बिहार की राजनीति में कुछ ना कुछ ऐसा होता ही रहता है जोकि अकल्पनीय होता है। सदन के अंदर इस बार भी कुछ ऐसा ही हुआ। बिहार विधानसभा के अंदर जेडीयू के विधायकों ने राज्य में जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू करने का अनुरोध किया। जेडीयू के साथ-साथ बीजेपी विधायकों ने भी सदन में ये मुद्दा उठाया कि राज्य में यूपी की तर्ज पर जनसंख्या नियंत्रण बिल लाना चाहिए। इन विधायकों ने ये मांग तब उठाई है जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुलेआम इसके विरोध में बोल चुके हैं।
दरअसल, देश की बढ़ती जनसंख्या उसके विकस में बाधक बनती जा रही है। यही कारण है कि कई राज्यों में जनसंख्या को काबू में लाने के लिए, नए प्रावधानों को बनाने की कोशिशें चल रही हैं। जिसमें उत्तर प्रदेश सबसे पहला राज्य है। यूपी में योगी सरकार ने हाल ही में जनसंख्या नियंत्रण को लेकर एक ड्राफ्ट राज्य की जनता के समक्ष रखा है, जिस पर उन्होंने सबके सुझावों को आमंत्रित किया है।
अब कई राज्य सरकारें यूपी की तरह ही जनसंख्या नीति पर काम करने में जुट गई हैं। जिनमें मध्य प्रदेश, गुजरात और अन्य बीजेपी शासित राज्य कतार में हैं वहीं, ऐसे भी राज्य हैं जहां, भाजपा गठबंधन में सरकार चला रही है और उसे वहाँ कठिनाई होने की आशंका थी।
जिनमें बिहार एक मात्र राज्य है, जहां बीजेपी को अपने ही घटक दल से विरोधी स्वर प्राप्त हो रहे हैं। जेडीयू से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस नीति को बिहार के लिए गैर-ज़रूरी बता दिया था। वहीं, अब सदन में जेडीयू के विधायक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बयान से एकदम उलट बात रख रहे हैं। वह मांग कर रहे हैं कि राज्य में शीघ्र-अतिशीघ्र जनसंख्या नीति बनाकर उसे लागू किया जाए।
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बुधवार को विधानसभा में कई विधायकों ने यह मांग उठाई है कि दो बच्चों के प्रावधान को बिहार में लागू किया जाए। इसके साथ ही जनसंख्या पर साल 1999 के करुणाकरण कमेटी के सुझावों को भी लागू करने की मांग की गई है। बिहार विधानसभा में पहली दफा जनसंख्या नियंत्रण को लेकर भाजपा और जदयू के विधायकों ने सदन के अंदर कानून बनाने की मांग की है।
रोचक बात यह थी कि भाजपा तो पहले से ही इसके पक्ष में रही है पर जेडीयू का इस सबंध में एकमत होना राज्य कि सियासत में बहुत बड़ा परिवर्तन लेकर आया है। जदयू विधायक विनय चौधरी, भाजपा विधायक विजय कुमार खेमका, अवधेश सिंह, कृष्ण कुमार ऋषि, और डॉ. सुनील कुमार ने जनसंख्या नियंत्रण कानून की मांग की है।
जहां जेडीयू के स्वर इस मामले में पूरी तरह बदले हुए दिखे तो वहीं बुधवार को कांग्रेस के भी अलग ही तेवर सदन में दिखाई दिए। कांग्रेस विधायक नीतू सिंह ने कहा, “जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाए जाने के पक्ष में कांग्रेस शुरू से है। संजय गांधी ने तो इसके लिए विशेष अभियान चलाने की भी बात कही थी। हम इस बात के पक्षधर हैं कि बिहार में जनसंख्या नियंत्रण कानून बने लेकिन किसी जाति समुदाय या धर्म के लोगों को टारगेट कर यह कानून नहीं बनाया जाना चाहिए।”
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जिस तरह नीतीश पूर्व में जनसंख्या नियंत्रण कानून के विरुद्ध खड़े दिखे हैं और अब जेडीयू के विधायक ही उनकी बात काटकर इस नीति को बिहार में लाने के पक्षधर दिख रहे हैं। आने वाले समय में नीतीश इसके पक्ष में खड़े दिखते हैं या अपनी राय पर अडिग रहते हैं वो देखना रोचक होगा क्योंकि नीतीश अकेले ही विरोध में खड़े रहे तो निश्चित ही हंसी के पात्र बनेंगे।
फिलहाल सदन में यह विधायकों का निजी मत और सरकार से आग्रह मात्र था, राज्य सरकार की ओर से इस पर कोई भी आधिकारिक बयान आना अभी बाकी है। गौरतलब है कि जनसंख्या नियंत्रण को लेकर कानून बनाए जाने पर बीजेपी और जेडीयू की राय अलग-अलग है, लेकिन यह पहला मौका है जब जेडीयू के विधायकों ने बीजेपी के सुर में सुर मिलाया है।
साथ ही विपक्ष का भी सदन में साथ मिलता हुआ नजर आ रहा है। इससे जनसंख्या नीति की राहें बिहार में कितनी आसान होती हैं वो तो आने वाला वक़्त बताएगा पर ये घटक और विरोधी दल के व्यवहार में हुआ बदलाव, बहुत से नए रास्तों को चिन्हित करता है।






























