प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल मंत्रिमंडल में फेरबदल अथवा विस्तार करके एक चीज़ साफ कर दिया है कि उन्हें जमीन से जुड़े और जमीनी स्तर पर काम करने वालों नेताओं की परख है। ऐसे में अगर हम बात करें ज्योतिरादित्य सिंधिया की तो सिंधिया अपने राज्य मध्यप्रदेश में कोरोना काल में लोगों की मदद करने में हमेशा अग्रसर रहे हैं। इसके साथ ही सिंधिया अपने संसदीय क्षेत्र गुना में काफी ज्यादा लोकप्रिय है। फलस्वरूप, पीएम मोदी ने उन्हें नागरिक उड्डयन मंत्रालय की जिम्मेदारी दी है।
मध्यप्रदेश से राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया राजनेता के दोनों पैमाने पर खरे उतरे हैं जहां पहला, राजनेता द्वारा अपनी जनता की सेवा करना और दूसरा यह कि अपने विरोधियों को ध्वस्त कर देना। बता दें कि सिंधिया ने बिल्कुल ऐसा ही किया है, कोरोना जब चरम पर था, तब राज्यसभा संसाद सिंधिया जमीनी स्तर पर काम कर रहे थे। अपने लोगों की मदद कर रहे थे। इतना ही नहीं सिंधिया प्रशासनिक तौर पर भी सबसे आगे दिखे थे। उन्होंने राज्य सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कोरोना से निजात पाने के लिए मध्य प्रदेश में युद्ध स्तरीय तैयारी की थी। नतीजतन आज मध्यप्रदेश कोरोना काल से बाहर निकलते हुए दिखाई दे रहा है।
आज मंदसौर में कोरोना काल के दौरान दिवंगत हुए भाजपा कार्यकर्ताओं व उनके प्रियजनों को श्रद्धांजलि अर्पित की एवं शोक संतप्त परिजनों से मिलकर शोक संवेदना व्यक्त की। pic.twitter.com/Vh5GgQrOGg
— Jyotiraditya M. Scindia (मोदी का परिवार) (@JM_Scindia) July 5, 2021
कोरोना संक्रमण की संभावित तीसरी लहर की रोकथाम, बचाव के लिए ऑक्सीजन बेड, वेंटिलेटर सहित अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता को लेकर आज ग्वालियर शहर के वरिष्ठ चिकित्सकों से विस्तृत चर्चा की। pic.twitter.com/16OcWFnvDL
— Jyotiraditya M. Scindia (मोदी का परिवार) (@JM_Scindia) June 21, 2021
राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस को अलविदा कहने के बाद, वो हमेशा ही कांग्रेस पार्टी के ऊपर आक्रमण अंदाज़ में दिखे हैं। बहरहाल, वो कांग्रेस आलाकमान के ऊपर नरम दिखे है, पर मध्यप्रदेश कांग्रेस के ऊपर उनकी तीखी प्रतिक्रिया हमेशा ही राज्य के समाचार पत्रों की सुर्खियों में रही है। इसका सबसे ताजा उदाहरण हाल ही में देखने को मिला है। दरअसल, सिंधिया रतलाम दौरे पर गए हुए थे, जहां वह कोरोना संक्रमण से जान गवाने वाले लोगों से मिले। उस दौरान सिंधिया ने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए कहा था कि, “कमलनाथ के पास जनता के लिए समय नहीं था। जिनकी आशा- अभिलाषा केवल भ्रष्टाचार पर टिकी हो और जिनके सिद्धान्त वादाखिलाफी पर टिके हों, उनकी सरकार होती तो न जाने प्रदेश का क्या हाल होता।“
ठीक उसी तरह ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस पार्टी के नेता और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को भी नहीं छोड़ा। साल 2020 में सिंधिया ने अपनी एक सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि,‘दिग्विजय सिंह और कमलनाथ दोनों देश के गद्दार है। दोनों ने राज्य की जनता को लूटा है। आज राज्य 8,000 करोड़ रुपये के कर्ज में है। इन दोनों ने कर्ज माफी के बहाने राज्य को लूटा है।‘
'Traitors', 'Rs 8,000 crore debt': @JM_Scindia attacks ex-Congress colleagues
Scindia accused ex-Madhya Pradesh CM Kamal Nath and Digvijaya Singh of leaving behind a debt of Rs 8,000 crore for successor Shivraj Chouhan. pic.twitter.com/wwiOj03Iwr
— Hindustan Times (@htTweets) September 12, 2020
इसमे कोई शक नहीं है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने क्षेत्र गुना में काफी ज्यादा लोकप्रिय है। हालांकि, 2019 लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रतियोगी के सामने उन्हें हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन उसके बावजूद उन्हें 5 लाख वोट मिले थे। यकीनन सिंधिया को कांग्रेस पार्टी के छाए में रहने की वजह से हार झेलनी पड़ी थी। द प्रिंट की रिपोर्ट के अनुसार, मध्यप्रदेश और गुना की जनता की सबसे बड़ी विडंबना यह थी की, वो ज्योतिरादित्य सिंधिया को सांसद के रूप में तो देखना चाहते थे, लेकिन केंद्र में कांग्रेस की सरकार नहीं चाहते। इसका अर्थ यह है कि सिंधिया को लोकप्रिय होने के बावजूद कांग्रेस पार्टी की वजह से साल 2019 लोकसभा चुनाव में खामियाजा भुगतना पड़ा था।