पूर्वोत्तर भारत के राज्यों और वहां के नागरिकों को लेकर देश के मुख्यधारा के एक बड़े वर्ग में हीन भावना रहती है। मीडिया के साथ भी कुछ ऐसा ही है, यही कारण है कि देश के अन्य राज्यों में हुई घटनाएं तो मीडिया में आसानी से दिख जाती हैं, लेकिन पूर्वोत्तर राज्यों की खबरें दब जाती हैं। टेलीविजन के पत्रकार वर्ग में भी पूर्वोत्तर राज्यों को लेकर कितनी हीन भावना है, इसका एक बड़ा सबूत इंडिया टुडे के पत्रकार राहुल कंवल के बयान से सामने आया है, जो कि नागालैंड को भारत से अलग बताने का संकेत दे रहा है। राहुल के इस बयान के बाद उनकी आलोचनाओं का सिलसिला शुरू हो गया। अब इस बयान के लिए माफ़ी भी मांगी है, लेकिन ये माफी काफी नहीं है। इस मुद्दे पर एक्शन की आवश्यकता हैं।
दरअसल, इंडिया टुडे के अंग्रेजी चैनल पर राहुल कंवल पंजाब नेशनल बैंक के घोटालेबाज मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण को लेकर नागालैंड के डीजीपी रिपुन शर्मा से बात कर रहे थे। ऐसे में जब अचानक रिपुन का कनेक्शन कट गया, वो दोबारा कनेक्ट हुए तो उन्होंने बताया कि बिजली कटने के कारण ये दिक्कत हुई। इसको लेकर राहुल कंवल ने एक अजीबो-गरीब आपत्तिजनक बयान दिया और कहा, “कोई बात नहीं, आप नागालैंड में हैं; और बिजली तो भारत में भी चली जाती है।” राहुल के इस बयान कंवल का संकेत था कि नागालैंड भारत का हिस्सा है ही नहीं।
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We need to invite @rahulkanwal to Nagaland very soon!
We need major geography class for major media professionals too!What say @payalmehta100 @AdityaRajKaul @Karma_Paljor ?? https://t.co/KlkIkg3p7k
— Mmhonlumo Kikon (मोदी का परिवार) (@MmhonlumoKikon) June 3, 2021
इस प्रकरण के बाद जब बात सोशल मीडिया में वायरल हुई तो राहुल कंवल की तीखी लानत-मलामत शुरू हो गई। लोग राहुल कंवल से ही सवाल पूछने लगे कि क्या नागालैंड भारत का हिस्सा नहीं है। इतना ही नहीं बीजेपी नेता तेजिंदर पाल सिंह बग्गा ने राहुल कंवल को लताड़ दिया। इसके बाद राहुल कंवल ने माफी मांगते हुए कहा, “ये मेरी गलती है, मेरी जुबान फिसल गई। मैं भारत की जगह दिल्ली बोलना चाहता था।” भले ही राहुल कंवल इसे एक जुबान फिसलने का मसला बता रहे हो, लेकिन ये असल में इनकी बदनीयती है, जो वक्त-बेवक्त जाहिर हो जाती है।
This was a slip of tongue. My apologies. Was meaning to say Delhi. My bad
— Rahul Kanwal (@rahulkanwal) June 3, 2021
ऐसा कई बार देखा गया है कि जिस तीव्रता के साथ भारत के अन्य राज्यों से मिलने वाली खबरों को वरीयता दी जाती है, उतनी तीव्रता पूर्वोत्तर के राज्यों को नहीं दी जाती। असम, अरुणाचल, त्रिपुरा, मेघालय, मणिपुर, मिजोरम और नागालैंड के लोगों की समस्याएं कभी भी मुख्यधारा की मीडिया में नहीं दिखती है। इन सभी राज्यों में बिजली, पानी, सड़क समेत प्राथमिक आधारभूत ढांचे की बड़ी समस्याएं हैं। इसका एक उदाहरण असम में प्रति वर्ष आने वाली बाढ़ है। असम की बाढ़ को राष्ट्रीय मीडिया इतना कवरेज नहीं देती है जितना मुंबई की लोकल ट्रेन के चक्के जाम होने को देती है, और इन सभी कृत्यों में इंडिया टुडे की बड़ी भूमिका है।
Is Nagaland not part of India Mr @rahulkanwal ? pic.twitter.com/YrIZoLNmIw
— Tajinder Bagga (Modi Ka Parivar) (@TajinderBagga) June 3, 2021
https://twitter.com/AmanSin15924547/status/1400339750033055744?s=19
अनेकों समस्याओं के हल न होने और मुख्यधारा से कटने के कारण लोग इन इलाकों में ULFA जैसे अलगाववादी और आतंकी संगठनों का रुख कर लेते हैं, जो देश की संप्रभुता के लिए लिए मुश्किल भरा सबब होता है। ऐसे में आवश्यकता ये है कि सरकारों के अलावा मीडिया और समाजिक संगठनों को भी नॉर्थ ईस्ट के प्रति अपना रुख़ नर्म करना होगा। इसके विपरीत राहुल कंवल का नागालैंड को लेकर दिया गया बयान भारत की संप्रभुता पर ही सवाल खड़े करता है, जो कि तीखी आलोचना का विषय है।
हमेशा की तरह ही राहुल कंवल ने इस बार भी गलती करने के बाद माफी की नौटंकी कर ली है, लेकिन राहुल कंवल के इस कारनामे के लिए अब उनके खिलाफ सख्त एक्शन की आवश्यकता है, क्योंकि ये अन्य मीडिया संस्थानों के लिए एक सबक होगा, सबक ये कि नॉर्थ ईस्ट को भारत से अलग देखने की सोच उन पर भारी पड़ सकती है।