कुछ राज्यों को छोड़कर लगभग पूरे देश में कोरोना को विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा अब बहुत हद तक नियंत्रित कर लिया गया है। इसका सीधा असर अर्थव्यवस्था के पुनर्जीवन में देखने को मिल रहा है। मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर में सुधार देखने को मिल रहा है। ICRA रैंकिंग में अर्थव्यवस्था से जुड़े कई सूचकांक जैसे गतिशीलता अर्थात गाड़ियों की आवाजाही, टोल कलेक्शन, फ्यूल कंजप्शन अर्थात तेल का उपभोग, बिजली उत्पादन, गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन आदि में ईयर टू ईयर इंडेक्स में सुधार देखने मिल रहा है।
ICRA रैंकिंग को निर्धारित करने वाली संस्था की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने बताया “कोरोना प्रतिबंध में आ रही राज्यवार ढील, विशेष रूप से दक्षिणी राज्यों में हट रहे प्रतिबंधों के कारण पिछले वर्ष के सामान्य प्रतिमान के ऊपर भी अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए आधार माने जाने वाले 15 में से 8 सूचकांकों में वार्षिक रूप से सुधार देखने को मिला है।”
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हालांकि जुलाई में जून की अपेक्षा सुधार की गति अभी धीमी हुई है लेकिन पिछले वर्ष से तुलना करने पर इस वर्ष प्रदर्शन शानदार रहा है। कोयला उपभोग में वृद्धि हुई है।
महत्वपूर्ण बात यह है कि ICRA रैंकिंग रिपोर्ट यह भी बताती है कि गैर-वित्तीय क्षेत्र से जुड़े 13 में से 10 सूचकांकों में भी सुधार देखने को मिला है। गैर-वित्तीय क्षेत्र में जून की अपेक्षा जुलाई में प्रदर्शन और भी अच्छा रहा है। व्हीकल रजिस्ट्रेशन और जीएसटी ई-वे बिल आदि में मासिक वृद्धि देखने को मिली है।
विक्रय और रीक्रिएशन प्रोडक्ट की बिक्री में 60% तक का उछाल देखने को मिला है, जो सीधे तौर पर मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में सुधार को सूचित कर रहा है। रीक्रिएशन प्रोडक्ट के भीतर ऐसे उत्पादों को रखा जाता है जो कच्चे माल को तैयार करके बनाए जाते हैं। इसमें चिप्स, फर्नीचर, खिलौने आदि आते हैं।
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FASTag टोल में 15.5% का उछाल आया है। जुलाई में 2980 करोड़ का टोल कलेक्शन हुआ है, जो भारत के अधिकतम मासिक कलेक्शन, 3090 करोड़, जो मार्च 21′ में हुआ था, उससे थोड़ा ही कम है।
इसमें मासिक उछाल बताता है कि अभी कुछ महीनों में अधिकतम मासिक कलेक्शन के रिकॉर्ड टूटने वाले हैं। पेट्रोल की बिक्री कोविड पूर्व बेस को भी पार कर चुकी है। हालांकि डीजल कंजप्शन अभी भी कम है।
जुलाई में भारत ने 35 बिलियन डॉलर का मासिक एक्सपोर्ट किया है। यह भारत का अब तक का सर्वाधिक मासिक एक्सपोर्ट है। स्टॉक मार्केट में उछाल देखने को मिला है। भारत में विदेशों से और उससे भी अधिक घरेलू बाजार से निवेश आ रहा है।
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कई कंपनियों के इक्विटी शेयर में बढ़ोतरी हुई है। यह बताता है कि भारत में निवेश को लेकर अभी भी सकारात्मक माहौल है। साथ ही सरकार रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स हटाने जैसे कई महत्वपूर्ण सुधार लागू कर रही है, जिससे भविष्य में भी अर्थव्यवस्था के विस्तार की भविष्यवाणी की जा सकती है।