इन दिनों वामपंथी पूरी तरह बैकफुट पर हैं। बंगाल में ममता की विजय से जो उन्हें क्षणिक राहत मिली थी, वो भी अब उड़नछू हो चुकी है। कांग्रेस के टूलकिट के कारण जिस प्रकार से उनकी भद्द पिट रही है, उससे उबरने के लिए उन्होंने योगी आदित्यनाथ पर ‘टूलकिट’ का ठीकरा फोड़ने का प्रयास किया, जिसमें वह बुरी तरह असफल रहे हैं।
हाल ही में सोशल मीडिया पर एक ऑडियो वायरल हुआ, जिसमें यह दावा किया गया कि भाजपा के समर्थन में ट्वीट करने के लिए प्रति ट्वीट के हिसाब से 2 रुपए मिल रहे हैं। इस वायरल ऑडियो में अभिनेता गजेन्द्र चौहान का नाम लेकर कहा गया कि वो ट्वीट को रीट्वीट करेंगे। अब इस ऑडियो के बारे में यह सूचना आई है कि यह एडिटेड है और इस मामले में दो लोगों को कानपुर से गिरफ्तार भी किया गया है। इस वायरल ऑडियो में एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को ट्वीट करने के नियम समझा रहा है और बता रहा है कि एक आईडी से कम से कम 25 ट्वीट करने होंगे।
बस फिर, क्या था, वामपंथियों को मानो योगी सरकार को निशाने पर लेने का मौका मिल गया। वामपंथियों के कट्टर समर्थक माने जाने वाले कथित आईएएस अफसर सूर्य प्रताप सिंह ट्वीट करते हैं, “ये रहा कथित ऑडियो! ये गजेन्द्र चौहान के लीग हैं। कहाँ धर्मराज युधिष्ठिर के नाम से जाने जाते थे, कहाँ 2 – 2 रुपये में ट्वीट करवाने लगे। सूचना विभाग बताए ऐसे हजारों ट्रेंड जो करवाए जाते हैं उसमें कितना खर्च कर रही हैं सरकार? जनता का पैसा उड़ाया जा रहा है जब गरीब दाने दाने को मोहताज है”।
इस वायरल ऑडियो पर तंज कसते हुए द वायर की स्टार पत्रकार रोहिणी सिंह ने भी ट्वीट करते हुए लिखा कि, “आखिरकार भक्तों ने स्वीकार लिया कि उन्हें ट्वीट करने के 2 ही रुपए मिलते हैं।” रोहिणी ने इसे योगी टूलकिट की संज्ञा देते हुए लिखा कि “अधिकारी करोड़ों ले रहे हैं और भक्तों को 2 रुपए ही मिल रहे हैं ।”
लेकिन जल्द ही जांच में यह सामने आया कि यह पूरा मामला ही झूठ के आधार पर बना था। असल में उक्त ऑडियो फेक था और जानबूझकर एडिट करके बनाया गया था। सोशल मीडिया मैनेजमेंट का कार्य करने वाले अतुल कुशवाहा ने इस मामले की थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। अतुल का आरोप था कि उसे बदनाम करने के लिए यह योजना बनाई गई। अंततः जाँच में एक अन्य सोशल मीडिया मैनेजर आशीष पाण्डेय का नाम सामने आया जिसने अतुल के बिजनेस को नीचे करने के लिए यह योजना बनाई –
2 रुपए के ट्वीट मामले में 2 लोग गिरफ्तार. ऑडियो लीक मामले में आशीष पांडेय और हिमांशु सैनी गिरफ्तार कर जेल भेजे गए. pic.twitter.com/xqUH0kzzpW
— Ranvijay Singh (@ranvijaylive) June 6, 2021
कानपुर नगर मीडिया सेल द्वारा जारी वक्तव्य में यह बताया गया कि आशीष पाण्डेय ने अपने अधीनस्थ काम करने वाले हिमांशु सैनी के साथ इस योजना पर काम किया। हिमांशु ने पहले पटना के एक 15 वर्षीय लड़के से सोशल मीडिया पर दोस्ती की फिर उससे फोन पर बात करके ऑडियो रिकॉर्ड कर लिया और एडिट करके उसे वायरल करने लायक बना दिया।
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सच कहें तो अब वामपंथियों के पास नरेंद्र मोदी की केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार को घेरने के लिए कोई भी ठोस मुद्दा नहीं है। वे जिन मुद्दों को उठाते हैं, उसे चंद मिनटों में सोशल मीडिया पर ध्वस्त कर दिया जाता है और बिग टेक द्वारा इस प्रवृत्ति को रोकने के प्रयास भी बुरी तरह असफल रहा। वामपंथी मोदी सरकार और योगी सरकार के लिए टूलकिट के जरिए एक गहरा गड्ढा खोद रहे थे, जिसमें अब वे खुद ही गिर पड़े हैं।