के साथ, राहुल गांधी के बयानों को किया खारिज

    पाकिस्तान को क्लीन चिट, 'पुलवामा व सिंदूर नाटक' और 'चुनाव आयोग को धमकी': राहुल के बयानों से गरमाई सियासत

    राहुल गांधी का ट्रिपल वार: पाकिस्तान को क्लीन चिट, पुलवामा-सिंदूर को बताया नाटक, EC को दी चेतावनी

    शिबू सोरेन के अंतिम संस्कार में राहुल गांधी मुस्कुराते हुए देखे गए, पहले भी सामने आए है ऐसे मामले

    शिबू सोरेन के अंतिम संस्कार में राहुल गांधी मुस्कुराते हुए देखे गए, पहले भी सामने आए है ऐसे मामले

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    The Impact of Global Inflation on Everyday Life in India

    The Impact of Global Inflation on Everyday Life in India

    ट्रंप की नाराजगी से नहीं डरेगा भारत, रूस पहुंचे अजित डोभाल, पुतिन से हो सकती है बड़ी डील

    ट्रंप की नाराजगी से नहीं डरेगा भारत, रूस पहुंचे अजित डोभाल, पुतिन से हो सकती है बड़ी डील

    भारत पर सख्ती, चीन पर नरमी? ट्रंप की नीति पर निक्की हेली का तगड़ा वार

    भारत पर सख्ती, चीन पर नरमी? ट्रंप की नीति पर निक्की हेली का तगड़ा वार

    ट्रंप के टैरिफ वार पर आरबीआई की पैनी नजर, जानें क्या होंगे इसके प्रभाव

    ट्रंप के टैरिफ वार पर आरबीआई की पैनी नजर, जानें क्या होंगे इसके प्रभाव

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    ऑपरेशन सिंदूर के बाद ब्रह्मोस मिसाइलों की बढ़ती मांग, वायुसेना और नौसेना तैयार बड़े ऑर्डर के लिए

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद ब्रह्मोस मिसाइलों की बढ़ती मांग, वायुसेना और नौसेना तैयार बड़े ऑर्डर के लिए

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय सेना में हर बटालियन में UAV और ड्रोन सिस्टम शामिल

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय सेना में हर बटालियन में UAV और ड्रोन सिस्टम शामिल

    लद्दाख में ISRO का Mini Mars मिशन: होप सिमुलेशन से अंतरिक्ष की अगली छलांग

    क्या है भारत का मिशन HOPE और लद्दाख में क्यों जुटे हैं ISRO के वैज्ञानिक ?

    प्रोजेक्ट-18: भारत का ‘सुपर डेस्ट्रॉयर’ जो बदल देगा समुद्री शक्ति संतुलन

    प्रोजेक्ट-18: भारत का ‘सुपर डेस्ट्रॉयर’ जो बदल देगा समुद्री शक्ति संतुलन

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    एससीओ शिखर सम्मेलन: गलवान गतिरोध के बाद पहली बार चीन जाएंगे पीएम मोदी

    एससीओ शिखर सम्मेलन: गलवान गतिरोध के बाद पहली बार चीन जाएंगे पीएम मोदी

    ट्रंप की नाराजगी से नहीं डरेगा भारत, रूस पहुंचे अजित डोभाल, पुतिन से हो सकती है बड़ी डील

    ट्रंप की नाराजगी से नहीं डरेगा भारत, रूस पहुंचे अजित डोभाल, पुतिन से हो सकती है बड़ी डील

    भारत पर सख्ती, चीन पर नरमी? ट्रंप की नीति पर निक्की हेली का तगड़ा वार

    भारत पर सख्ती, चीन पर नरमी? ट्रंप की नीति पर निक्की हेली का तगड़ा वार

    टैरिफ की धमकी पर सेना का जवाब: '1971 याद है हमें, जब अमेरिका ने पाकिस्तान का दिया था साथ

    टैरिफ की धमकी पर सेना का जवाब: ‘1971 याद है हमें, जब अमेरिका ने पाकिस्तान का दिया था साथ’

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    दिल्ली में आरएसएस करेगा लोगों से संवाद, संघ प्रमुख देंगे इन सवालों के जवाब

    दिल्ली में आरएसएस करेगा लोगों से संवाद, संघ प्रमुख देंगे इन सवालों के जवाब

    सतत सक्रिय, ध्येय साधक और प्रेरणा पुंज ‘हमारे चेतराम जी’

    सतत सक्रिय, ध्येय साधक और प्रेरणा पुंज ‘हमारे चेतराम जी’

    दैनिक जीवन में संस्कृत अपनाएं, यही असली भारतीयता: मोहन भागवत

    दैनिक जीवन में संस्कृत अपनाएं, यही असली भारतीयता: मोहन भागवत

    अब समय है ‘संस्कार क्रांति’ करने का

    अब समय है ‘संस्कार क्रांति’ करने का

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    लद्दाख में ISRO का Mini Mars मिशन: होप सिमुलेशन से अंतरिक्ष की अगली छलांग

    क्या है भारत का मिशन HOPE और लद्दाख में क्यों जुटे हैं ISRO के वैज्ञानिक ?

    19 वर्षीय दिव्या देशमुख ने रचा इतिहास, बनीं FIDE वर्ल्ड कप जीतने वाली पहली भारतीय महिला

    19 वर्षीय दिव्या देशमुख ने रचा इतिहास, बनीं FIDE वर्ल्ड कप जीतने वाली पहली भारतीय महिला

    मेघालय में विवाह से पहले अनिवार्य एचआईवी जांच: क्या कानून वहां सफल होगा जहां संस्कृति असफल रही?

    मेघालय में विवाह से पहले अनिवार्य एचआईवी जांच: क्या कानून वहां सफल होगा जहां संस्कृति असफल रही?

    The Lifecycle of a Betting Line

    The Lifecycle of a Betting Line

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    असम में छात्राओं को मिलेगी स्कॉलरशिप, बाल विवाह पर भी सीएम ने किया ये ऐलान

    असम में छात्राओं को मिलेगी स्कॉलरशिप, बाल विवाह पर भी सीएम ने किया ये ऐलान

    टैरिफ विवाद पर मनीष तिवारी देश के साथ, राहुल गांधी के बयानों को किया खारिज

    टैरिफ विवाद पर मनीष तिवारी देश के साथ, राहुल गांधी के बयानों को किया खारिज

    पाकिस्तान को क्लीन चिट, 'पुलवामा व सिंदूर नाटक' और 'चुनाव आयोग को धमकी': राहुल के बयानों से गरमाई सियासत

    राहुल गांधी का ट्रिपल वार: पाकिस्तान को क्लीन चिट, पुलवामा-सिंदूर को बताया नाटक, EC को दी चेतावनी

    शिबू सोरेन के अंतिम संस्कार में राहुल गांधी मुस्कुराते हुए देखे गए, पहले भी सामने आए है ऐसे मामले

    शिबू सोरेन के अंतिम संस्कार में राहुल गांधी मुस्कुराते हुए देखे गए, पहले भी सामने आए है ऐसे मामले

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    The Impact of Global Inflation on Everyday Life in India

    The Impact of Global Inflation on Everyday Life in India

    ट्रंप की नाराजगी से नहीं डरेगा भारत, रूस पहुंचे अजित डोभाल, पुतिन से हो सकती है बड़ी डील

    ट्रंप की नाराजगी से नहीं डरेगा भारत, रूस पहुंचे अजित डोभाल, पुतिन से हो सकती है बड़ी डील

    भारत पर सख्ती, चीन पर नरमी? ट्रंप की नीति पर निक्की हेली का तगड़ा वार

    भारत पर सख्ती, चीन पर नरमी? ट्रंप की नीति पर निक्की हेली का तगड़ा वार

    ट्रंप के टैरिफ वार पर आरबीआई की पैनी नजर, जानें क्या होंगे इसके प्रभाव

    ट्रंप के टैरिफ वार पर आरबीआई की पैनी नजर, जानें क्या होंगे इसके प्रभाव

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    ऑपरेशन सिंदूर के बाद ब्रह्मोस मिसाइलों की बढ़ती मांग, वायुसेना और नौसेना तैयार बड़े ऑर्डर के लिए

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद ब्रह्मोस मिसाइलों की बढ़ती मांग, वायुसेना और नौसेना तैयार बड़े ऑर्डर के लिए

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय सेना में हर बटालियन में UAV और ड्रोन सिस्टम शामिल

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय सेना में हर बटालियन में UAV और ड्रोन सिस्टम शामिल

    लद्दाख में ISRO का Mini Mars मिशन: होप सिमुलेशन से अंतरिक्ष की अगली छलांग

    क्या है भारत का मिशन HOPE और लद्दाख में क्यों जुटे हैं ISRO के वैज्ञानिक ?

    प्रोजेक्ट-18: भारत का ‘सुपर डेस्ट्रॉयर’ जो बदल देगा समुद्री शक्ति संतुलन

    प्रोजेक्ट-18: भारत का ‘सुपर डेस्ट्रॉयर’ जो बदल देगा समुद्री शक्ति संतुलन

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    एससीओ शिखर सम्मेलन: गलवान गतिरोध के बाद पहली बार चीन जाएंगे पीएम मोदी

    एससीओ शिखर सम्मेलन: गलवान गतिरोध के बाद पहली बार चीन जाएंगे पीएम मोदी

    ट्रंप की नाराजगी से नहीं डरेगा भारत, रूस पहुंचे अजित डोभाल, पुतिन से हो सकती है बड़ी डील

    ट्रंप की नाराजगी से नहीं डरेगा भारत, रूस पहुंचे अजित डोभाल, पुतिन से हो सकती है बड़ी डील

    भारत पर सख्ती, चीन पर नरमी? ट्रंप की नीति पर निक्की हेली का तगड़ा वार

    भारत पर सख्ती, चीन पर नरमी? ट्रंप की नीति पर निक्की हेली का तगड़ा वार

    टैरिफ की धमकी पर सेना का जवाब: '1971 याद है हमें, जब अमेरिका ने पाकिस्तान का दिया था साथ

    टैरिफ की धमकी पर सेना का जवाब: ‘1971 याद है हमें, जब अमेरिका ने पाकिस्तान का दिया था साथ’

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    दिल्ली में आरएसएस करेगा लोगों से संवाद, संघ प्रमुख देंगे इन सवालों के जवाब

    दिल्ली में आरएसएस करेगा लोगों से संवाद, संघ प्रमुख देंगे इन सवालों के जवाब

    सतत सक्रिय, ध्येय साधक और प्रेरणा पुंज ‘हमारे चेतराम जी’

    सतत सक्रिय, ध्येय साधक और प्रेरणा पुंज ‘हमारे चेतराम जी’

    दैनिक जीवन में संस्कृत अपनाएं, यही असली भारतीयता: मोहन भागवत

    दैनिक जीवन में संस्कृत अपनाएं, यही असली भारतीयता: मोहन भागवत

    अब समय है ‘संस्कार क्रांति’ करने का

    अब समय है ‘संस्कार क्रांति’ करने का

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    लद्दाख में ISRO का Mini Mars मिशन: होप सिमुलेशन से अंतरिक्ष की अगली छलांग

    क्या है भारत का मिशन HOPE और लद्दाख में क्यों जुटे हैं ISRO के वैज्ञानिक ?

    19 वर्षीय दिव्या देशमुख ने रचा इतिहास, बनीं FIDE वर्ल्ड कप जीतने वाली पहली भारतीय महिला

    19 वर्षीय दिव्या देशमुख ने रचा इतिहास, बनीं FIDE वर्ल्ड कप जीतने वाली पहली भारतीय महिला

    मेघालय में विवाह से पहले अनिवार्य एचआईवी जांच: क्या कानून वहां सफल होगा जहां संस्कृति असफल रही?

    मेघालय में विवाह से पहले अनिवार्य एचआईवी जांच: क्या कानून वहां सफल होगा जहां संस्कृति असफल रही?

    The Lifecycle of a Betting Line

    The Lifecycle of a Betting Line

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

“हमारे पास अपनी वैक्सीन नहीं होती तो भारत जैसे बड़े देश में क्या होता?”

Vaccine न होने पर यहां खड़ा होता आज भारत!

Vikrant Thardak द्वारा Vikrant Thardak
10 June 2021
in मत
भारत वैक्सीन
Share on FacebookShare on X

कोरोना के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में भारत का बेहद महत्वपूर्ण स्थान है। कारण है भारत के पास Serum Institute of India और Bharat Biotech जैसे संस्थान, जो आए महीनों करोड़ों वैक्सीन का उत्पादन कर यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि दुनिया के प्रति व्यक्ति तक कोरोना और अन्य गंभीर बीमारियों के लिए उपयुक्त Vaccines पहुँच सके।

हालांकि, आज हम आपके सामने एक अन्य स्थिति का चित्रण करने जा रहे हैं, वह स्थिति जहां भारत के पास वैक्सीन उत्पादन का इतना विशाल इनफ्रास्ट्रक्चर होता ही नहीं! क्या होता अगर भारत में उसकी खुद की बनाई Covieshield और Covaxine जैसी Vaccines नहीं होती? आज भारत की तस्वीर एकदम अलग होती!

संबंधितपोस्ट

असम में छात्राओं को मिलेगी स्कॉलरशिप, बाल विवाह पर भी सीएम ने किया ये ऐलान

टैरिफ विवाद पर मनीष तिवारी देश के साथ, राहुल गांधी के बयानों को किया खारिज

‘साधु’ था या हत्यारा? 10 साल बाद लौटा पति, पत्नी को मार डाला

और लोड करें

लेकिन आगे बढ़ने से पहले हमें बीते सोमवार को दिये गए पीएम मोदी के भाषण पर नज़र डालने की आवश्यकता है। अपने भाषण में भी पीएम मोदी ने इस स्थिति का ज़िक्र किया था। उनके बयान के अनुसार “हमारे पास अपनी वैक्सीन नहीं होती तो भारत जैसे बड़े देश में क्या होता?”

आप पिछले 50-60 साल का इतिहास देखेंगे तो पता चलेगा कि भारत को विदेशों से वैक्सीन प्राप्त करने में दशकों लग जाते थे। विदेशों में वैक्सीन का काम पूरा हो जाता था तब भी हमारे देश में वैक्सीनेशन का काम शुरू नहीं हो पाता था। लेकिन हमने इस समस्या के समाधान के लिए ‘मिशन इंद्रधनुष’ को शुरू किया है।

इसमें कोई दो राय नहीं है कि अगर आज भारत के पास स्वदेशी वैक्सीन नहीं होती तो शायद भारत को अब तक वैक्सीन मिल भी नहीं पाती। वैक्सीन ना होने के कारण कोरोना महामारी देश में और अधिक विकराल रूप धारण कर लेती और न जाने कितने और मासूम लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ता। पोलियो Vaccine के उदाहरण से इस स्थिति को समझा जा सकता है।

अमेरिका जैसे पश्चिमी देशों ने वर्ष 1955 में ही Polio vaccine का उत्पादन कर उसका इस्तेमाल करना शुरू कर दिया था। दूसरी ओर भारत जैसे देश इस बीमारी से जूझते रहे। वर्ष 1979 आते-आते अमेरिका ने अपने आप को पोलियो-मुक्त देश घोषित भी कर दिया और भारत में उस दौरान दुनिया में सबसे अधिक केस दर्ज किए जाते थे।

इस सब के बाद वर्ष 1994 में 2 अक्टूबर के दिन, यानि अमेरिका के करीब 40 वर्षों बाद भारत में पोलियो वैक्सीनेशन का काम शुरू हो पाया था। उस वक्त की तुलना कीजिये, और आज की तुलना कीजिये और देखिये कि भारत कहाँ से कहाँ पहुँच चुका है।

अगर आज भारत के पास अपनी खुद की वैक्सीन ना होती, तो उसे, ज़ाहिर सी बात है, बाहर से ही Vaccine इम्पोर्ट करनी पड़ती! लेकिन बड़ा सवाल यह है कि भारत को इस समय वैक्सीन देता कौन? अमेरिका से लेकर यूरोप, सब पश्चिमी देश सबसे पहले अपने नागरिकों को वैक्सीन प्रदान करने की कोशिश में जुटे हैं।

आज अमेरिका में करीब 42 फीसदी आबादी को कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज़ प्रदान की जा चुकी है। इसके अलावा यूरोप के अधिकतर देश भी करीब-करीब 50 प्रतिशत आबादी को वैक्सीन प्रदान कर चुके हैं।

यहाँ दिये हुए Map से आप दुनियाभर में जारी वैक्सीनेशन कैम्पेन का एक तुलनात्मक अध्यन्न कर सकते हैं।

और पढ़ें: ‘आत्मानिभर भारत ही एकमात्र रास्ता है’, भारत के प्रति तथाकथित वैश्विक शक्तियों की उदासीनता ने यह साबित कर दिया है

इन सब देशों के भारत के बारे में क्या विचार हैं, वो भी आप समझ लीजिये! अप्रैल में अमेरिका ने भारत को झटका देते हुए कहा था कि वह भारत को वैक्सीन उत्पादन में इस्तेमाल किए जाने वाले कच्चे माल के निर्यात पर से प्रतिबंध नहीं हटा सकता।

यह तब हुआ था जब Serum Institute of India के CEO अदार पूनावाला ने ट्वीट कर अमेरिका से सहायता मांगी थी। सोचिए जो अमेरिका, भारत को कच्चा माल देने से मना कर रहा हो, वो क्या भारत को समय रहते वैक्सीन प्रदान कर पाता? कभी नहीं!

अब यूरोप की नियत भी देख लीजिये! जर्मन चांसलर एंगला मर्कल ने अप्रैल महीने में ही भारत को अकड़ दिखाते हुए कहा था कि भारत को इतना बड़ा फार्मा हब बनने की छूट हमने दी है, यानि जर्मनी ने भारत को फार्मा सेक्टर का सुपरपावर बनाया है। वह जर्मनी जो खुद आज बर्बादी के मुहाने पर खड़ा है, जिसकी विश्व में स्थिति कुछ खास बची नहीं है, वह यह दावे कर रहा था कि उसने भारत को खड़ा किया है।

मर्कल के बयान के अनुसार “बेशक, हमने भारत को इतने बड़े फार्मास्यूटिकल निर्माता बनने की अनुमति दी है। इस उम्मीद से कि भारत इसका सम्मान करेगा। यदि अब ऐसा नहीं होता है, तो हमें पुनर्विचार करना होगा।”

यह सुनकर जर्मनी पर केवल दया ही की जा सकती है! जर्मनी अपने आप को उस शीशे में देखकर खुश हो रहा है जहां हर बिल्ली को उसके प्रतिबिंब में एक शेर दिखाई देता है।

इसी यूरोप ने भारत और दक्षिण अफ्रीका की उस अर्जी को अस्वीकार करने का ऐलान किया था, जिसके तहत दुनियाभर की Vaccines के निर्माण हेतु IPRs यानि Intellectual Property Rights के बंधन आंशिक रूप से हट जाते! इसके जरिये दुनिया का कोई भी देश दुनिया की किसी भी वैक्सीन का उत्पादन बिना किसी Property Rights के झंझट के कर पाता और सभी को जल्दी और सस्ती vaccine प्राप्त होती।

यूरोप ने इससे भी मना कर दिया था, क्योंकि उनके अनुसार इससे उनकी कंपनियों को घाटा सहना पड़ता! हालांकि, अब वैश्विक दबाव के बाद यूरोप और अमेरिका ने IPR के waiver को समर्थन दे दिया है। जो यूरोप भारत को अकड़ दिखाता हो और IPR के मामले तक में टांग अड़ाने की कोशिश करता हो, उससे सहायता की उम्मीद नहीं की जा सकती।

तो भारत को वैक्सीन किससे मिलती? चीन से? वो चीन, जिसकी वैक्सीन पर उसके खुद के लोगों को विश्वास नहीं है! चीनी वैक्सीन ना सिर्फ घटिया हैं बल्कि खतरनाक भी हैं! चीनी वैक्सीन इस्तेमाल करने वाले देश जैसे UAE, बहरीन और सेशेल्स आज पछता रहे हैं। UK और सऊदी अरब जैसे देश तो चीनी वैक्सीन को मान्यता प्रदान करने से इंकार कर चुके हैं।

क्या भारत ऐसी घटिया वैक्सीन के लायक है? शायद नहीं! इतना ही नहीं, चीन भारत का सबसे बड़ा दुश्मन है। उन घटिया वैक्सीन के बदले में भी चीन भारत के सामने क्या-क्या मांग रखता, उसकी कल्पना ही की जा सकती है। दूसरी ओर भारत को रूस जैसा देश भी अपनी वैक्सीन प्रदान कर पाने में असफ़ल साबित होता क्योंकि उसके पास 135 करोड़ लोगों के लिए वैक्सीन उत्पादन करने का विशाल infrastructure मौजूद नहीं है। उसकी Sputnik V वैक्सीन की बड़ी मात्रा को भी भारत में ही बनाया जा रहा है।

अगर आज भारत के पास स्वदेशी Vaccines नहीं होती तो भारत को शायद दान में कुछ लाख वैक्सीन ज़रूर मिल पाती लेकिन 135 करोड़ लोगों के लिए वैक्सीन शायद आज से 10 सालों के बाद भी नसीब ना होती और भारत में ऐसे ही लाखों लोग हर साल अपनी जान से हाथ धोते रहते। भारत का शुक्र है कि आज भारत के पास Serum Institute of India और Bharat Biotech जैसे संस्थान हैं।

शेयर50ट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

बिहार के बांका जिले में मदरसे के ट्रंक में रखे बम विस्फोट में मौलवी की हुई मौत, शव को छोड़ भागे सभी लोग

अगली पोस्ट

हिमंता, सिंधिया, प्रसाद और भविष्य में शायद पायलट और देवड़ा भी, युवा नेता कांग्रेस से किनारा क्यों कर रहे हैं?

संबंधित पोस्ट

यात्राएं जो बनीं बदलाव का रास्ता: बीजेपी के उदय और राष्ट्रवाद के जागरण की कहानी
भारत

यात्राएं जो बनीं बदलाव का रास्ता: बीजेपी के उदय और राष्ट्रवाद के पुनर्जागरण की कहानी

5 August 2025

स्वतंत्रता के बाद से देश में कई आंदोलन हुए। इसी कड़ी में तीन ऐसी यात्राएं हैं, जिन्होंने देश की तस्वीर तो बदली ही, ऐसी सरकार...

युवाओं के परिप्रेक्ष्य में ‘अनुच्छेद 370’ का निरस्तीकरण: तर्क, आवश्यकता और इतिहास
चर्चित

युवाओं के परिप्रेक्ष्य में ‘अनुच्छेद 370’ का निरस्तीकरण: तर्क, आवश्यकता और इतिहास

5 August 2025

आज 5 अगस्त है और 5 अगस्त भारत के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखी जाने वाली तिथि है। ऐसा इसलिए क्योंकि 5 अगस्त, 2019...

मालेगांव ब्लास्ट मामले के निर्णय से सिद्ध हुआ “न हिंदू पतितो भवेत्”
चर्चित

मालेगांव ब्लास्ट मामले के निर्णय से सिद्ध हुआ “न हिंदू पतितो भवेत्”

2 August 2025

17 वर्ष की प्रतीक्षा, 6200 से अधिक दिन और 1 अनकहा नैरेटिव—जिसे सत्ता, मीडिया और राजनीति ने मिलकर गढ़ा था। मालेगांव विस्फोट मामले में साध्वी...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

himalayan fragility exposed. Dharali: Not Just A Cloudburst?

himalayan fragility exposed. Dharali: Not Just A Cloudburst?

00:20:21

India’s Project-18 Warship Will Crush China’s Indo-Pacific Dreams

00:05:52

PRALAY MISSILE: Know about India’s 5,000 kg Beast That Can Evade Any Radar

00:05:52

Is Congress Against Migrants? Chidambaram Calls Biharis 'Illegal Voters'

00:07:49

Gandhi Family Losing Grip allies Disown Rahul’s Trump-Style Attack on Indian Economy

00:06:28
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited