सुवेंदु अधिकारी बंगाल में भाजपा की सबसे बड़ी संपत्ति हैं
भाजपा को पश्चिम बंगाल में सुधार की सख्त जरूरत है। 2024 के लोकसभा चुनाव में फिलहाल ढाई साल ही बचे हैं। ऐसे में भाजपा को बिना समय बर्बाद किए, तुरंत काम पर लग जाने की जरूरत है। इसकी शुरुआत पार्टी को अपने खेमे को व्यवस्थित करने के साथ करनी चाहिए। भाजपा की बंगाल राज्य इकाई – जिसमें TMC के नेता बड़े पैमाने पर शामिल हैं, उसमें बड़े बदलाव की ज़रूरत है।
भाजपा को राज्य में अपने पार्टी संगठन को मज़बूत करने की जरूरत है। ऐसे नेताओं को साथ लेकर आगे बढ़ने की ज़रूरत है, जो कि बीजेपी के विकासशील विचारधारा के कारण जुड़ रहे हो, न कि मुकुल रॉय और उनके बेटे की तरह राजनितिक फायदों के लिए, जो कभी भी पीठ में छुरा घोंप दे।
ऐसे में पश्चिम बंगाल में – सुवेंदु अधिकारी एक दिग्गज नेता बन कर उभरे है। उन्होंने नंदीग्राम में ममता बनर्जी को हराया, फलस्वरूप उन्हें राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता के रूप में नियुक्त किया गया। सुवेंदु अधिकारी बंगाल में भाजपा की सबसे बड़ी संपत्ति हैं।
बीजेपी के लिए यह बुद्धिमानी होगी कि वह अगले पांच वर्षों के लिए अधिकारी को पार्टी के चेहरे के रूप में पोषित करे। उन्हें जमीनी स्तर पर पार्टी की ओर से आलोचनात्मक रणनीति बनाने का काम सौंपा जाना चाहिए। इतना ही नहीं साल 2026 विधान सभा चुनाव में सुवेंदु अधिकारी को भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में भी पेश किया जाना चाहिए।
अधिकारी ममता बनर्जी के आंखों में कांटे की तरह चुभने लगे है। इस बात का अंदाजा कल हुई गतिविधि से लगा सकते है। दरअसल, मुकुल रॉय के TMC से जुड़ने के मौके पर आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब एक पत्रकार ने बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी को लेकर सवाल किया तो CM ममता खड़ी हो गईं और घोषणा कर दी कि प्रेस कॉन्फ्रेंस खत्म हो चुकी है।
इसमें कोई दो राय नहीं है कि बंगाल में भाजपा को भारी नुकसान हुआ क्योंकि बीजेपी ने बंगाल में सीएम के लिए कोई उम्मीदवार तय नहीं किया था। वहीं तृणमूल कांग्रेस की ओर से ममता बनर्जी CM उम्मीदवार थी। CM का चेहरा न दिखाने की इस रणनीति को बदलना चाहिए। पश्चिम बंगाल जैसे राज्य में, जब ममता बनर्जी एक स्ट्रीट फाइटर की तरह लड़ाई लड़ रही है, वहां भाजपा के लिए CM का चेहरा न होना आत्मघाती साबित हो चुका है। ऐसे में उम्मीद करते है कि भाजपा को अब तक सीख मिल चुकी होगी।
गौरतलब है कि भाजपा के लिए विधान सभा चुनावों से पहले और उसके दौरान, पहले की तरह जोश पैदा करना बहुत मुश्किल होगा। चूंकि भाजपा कैडर का मनोबल गिरा हुआ है और पार्टी के जमीनी कार्यकर्ताओं का राज्य में सत्तारूढ़ शासन द्वारा शिकार किया जा रहा है।
भाजपा को अपने कार्यकर्ताओं की रक्षा करनी चाहिए, अन्यथा, पार्टी के पास अब से दो साल बाद अपना झंडा लेकर चलने वाला कोई नहीं होगा और इसका असर होने वाला लोकसभा चुनाव में घातक हो सकता है। ऐसे में सुवेंदु अधिकारी को भाजपा में सुधार के लिए नेतृत्व करना चाहिए।
इसमें कोई संदेह नहीं है कि सुवेंदु अधिकारी पहले से ही केंद्रीय नेतृत्व और बंगाल राज्य इकाई के अनुरूप नेता बन गए हैं। यह जारी रहना चाहिए, और केंद्र की ओर से सुवेंदु अधिकारी को बंगाल में भाजपा संगठन को मजबूत करने के लिए शक्तियां दी जानी चाहिए।