राजपूत बॉय फॉरेवर लिखने से क्या होता है? कुछ नहीं, बस कुछ वामपंथियों की अंतरात्मा को जलन होती है। कुछ ऐसा ही किया है भारतीय क्रिकेट स्टार रवींद्र सिंह जडेजा ने, जिन्होंने सुरेश रैना के समर्थन में एक ट्वीट राजपूत बॉय फॉरेवर से घोर जातिवादी वामपंथियों को क्रोध से ओंठ चबाने पर विवश कर दिया है –
#RAJPUTBOY FOREVER. Jai hind🇮🇳
— Ravindrasinh jadeja (@imjadeja) July 22, 2021
हाल ही में, तमिलनाडु प्रिमियर लीग में बतौर कमेंटेटर सुरेश रैना को आमंत्रित किया गया था। तमिलनाडु की संस्कृति को लेकर अपना अनुभव साझा करते हुए सुरेश ने अपने जाति का उल्लेख करते हुए बताया कि कैसे इससे उन्हें तमिल संस्कृति से जुडने में सहायता मिली।
इसी बात पर वामपंथी उन्हें जद्द बद्द सुनाने लगे। सनातन संस्कृति का गुणगान करने के लिए नासा की इंटर्न प्रतिमा रॉय को अपमानित करने वाली कुख्यात चरमपंथी संस्था मिशन अंबेडकर एक बार अपने असली रूप में आते हुए ट्वीट किया, “रैना और रवींद्र आप अपनी द्विज जाति का महिमामंडन कर सकते हैं। यह वर्ण व्यवस्था की महिमा है। लेकिन एक शूद्र और एक अछूत अपने वर्ण का महिमामंडन कैसे करेंगे?” –
Hi Raina and Ravindra, you can glorify your Dwij caste. It's a glorification of the Varna System. But how would a Shudra & an untouchable glorify their Varna? @ImRaina @imjadeja pic.twitter.com/X9Xe331eAf
— Mission Ambedkar (@MissionAmbedkar) July 21, 2021
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स्वयं रवींद्र जडेजा भी इसी वामपंथ का शिकार हो चुके हैं। पिछले जब उन्होंने तलवार चलाते हुए एक वीडियो अपलोड की, जिसका शीर्षक था ‘राजपूत बॉय’, तो उसपर वामपंथियों ने उन्हें बहुत अपमानित किया। लेकिन इस बार जो उन्होंने ‘राजपूत बॉय’ ट्वीट किया, वो मानो जानबूझकर किया गया था, ऐसे लोगों को उकसाने के लिए कि हाँ, हूँ मैं उच्च जाति का, जो करना है कर लो।
रवींद्र जडेजा का यही एक राजपूत बॉय ट्वीट इन निकृष्ट वामपंथियों की विकृत मानसिकता को बाहर निकालने के लिए काफी था। कुछ लोग तो सिर्फ इसी राजपूत बॉय ट्वीट बात पर रवींद्र जडेजा को भी ठीक उसी तरह निशाने पर लेने लगे, जैसे सुरेश रैना को लिया गया था। उदाहरण के लिए कुश अम्बेडकरवादी के इस ट्वीट को देख लें,
“वही राजपूत, जिन्होंने अकबर के साथ जोधा ब्याही थी?” –
वही जिन्होंने अकबर के जोधा ब्याही थी?
— The Kush Voice (@Kush_voice) July 22, 2021
एक अन्य जातिवादी यूजर, दिलीप मण्डल ट्वीट करते हैं, “ओके। बाप राजपूत है तो बेटा भी राजपूत ही होगा। वेद से लेकर गीता और मानुस्मृति के हिसाब से तो जाति तो जन्म से ही तय होती है। ज्यादातर जगह तो हिंदुओं के शमशान भी अलग अलग होते हैं। हर जाति दूसरी जाति से नफरत करती है। सिर्फ दंगे के समय ये हिन्दू बन सकते हैं” –
ओके। बाप राजपूत हैं तो बेटा राजपूत ही होगा। वेद से लेकर गीता और मनुस्मृति के हिसाब से जाति तो जन्म से ही तय होती है। ज़्यादातर जगह हिंदुओं के तो श्मशान भी अलग अलग होते हैं। हर जाति दूसरी जाति से नफ़रत करती है, खुद को ऊँचा या नीचा मानती है। सिर्फ दंगे के समय ये हिंदू बन सकते हैं।
— Dilip Mandal (@Profdilipmandal) July 23, 2021
एक ही ट्वीट में सनातन संस्कृति के लिए अपनी घृणा और वामपंथी संस्कृति के प्रति चाटुकारिता दोनों ही दिलीप मण्डल ने प्रदर्शित कर दी। लेकिन रवींद्र जडेजा ऐसे ही वामपंथियों को अंदर तक जलाने तक के लिए प्रसिद्ध है। जब वह क्रिकेट के मैदान पर भी कोई उपलब्धि प्राप्त करते हैं, तो वह चिर परिचित शैली में एक राजपूत की भांति अपने बल्ले को तलवार की भांति चलाते हुए अपनी शैली में सेलिब्रेट करते हैं। इससे भी कई वामपंथियों को समय समय पर दिक्कत रही है।
लेकिन इस बार सुरेश रैना के समर्थन में सिर्फ एक राजपूत बॉय ट्वीट से रवींद्र जडेजा ने वामपंथियों को ऐसा झटका दिया है, जिससे उबरने में उन्हे कई दिन लग सकते हैं। जिस प्रकार से उन्होंने जाति पर गर्व करने की बात कही है, वो भी गलत नहीं है, क्योंकि उन्होंने किसी जाति का अपमान नहीं किया है।
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