आतंकियों का गढ़ पाकिस्तान दुनिया भर के देशों से अपने रिश्ते सुधारने में लगा हुआ है, लेकिन उसकी हर चाल उसके नापाक इरादों की तरफ ध्वस्त होती हुई नजर आ रही है। इसी कड़ी में पाकिस्तान को रिश्ते सुधारने की एक और कोशिश को बड़ा झटका लगा है। दरअसल, पाकिस्तान ने हाल ही में दुनिया के 32 देशों को ‘मैंगो डिप्लोमेसी’ के तहत आम भेजे थे, लेकिन इसमें से अमेरिका और चीन समेत कई अन्य देशों ने आम लेने से इनकार कर दिया।
बता दें कि अपनी ‘मैंगो डिप्लोमेसी’ पहल के तहत, पाकिस्तान ने इस सप्ताह की शुरुआत में अपने संबंधों को मजबूत करने के प्रयास में 32 देशों के प्रमुखों को आम भेजे। पाकिस्तान के विदेश कार्यालय (एफओ) के अनुसार, पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी की ओर से बुधवार को अमेरिका, चीन, ईरान, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम, अफगानिस्तान, बांग्लादेश और रूस जैसे देशों में आम भेजे गए। चौंसा आम, अनवर रत्तोल और सिंधरी जैसी आम किस्में खेप का हिस्सा थीं।
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हालांकि, कई देशों ने पाकिस्तान की मैंगो कूटनीति पहल को खारिज कर दिया है। अमेरिका जैसे देशों ने COVID-19 की चिंताओं और क्वारंटाइन नियमों का हवाला देते हुए पाकिस्तान के आम की भेंट को स्वीकार करने से इनकार कर दिया है, जबकि फ्रांस ने अभी तक पाकिस्तान के इस पहल पर कोई प्रतिक्रिया ज़ाहिर नहीं की है।
पाकिस्तान के सबसे करीबी मित्र चीन ने भी उसकी मैंगो डिप्लोमेसी की पहल को सिरे से खारिज कर दिया है। गौरतलब है कि पाकिस्तान की ‘मैंगो डिप्लोमेसी’ का चीन से खास जुड़ाव रहा है। 1960 के दशक में पाकिस्तानी विदेश मंत्री मियां अरशद हुसैन ने माओत्से तुंग को आम उपहार में दिए थे, परंतु वर्तमान में पाकिस्तान का फल स्वीकार नहीं किया गया जिससे पाक को तिरस्कार झेलना पड़ा है।
बता दें कि कनाडा, नेपाल, मिस्र और श्रीलंका जैसे देशों ने भी पाकिस्तान के आमों को COVID-19 चिंताओं का हवाला देते हुए वापस देश में लौटा दिया है।
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दुनियाभर में पाकिस्तान अपने आतंक के लिए जाना जाता है। कभी वह भारत के खिलाफ आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देने की कोशिश करता है तो कभी किसी अन्य देश के खिलाफ कोई षड्यंत्र रचते हुए धरा जाता है, जिसके कारण FATF की क्षेत्रीय शाखा एशिया प्रशांत समूह (एपीजी) ने पाकिस्तान का ‘इनहैंस्ड फालोअप’ दर्जा बरकरार रखा है। एपीजी के इस कदम से पाकिस्तान का FATF की निगरानी सूची में बने रहना निश्चित हो गया है।
बता दें कि कोरोना संक्रमण के पहले से ही पाकिस्तान में आर्थिक संकट से जूझ रहा है। पाकिस्तान इन देशों से अपने संबंध मजबूत करना चाहता है इसलिए आम भेजकर रिश्तों में जमी खटास को दूर करने की कोशिश में था, परंतु हर बार की तरह इस बार भी पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ी है।