भारतनेट योजना से संबंधित एक प्रस्ताव को मंजूरी
केंद्रीय मंत्रिपरिषद ने बुधवार को भारतनेट परियोजना से संबंधित एक प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है जिससे भारत के लाखों गाँवों को तेज इंटरनेट व्यवस्था का लाभ दिया जा सकेगा। भारत सरकार ने देश के 16 राज्यों को इंटरनेट से जोड़ने के लिए पब्लिक प्राइवेट साझीदारी के तहत भारतनेट योजना आगे बढ़ाने का फैसला किया है। इसके लिए 19041 करोड़ रुपये का बजट भी आवंटित किया जाएगा।
केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि PPP मॉडल के तहत इंटरनेट के विस्तार की भारतनेट योजना तैयार करने का निर्णय प्रधानमंत्री के 15 अगस्त, 2020 के भाषण के आधार पर लिया गया है। प्रधानमंत्री ने कहा था कि देश के 6 लाख गांवों को 1000 दिनों में इंटरनेट व्यवस्था प्रदान करने का काम किया जाएगा।
रविशंकर प्रसाद के अनुसार भारतनेट योजना को क्रियान्वित करने के लिए 29,430 करोड़ रुपये का खर्च आएगा जिसमें सरकार 19,041 करोड़ रूपये खर्च करेगी। जिन 16 राज्यों के गांव़ों में ब्राडबैंड सेवा का विस्तार किया जाना है उनमें – केरल, कर्नाटक, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, असम, मेघालय, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश शामिल हैं।
अभी भारतनेट योजना का लक्ष्य 2.5 लाख गांवो को इंटरनेट से जोड़ने का है। इन गांवों को 100 MBPS तक कि इंटरनेट सर्विस देने का लक्ष्य है। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बताया कि अभी सरकार ने 1.58 लाख गांवो को इससे जोड़ लिया है, शेष भी जल्द ही जोड़े जाएंगे, लेकिन सरकार अब PPE मॉडल लेकर आई जिससे भारतनेट योजना के तहत अब 3.61 लाख गांवो को और जोड़ा जाएगा।
16 राज्यों के गावों में इंटरनेट पहुंचाने का है लक्ष्य
16 राज्यों के अतिरिक्त जो राज्य बचे हैं उनमें भी इंटरनेट के गांवो तक विस्तार के लिए दूरसंचार विभाग एक योजना बना रहा है। सरकार अब तक भारतनेट योजना के लिए 61,109 करोड़ रुपये आवंटित कर चुकी है। इससे पहले डेढ़ लाख से अधिक गाँवो तक पहुंचने के लिए 42,068 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। अब प्रथम चरण में बचे 1 लाख गाँवो के लिए 19,041 करोड़ सरकार खर्च करेगी शेष निजी कंपनियाँ।
कोरोना काल में शिक्षा से लेकर व्यापार तक सब कुछ बड़े पैमाने पर इंटरनेट पर आधारित हो गया है। गाँवो में पढ़ने वाले बच्चों को शिक्षा के समान अवसर मिले इसके लिए भारतनेट योजना बड़ी कारगर रहेगी। साथ ही भारत में ई कॉमर्स का चलन जिसप्रकार बढ़ा है उसके विस्तार के लिए यह भारतनेट योजना महत्वपूर्ण है। वैसे भी भारतीय बैंकिंग सेक्टर अपनी सुविधाओं का विस्तार गाँवो तक नहीं कर सका है, लेकिन नेट बैंकिंग इसे बदल सकती है। यह योजना ग्रामीण जीवन स्तर को उठाने में बड़ी भूमिका निभा रही है, इसका विस्तार विकास की असीमित संभावनाएं लेकर आएगा।