लेफ्ट ब्रिगेड और सेक्युलर पार्टियाँ अवैध धर्मांतरण करने वाले उमर गौतम के पक्ष में
यूपी एटीएस ने दो आरोपियों जहांगीर कासमी और उमर गौतम को धर्मांतरण के आरोप में गिरफ्तार किया है, अब उनके समर्थन में कई सेक्युलर पार्टियां सामने आ चुकी है। दरअसल, उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार को राज्य के आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) और पुलिस को निर्देश दिया कि वह धर्मांतरण में शामिल लोगों की पहचान कर उन पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) और उत्तर प्रदेश गुंडा एवं असामाजिक गतिविधियां (निषेध) अधिनियम के तहत मामला दर्ज करें।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार ने पुलिस को आरोपी के वित्तीय लेन-देन की जांच करने और उनकी संपत्ति जब्त करने के निर्देश भी दिए। इसके बाद से ही उमर गौतम के समर्थन में सोशल मीडिया पर ट्रेंड चल रहा है।
ट्विटर पर #SupportUmarGautam के हैशटैग से ट्रेंड चलाया जा रहा है और रिहाई की मांग के साथ बीजेपी पर इस्लाम विरोधी होने का आरोप लगाया जा रहा है।
यानी उत्तर प्रदेश का यह खतरनाक धर्मांतरण माफिया अब लेफ्ट ब्रिगेड और सेक्युलर पार्टियों का चहेता बन चुका है। उमर गौतम के समर्थन में ट्वीट करते हुए टीपू सुल्तान पार्टी ने लिखा कि मुस्लिमों को जानबूझ कर जेल में भेजा जा रहा है।
Muslims are being thrown in jail unnecessarily in the country
— Tipu Sultan Party ٹیپو سلطان پارٹی (@TSP4India) June 24, 2021
ट्विटर पर खुल कर समर्थन की आवाज़ उठ रही है
वहीँ कांग्रेस के चाँद बाबु का कहना है कि अल्लाह ने कुरान में साफ तौर पर एक दूसरे को हक की ओर बुलाने को कहा है। हिदायत तो सिर्फ अल्लाह के हाथ में है लेकिन एक मुसलमान होने के नाते यह हमारा फर्ज है कि हम दीन सीखें और उसका संदेश फैलाएं। मौलाना उमर गौतम यही कर रहे थे। और हम बिना शर्त उसके साथ खड़े हैं।
वहीं, एक और स्कॉलर ने ट्वीट किया, “डॉक्टर मोहम्मद उमर गौतम और मुफ्ती जहांगीर कासिम साहब को आज जमानत मिलने वाली थी लेकिन योगी ने उन पर एनएसए और गैंगस्टर एक्ट लगाने को कहा है। दिल्ली दंगा मामले में सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों के लिए भी यही पैटर्न इस्तेमाल किया गया था। उनकी रिहाई के लिए आवाज उठाएं।“
https://twitter.com/MuftiWahidSdy/status/1408107054493933572?s=20
वहीं, एक पत्रकार ने लिखा कि, “दूसरों को इस्लाम में बुलाना एक सम्मानजनक मिशन है”
https://twitter.com/SamiullahKhan__/status/1408095255396687875?s=20
Please retweet as many people as possible, so that more people can tweet on time.#StandWithUmarGautam pic.twitter.com/4HAIFQCIs4
— Ammar Akhtar farooqui (@Ammarakhtar81) June 24, 2021
https://twitter.com/007QaQa/status/1408108497854676995?s=20
https://twitter.com/MuftiWahidSdy/status/1408111226375135236?s=20
बता दें कि जहांगीर कासमी और उमर गौतम की गिरफ़्तारी के बाद से ही देश भर में चलाया जा रहा धर्मांतरण रैकेट का खुलासा हुआ और रोज नए सच सामने आ रहे हैं। दैनिक जागरण की रिपोर्ट के अनुसार मौलाना मोहम्मद उमर गौतम और जहांगीर को अपना काला कारोबार आगे बढ़ाने के लिए इस्लामिक देशों से भरपूर मदद मिली।
उमर गौतम कई वर्षो से धर्मांतरण कार्य में संलिप्त है
उमर गौतम ने पूछताछ में ये भी बताया कि असम से सांसद बदरुद्दीन अजमल के कहने पर 2011 से 2012 के बीच दिल्ली में इस्लामिक दवाह सेंटर की स्थापना की गई। उमर गौतम तो अपने काम का प्रचार-प्रसार करने आठ से दस देशों में भी गया था। इस्लामिक देशों से मदद मिलने के मामले में इस्लामिक दवाह सेंटर से 600 से ज्यादा कागजात मिले हैं।
रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश शासन में अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि मतांतरण के प्रकरण में हमको विदेशों से फंडिंग के पुख्ता सबूत मिले हैं। एक खाता भी कनफर्म हो गया है, जिसमें विदेशों से रकम आती थी। यह धनराशि क्यों और कैसे आती थी, इसकी जांच की जा रही है। लखनऊ से पकड़े गए मौलाना उमर के पास इस्लामिक देशों से मिले फंड से अरबों की संपत्ति भी है। उन्हें पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से फंडिंग मिलने की भी बात कही जा रही है। ऐसा लगता है कि यह धर्मांतरण रैकेट एक सुनियोजित अथवा सुसंगठित इस्लामिक कन्वर्जन सिंडिकेट से जुड़ा है।
यह विडम्बना ही है कि ऐसे लोगों को भी देश में समर्थन मिल रहा है। हालांकि, ये कट्टर इस्लामिस्टो की “गजवा-ए-हिन्द” का पुराना सपना रहा है। उम्मर गौतम का यह सिंडिकेट जिस व्यापकता के साथ पूरे भारत में फैला हुआ है और विदेश से फंडिंग की बात सामने आई है उससे ऐसा लगता है कि यह भी “गजवा-ए-हिन्द” का ही हिस्सा था।