सोशल मीडिया पर अक्सर आपने पढ़ा या सुना होगा, ‘ऐसी वाणी बोलिए कि जमकर झगड़ा होय, पर उनसे पंगा न लीजिए जो आपसे तगड़ा होय!’ इस बात पर न 1996 में आमिर सोहेल ने ध्यान दिया, और न ही आज कुछ अति उत्साही बालकों ने। भिड़ गए पूर्व क्रिकेटर वेंकटेश प्रसाद से। वेंकटेश प्रसाद ने तब भी बिना लाग लपेट के जबरदस्त जवाब दिया था, और आज भी अपने ट्वीट द्वारा सनातन संस्कृति का अपमान करने वालों को जोरदार जवाब दिया है।
जैसा कि हमने अपनी एक रिपोर्ट में भी बताया था, नासा ने इंटर्नशिप के लिए आवेदन मंगाने के लिए एक तस्वीर ट्विटर पर पोस्ट की जिसमें प्रतिमा राय देवी सरस्वती, देवी दुर्गा, भगवान राम-सीता की मूर्तियों और तस्वीरों के साथ नजर आ रही हैं। कुछ अति उत्साही वामपंथियों को सनातन संस्कृति के प्रति यह प्रेम रास नहीं आया। उन्होंने अपनी घटिया सोच को जगजाहिर करते हुए प्रतिमा और नासा को उल्टा सीधा सुनाना शुरू कर दिया।
अपने आप को एक प्रगतिशील संस्थान कहने वाला मिशन अंबेडकर ट्विटर पर ट्वीट करता है, “इसको देखकर हमने कहा – साइंस का नाश कर दिया नासा ने!”
https://twitter.com/MissionAmbedkar/status/1414079976622546956
ऐसे ही एक घोर जातिवादी यूजर दिलीप मण्डल ने नासा को आरक्षण न लागू करने के लिए दोषी ठहराया।
7% of @NASA employees are Asian Americans. This category includes Chinese, Koreans, Indians etc. This is happening only because NASA, like all US institutions, follows affirmative action. Oppressor Caste Indians, getting there due to diversity quota, oppose reservations in India. pic.twitter.com/IGGFswJeft
— Dilip Mandal (@Profdilipmandal) July 12, 2021
पूर्व भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी वेंकटेश प्रसाद ने इन सभी को आड़े हाथों लिया। वेंकटेश प्रसाद ने इन लोगों को जवाब देते हुए ट्वीट किया, “जिसने अपनी आस्था को गले से लगाया, और उसे सबके सामने स्वीकार किया, उसका आप लोग [मिशन अंबेडकर] उपहास उड़ाते हो। वहीं, पर प्रकाश अंबेडकर के स्वास्थ्य के लिए उनके अनुयायी पानी की तरह दूध को शिवलिंग पर बहा रहे हैं। यदि बाबा साहब अंबेडकर अभी जीवित होते, तो आपके कृत्यों को देखकर शर्म से पानी पानी हो गए होते!”
Mocking her for wearing her heart on her sleeves & being a devotee.
On the other hand supporters putting Milk on Shivalinga,praying for recovery of Prakash Ambedkar's health,who is grandson of the great Dr. Ambedkar.
Babasaheb would have been ashamed of this handle using his name https://t.co/jhYrUWNmNp pic.twitter.com/OjSVg5mJgL— Venkatesh Prasad (@venkateshprasad) July 13, 2021
हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब वेंकटेश प्रसाद ने ट्वीट द्वारा हिन्दू विरोधियों को आड़े हाथों लिया हो। जब से उन्होंने सोशल मीडिया पर कुछ महीनों पहले पदार्पण किया, वे उसी अंदाज में प्रभावशाली ट्वीट्स कर रहे हैं, जिस अंदाज में वे कभी बल्लेबाजों के छक्के छुड़ाते थे। अक्सर ही उन्हें कई महत्वपूर्ण अवसरों पर संस्कृत में अभिवादन करते देखा गया है, जैसे उन्होंने Doctors Day के अवसर पर किया –
शरीरे जर्जरीभूते व्याधिग्रस्ते कलेबरे ।
औषधं जाह्नवीतोयं वैद्यो नारायणो हरिः ॥“When the body is decrepit and ridden with disease, the medicine is as remedial and sacred as the waters of Ganga and the doctor is (equal to) Lord Hari -Narayana himself.”
Happy Doctors Day
— Venkatesh Prasad (@venkateshprasad) July 1, 2021
इससे पहले भी वेंकटेश प्रसाद ने अपने ट्वीट से कई हिन्दू विरोधियों की अपने अनोखे अंदाज में धुलाई की। जब विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल के दौरान एक CAA विरोधी यूजर CJ Werleman भारत के हार की दुआ सिर्फ इसलिए कर रहा था, क्योंकि वह हिन्दू बाहुल्य है, तो वेंकटेश प्रसाद ने ट्वीट किया, ‘दोनों टीमों से चाहे जो भी जीते, ठीक है। लेकिन ये आदमी कितना उदास और दयनीय है जिसको प्रकाशनों में लिखने का मौका दिया जाता हो और वो उन्हीं को खराब बोलता है। दुखी आत्मा जल्दी से ठीक हो जाओ ताकि अच्छी बातें भी कर सको।’
Whoever wins is fine, but what a sad low and miserable life this man is. The fact that this man is given an opportunity to write in publications speaks poorly of the publications. Get well soon Mr Miserable https://t.co/J5f1gbz9YV
— Venkatesh Prasad (@venkateshprasad) June 13, 2021
लेकिन जब मिशन अंबेडकर ने अपने बचाव में कुछ बेतुके तर्क देने का प्रयास किया, तो वेंकटेश प्रसाद ने अपने ट्वीट से चुटीली शैली में जवाब दिया, “लगता है तुम्हें प्रेम, आस्था और भक्ति का कोई ज्ञान नहीं है। अपनी मर्जी के अनुसार बिना सोचे समझे ज्ञान देना असलीयत है और तुम्हारे सतही ज्ञान का परिचायक है। समझ तो तुमको कुछ आना नहीं, फिर भी आशा करता हूँ कि ईश्वर तुम्हें सद्बुद्धि दे!”
Think you have no idea of devotion, love and faith.
Misquoting as per convenience without understanding context is lethargic and speaks of your superficial understanding.
Though you don’t seem to believe in blessings, may God bless you with Sadbuddhi. https://t.co/6n6eHS2a2Q— Venkatesh Prasad (@venkateshprasad) July 13, 2021
ऐसे में वेंकटेश प्रसाद ने अपने ट्वीट से न सिर्फ हिन्दू विरोधी संगठनों को सोशल मीडिया पर क्लीन बोल्ड किया है, बल्कि एक स्पष्ट संदेश भेजा है – सनातन संस्कृति खिलाफ बोलने से पहले दस बार सोचना। अपने व्यंग्यात्मक शैली में उन्होंने ऐसे अतिउत्साही वामपंथियों को आईना दिखाया है।